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ओलिंपिक हीरो की लोकप्रियता भुनाने को आतुर दिख रहीं कंपनियां

मनु भाकर, नीरज, लक्ष्य सेन, हरमनप्रीत और श्रीजेश जैसे खिलाड़ियों की लोकप्रियता के साथ बढ़ गई ब्रांड वैल्यू

Last Updated- August 12, 2024 | 11:51 PM IST
ओलिंपिक हीरो की लोकप्रियता भुनाने को आतुर दिख रहीं कंपनियां Companies seem eager to cash in on the popularity of Olympic heroes

गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा के सिल्वर पदक जीतना, लक्ष्य सेन और अर्जुन बबूता का बहुत कम अंतर से पोडियम तक जाने से चूक जाना, हॉकी टीम के लगातार दूसरी बार कांस्य पदक झटकना, मनु भाकर का एक ओलिंपिक में दो पदक जीतकर नई सनसनी बनना ओर विनेश फोगाट का हर भारतीय घर से भावनात्मक रूप से जुड़ जाना, पेरिस ओलिंपिक में भारतीय दल ने कुछ ऐसी ही सुनहरी कहानियों के साथ अपना सफर पूरा किया है। भारतीय कंपनियां इन ओलिंपिक हीरो की सफलता को भुनाने के लिए लालायित दिख रही हैं।

खेल प्रबंधन फर्म मेडालिन स्पोर्ट्स ऐंड एंटरटेनमेंट के सह-संस्थापक वरुण चोपड़ा कहते हैं, ‘पेरिस ओलिंपिक से भारतीय खेल मार्केटिंग क्षेत्र में नए खेल सितारे उभर कर सामने आए हैं। इन्हीं के साथ नई संभावनाओं के द्वार भी खुले हैं।’ मनु भाकर, नीरज, सेन और हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह का जिक्र करते हुए वह कहते हैं, ‘कम से कम एक बायोपिक तो बनने की उम्मीद तो कर ही सकते हैं।’

भाला फेंक में भले ही चोपड़ा दोबारा स्वर्ण पदक नहीं जीत पाए हों और केवल सिल्वर मेडल ही संतोष करना पड़ा हो, भले ही भारतीय शटलर पीवी सिंधु अपनी प्रतिस्पर्धा के शुरू में ही मुकाबले से बाहर हो गई हों, लेकिन ब्रांड विशेषज्ञ अभी भी उनकी ब्रांड वैल्यू को लेकर बहुत आशान्वित हैं।

नई दिल्ली में ब्रांड रणनीतिकार शगुन गुप्ता कहती हैं, ‘उनकी ब्रांड वैल्यू उनकी जीत से कहीं बढ़कर है। यह ब्रांड वैल्यू इन खिलाड़ियों से जुड़ी बेहतर से बेहतर परिणाम देने की उम्मीदों पर टिकी है।’ मेडालिन स्पोर्ट्स के चोपड़ा कहते हैं, ‘सिंधु का चोटों से उबर कर दोबारा लड़ने का माद्दा उन्हें कंपनियों की नजर में प्रासंगिक बनाए रखेगा।’

पेरिस आने के बाद चोपड़ा ने भारतीय मुख्यालय की दीवार पर एक प्रेरक संदेश लिखा- ‘समय आ गया है।’ यह एक लाइन बाद में पेरिस ओलिंपिक के लिए भारत के आधिकारिक प्रचार का हिस्सा बन गई, लेकिन स्वर्ण पदक से चूकने पर दृढ़प्रतिज्ञ और आशावादी चोपड़ा ने हालिया चोटों के कारण अपनी चुनौतीपूर्ण मानसिक स्थिति पर ध्यान दिया। भारत पेट्रोलियम

कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के कार्यकारी निदेशक (पीआर ऐंड ब्रांड) एस अब्बास अख्तर कहते हैं, ‘नीरज चोपड़ा की चोटों समेत तमाम चुनौतियों से निपटने की क्षमता और चोटों के बावजूद अपना बेस्ट प्रदर्शन करना बिल्कुल वैसा ही है, जैसे हमारे ग्राहकों का रोजमर्रा की जिंदगी में संघर्ष करना और फिर उस पर जीत हासिल करना।’ चोपड़ा बीपीसीएल के ब्रांड ऐंबेसडर हैं।

बीपीसीएल भारतीय ओलिंपिक संघ के साथ स्पॉन्सर के रूप में भी जुड़ा हुआ था। अख्तर कहते हैं, ‘नीरज के पेरिस से लौटने के बाद हम तमाम गतिविधियों की एक श्रृंखला जारी करने की योजना बना रहे हैं, ताकि उसके प्रभाव को भुना सकें।’

इस उभरते ब्रांडिंग परिदृश्य पर अपनी छाप छोड़ने के अलावा भारतीय हॉकी टीम के गोलकीपर पीआर श्रीजेश और कप्तान हरमनप्रीत सिंह सबसे अधिक सुर्खियां बटोर रहे हें।’

