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IPL: 20 से 30 फीसदी बढ़ जाएंगी विज्ञापन की कीमतें

इस बार आईपीएल के दौरान दर्शकों की संख्या एक अरब के पार होने का भरोसा है, जो किसी भी विज्ञापनदाता के लिए बड़ी बात है।

Last Updated- March 02, 2025 | 10:37 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर

दुनिया के सबसे महंगे स्पोर्ट्स लीग इंडियन प्रीमियर लीग की तैयारी में अभी से ही विज्ञापनदाता और प्रायोजक जुट गए हैं। 22 मार्च से शुरू होने वाले इस लीग के लिए तैयारियां इसलिए भी की जा रही हैं क्योंकि इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शक अपने टीवी स्क्रीन से चिपके रहेंगे।इस बार के आईपीएल के आधिकारिक प्रसारक और स्ट्रीमिंग पार्टनर जियोस्टार को उम्मीद है कि 22 मार्च से शुरू होने वाली लीग अब तक की सबसे बड़ी लीग रहेगी और कंपनी के शीर्ष अधिकारी के मुताबिक इस बार अरबों लोग इसे देखेंगे। पिछले साल 52.5 करोड़ लोगों ने टीवी पर स्टार स्पोर्ट्स (अब जियोस्टार के अधीन) के जरिये लीग के मैचों का लुत्फ उठाया है और डिजिटल प्लेटफॉर्म जियो सिनेमा के जरिये क्रिकेट के इस महा लीग को देखने वालों की तादाद 42.5 करोड़ के पार हो गई थी।जियोस्टार के मुख्य व्यवसाय अधिकारी (खेल राजस्व, छोटे एवं मध्यम कारोबार और क्रिएटर) ईशान चटर्जी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘आईपीएल 2025 के लिए हम विज्ञापनदाताओं की भारी मांग देख रहे हैं।’

यह पिछले कुछ संस्करणों के मुकाबले काफी अभूतपूर्व है। अगर आप अभी चल रही चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को देखें तो बीते हफ्ते खेल गए भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को डिजिटल प्लेटफॉर्म सबसे ज्यादा लोगों ने देखा है, जो अब तक के किसी भी भारत-पाकिस्तान के मुकाबले से काफी अधिक है। मुझे लगता है कि यह गति आईपीएल में भी बरकरार रहेगी और इसलिए हमें भरोसा है कि यह अब तक सबसे बड़ा आईपीएल होने जा रहा है।

मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के मुताबिक, आईपीएल के दौरान टीवी एसडी (स्टैंडर्ड डेफिनिशन ) के विज्ञापन के लिए प्रति सेकंड 15 लाख रुपये लगते हैं। टीवी एचडी (हाई डेफिनिशन) के लिए विज्ञापनदाताओं को हर सेकंड के लिए 6 लाख रुपये का भुगतान करना पड़ता है और कनेक्टेड टीवी (सीटीवी) के प्रति 10 सेकंड के लिए 8.5 लाख रुपये देने पड़ते हैं। ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए हर 1,000 इंप्रेशन पर प्रति 10 सेकंड के हिसाब 250 रुपये लगते हैं।

क्रिएटिव डिजिटल एजेंसी सोचीयर्स के सह-संस्थापक और निदेशक सिद्धार्थ देवनानी ने कहा, ‘इस साल आईपीएल के दौरान विज्ञापन दरें पिछले साल के मुकाबले 20 से 30 फीसदी बढ़ेंगी।’ टाटा सोलफुल, यिप्पी, क्लासमेट, हल्दीराम, क्रोमा और हैवमोर सहित कई ब्रांडों को सोचीयर्स संभालती है। उन्होंने कहा कि ब्रांड बल्क कॉम्बो सौदों का भी लाभ ले सकते हैं। इन सौदों का पिछले साल से इसलिए भी मुकाबला नहीं हो सकता है क्योंकि पिछले साल डिज्नी और जियो अलग-अलग संचालित होते थे।

