आपूर्ति किल्लत से अक्टूबर में यात्री वाहन बिक्री प्रभावित हुई। वहीं हाल में, सेमीकंडक्टर की वैश्विक आपूर्ति शृंखला किल्लत से वाहन उत्पादन पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
हालांकि उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि जहां इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है कि यह किल्लत कब तक रहेगी, लेकिन वे कारों में चिपों में कमी लाने जैसे कदम उठाकर उत्पादन की समस्या का सामना करने के लिए तैयार हैं। देश की सबसे बड़ी कार निर्माता मारुति सुजूकी इंडिया (एमएसआई) ने शुक्रवार को अक्टूबर में बिक्री 33 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,08991 वाहन पर दर्ज की। कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में 1,63,656 वाहन बेचे थे। जहां इस कार निर्माता ने कहा है कि मौजूदा अनुमानों के अनुसार, अगले महीने हरियाणा में उसकी दोनों इकाइयों में कुल वाहन उत्पादन सितंबर और अक्टूबर के 40 और 60 प्रतिशत उत्पादन के मुकाबले करीब 85 प्रतिशत ज्यादा रह सकता है, वहीं कार निर्माता के पास अक्टूबर 2021 के अंत तक 2 लाख लंबित ऑर्डर थे, और यह संख्या दीवाली के बाद काफी बढ़ सकती है।
मारुति ने कहा है, ‘जहां इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की किल्लत से महीने के दौरान वाहनों का उत्पादन प्रभावित बना रहेगा, लेकिन कंपनी ने इस प्रभाव को कम करने के हरसंभव उपाय किए हैं। यही वह है कि कंपनी ने महीने के शुरू में अनुमान के मुकाबले ज्यादा वाहनों की बिक्री की।’
सेमीकंडक्टर चिप का इस्तेमाल वाहन में कई कार्यों में किया जाता है, जिनमें पेट्रोल-डीजल इंजन उत्पादन से जुड़े कार्य भी शामिल हैं। इसके अलावा, ये चिप कई तरह के सेंसर और किसी वाहन के नियंत्रण का भी अभिन्न हिस्सा होते हैं। मौजूदा समय में, इन चिपों की किल्लत से कई ओईएम को उत्पादन घटाने के लिए बाध्य होना पड़ा है, जिससे लोगों को वाहन मिलने की प्रतीक्षा अवधि बढ़ी है। ऑल्टो और एस-प्रेसो समेत मिनी कारों की बिक्री 23 प्रतिशत घटकर 21,821 वाहन रह गई, जबकि पिछले साल के समान महीने में यह 28,462 थी।
इसी तरह, कॉम्पैक्ट सेगमेंट (स्विफ्ट, सेलेरियो, इगनिस, बेलेनो और डिजायर जैसे मॉडल समेत) की बिक्री 49 प्रतिशत घटकर 48,690 वाहन रह गई, जो पिछले साल अक्टूबर में 95,067 वाहन थी। दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता हुंडई की कुल बिक्री अक्टूबर में 37 प्रतिशत घटकर 43,556 वाहन रह गई। कंपनी ने पिछले साल के समान महीने में 68,835 वाहन बेचे थे। कंपनी ने कहा है कि घरेलू बिक्री 34 प्रतिशत घटकर 37,021 वाहन रह गई, जो अक्टूबर 2020 में 56,605 थी।
इस क्षेत्र पर नजर रखने वाले उद्योग विश्लेषकों का कहना है कि चिप किल्लत से उत्पादन प्रभावित हो रहा है और इससे आने वाले कुछ समय में वाहन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव बना रहेगा।