श्रीजेश के खेल का प्रबंधन करने वाली कंपनी बेसलाइन वेंचर्स के सह-संस्थापक विशाल जैशन कहते हैं, ‘श्रीजेश के साथ कई ब्रांड करार करने के लिए लाइन में हैं।’ श्रीजेश ने हॉकी से संन्यास का ऐलान कर दिया है। इससे उनके पास ब्रांड के साथ जुड़ने के लिए काफी समय होगा।

जैशन ने कहा, ‘श्रीजेश लगभग 20 वर्षों से लगातार हॉकी खेल रहे हैं। उन्होंने खुद को न केवल सफल खिलाड़ी के तौर पर स्थापित किया, बल्कि अब कंपनियों के भी चहेते बन गए हैं।’ उन्होंने कहा कि कंपनियों अपने ब्रांड ऐंबेसडर के तौर पर ऐसे ही खिलाड़ी को चुनना पसंद करती हैं, जो लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हुए लंबे समय तक खेले।

इस ओलिंपिक में हॉकी टीम के कप्तान और भारत के लिए सबसे अधिक गोल करने वाले खिलाड़ी हरमनप्रीत सिंह ब्रांडिंग के लिए कंपनियों के सबसे पसंदीदा सितारे बन कर उभरे हैं, क्योंकि इस हॉकी टीम के बेहतरीन प्रदर्शन के कारण ‘सरपंच’ की लोकप्रियता आसमान पर है।

हरमनप्रीत समेत ओलिंपिक खेलने वाले अन्य खिलाड़ियों का प्रबंधन संभालने वाली एजेंसी आईओएस स्पोर्ट्स ऐंड एंटरटेनमेंट के प्रबंधन निदेशक नीरव तोमर कहते हैं, ‘अब असली चुनौती सावधानी से ब्रांड चुनने की है। हम थोड़ा सतर्क हो गए हैं। हम चाहते हैं कि जो भी करार हो, वह हरमनप्रीत की ब्रांड वैल्यू के साथ-साथ उनकी दूरगामी योजनाओं से मेल खाता हो।’

कंपनियों का अचानक हॉकी की तरफ बढ़े रुझान के बारे में तोमर कहते हैं, ‘हरमनप्रीत, मनदीप, मनप्रीत और पीआर श्रीजेश जैसे खिलाड़ी हॉकी में भारत के नए सिरे से उभार के प्रतीक हैं। कंपनियां इन खिलाड़ियों को लेकर बने इस नए नैरेटिव को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही हैं। ‘

क्या कंपनियां पोडियम पर पहुंचने वाले खिलाड़ी को ही अपना ब्रांड ऐंबेसडर चुनना पसंद करती हैं? इस सवाल पर विशेषज्ञ कहते हैं, ‘यह तो खिलाड़ी पर निर्भर करता है। जिस प्रकार लक्ष्य सेन ने विश्व के नंबर 3 बैडमिंटन खिलाड़ी जोनाथन क्रिस्टी को हराया, उससे वह पूरी दुनिया के आकर्षण के केंद्र बन गए। ‘ जैशन कहते हैं, ‘श्रीजा अकुला और अर्जुन बबूता जैसे नई खिलाड़ियों के साथ करार करने के लिए कंपनियां आतुर हैं।’

पहलवान विनेश फोगाट भले ही फाइनल नहीं खेल सकीं, लेकिन उनकी बहादुरी भरी ओलिंपिक यात्रा को तमाम ब्रांड्स ने गंभीरता से लिया है। ब्रांड्स रणनीतिकार गुप्ता कहती हैं, ‘वह निसंदेह पूरे देश में चर्चा का विषय बन गई हैं। कंपनियां उनकी इस लोकप्रियता और उनके लिए बने सहानुभूतिपूर्ण माहौल को भुनाने की जुगत में लग गई हैं।’ बहुत से विशेषज्ञों का मानना है कि इस ओलिंपिक में वह सबसे बड़े एथलिट सितारों में शुमार हो सकती थीं।

तोमर कहते हैं कि लंबे समय तक साझेदारी महत्त्वपूर्ण होती है। वे ब्रांड वैल्यू में आने वाले उतार-चढ़ाव में बफर का काम का काम करते हैं। सोशल मीडिया के दौर में हम ऐसे समय भी खिलाड़ी को लाइमलाइट में बनाए रखते हैं, जब कोई बड़ी प्रतिस्पर्धा नहीं हो रही हो।

जैशन कहते हैं, ‘यदि खिलाड़ी लोकप्रियता कम है तो ब्रांड्स उसके व्यक्तित्व को देखकर करार करते हैं। भारत में एथलीट हॉकी से भी कम दिखाई देते हैं, लेकिन नीरज की लोकप्रियता का मामला अलग है। ऐसा तब होता है जब आपकी लोकप्रियता इतनी बढ़ जाए कि आप घर-घर में जाना-पहचाना नाम हो जाएं।

First Published - August 12, 2024 | 11:42 PM IST

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