पब्लिसस मीडिया के मुख्य कार्य अधिकारी (दक्षिण एशिया) लालतेंदु दास ने भी देवनानी की बातों से इत्तेफाक रखते हैं। वह कहते हैं कि टूर्नामेंट की व्यापक पहुंच और हर इलाके में इसकी लोकप्रियता के कारण ही विज्ञापन की कीमतें प्रीमियम हो गई हैं। दास ने कहा, ‘एक फ्रेंचाइजी के तौर पर आईपीएल अपने बेजोड़ दर्शकों के जरिये लगातार मूल्य प्रदान करने के लिए जाना जाता है और यह किसी भी विज्ञापनदाता के लिए काफी जरूरी भी हो जाता है। इसके अलावा, प्रसारणकर्ताओं में हाल ही में हुए एकीकरण से अधिकार रखने वालों की स्थिति मजबूत हुई है और उन्हें अधिक कीमत वसूलने लायक बनाया है।’

चटर्जी को भी इस बार आईपीएल के दौरान दर्शकों की संख्या एक अरब के पार होने का भरोसा है, जो किसी भी विज्ञापनदाता के लिए बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि जियोस्टार ने अलग-अलग श्रेणी में कई प्रमुख ब्रांडों के साथ साझेदारी की है, जिससे आईपीएल पसंदीदा प्लेटफॉर्म के तौर पर मजबूत हुआ है। चटर्जी ने कहा, ‘अभी गर्मी का वक्त है, इसलिए रोजमर्रा के सामान (एफएमसीजी) के साथ-साथ पेय पदार्थ, एयर कंडीशनर और पंखे जैसी कुछ प्रमुख श्रेणियां हैं। इसके अलावा, पेंट्स, बैंकिंग, वित्त सेवाएं और बीमा (बीएफएसआई) तथा फैंटसी गेमिंग कंपनियों के विज्ञापन भी खूब रहेंगे। ये वैसी श्रेणियां हैं जहां हम कई कंपनियों को बड़े पैमाने पर प्रतिस्पर्धा करते देख रहे हैं।’

इसके अलावा, जियोस्टार ने 10 शहरों में एसएमबी आउटरीच कार्यक्रम शुरू कर अधिक सटीक स्थानों को लक्षित किया है, जिसका उद्देश्य यह दिखाना है कि आईपीएल के जरिये न केवल बड़ी कंपनियों बल्कि छोटे एवं मध्यम उद्यमों की वृद्धि को भी रफ्तार मिल सकता है।पूरे विज्ञापन उद्योग के विपरीत क्रिकेट पर विज्ञापन खर्च में अभी तक कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला है और इसे एफएमसीजी कंपनियों के विज्ञापन खर्च में कटौती का भी सामना करना पड़ा है।

खेल, मनोरंजन, मीडिया और लाइफस्टाइल कंसल्टिंग फर्म आईटीडब्ल्यू यूनिवर्स के सह-संस्थापक भैरव शांत के मुताबिक, अभी ऐसा लग रहा है कि एफएमसीजी खर्चों में वृद्धि हुई है और बजट के बाद उपभोग में सुधार पर ब्रांडों का भरोसा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि कीमतों और परिव्यय के बारे में कम और अनूठे और दिलचस्प प्रसारण पर अधिक बातचीत हो रही है।

शांत ने कहा, ‘आईपीएल में टीमों और उपलब्ध इन्वेंट्री के अधिकांश प्रयोजन बंद हो गए हैं। चूंकि मार्केटर्स आईपीएल अथवा विमंस प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) का उपयोग करने के लिए पहले से कहीं ज्यादा उत्साहित दिख रहे हैं और यह सुस्त बाजार में मुकाबला करने के लिए भी सही वक्त है इसलिए इस बार हमने भी आईपीएल और डब्ल्यूपीएल के लिए टीमों में करीब 15 नए सौदे करने में मदद कर चुके हैं और पिछले साल के अपने रिकॉर्ड को भी तोड़ने की राह पर हैं।’

First Published - March 2, 2025 | 10:37 PM IST

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