facebookmetapixel
Upcoming IPOs: आईपीओ मार्केट में फिर गर्माहट, सेबी ने ₹3500 करोड़ के सात नए आईपीओ को दी मंजूरीसत्य नडेला की कमाई बढ़कर हुई ₹800 करोड़, 90% हिस्सा सिर्फ शेयरों सेट्रंप ने दी दीपावली की बधाई, मोदी बोले – आपके कॉल के लिए धन्यवाद, दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएंआरबीआई बदल सकता है नियम, बैंक बिना पूर्व अनुमति बना सकेंगे सहायक कंपनियांप्रवासी भारतीयों ने कम भेजा धन, अप्रैल-जुलाई के दौरान घटकर 4.7 अरब डॉलरक्या मोदी जाएंगे कुआलालंपुर? पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भागीदारी को लेकर सस्पेंस बरकरारउपेंद्र कुशवाहा बोले – नीतीश ही रहेंगे NDA का चेहरा, बिहार चुनाव में नेतृत्व को लेकर नहीं कोई मतभेदकोविड के बाद मांग में उछाल से कंपनियों का मुनाफा तीन गुना बढ़ापराली जलाने में कमी के बावजूद बढ़ा प्रदूषणमैग्नेट रिसाइक्लिंग पर जोर, पीएलआई योजना में शामिल करने की सिफारिश

Explainer: BRICS Summit में क्यूबा के राष्ट्रपति- पीएम मोदी की मुलाकात, क्यों अहम है क्यूबा भारत के लिए

1959 क्यूबा क्रांति के बाद भारत नई सरकार को मान्यता देनेवाले पहले कुछ देशों में था। क्यूबा से चे ग्वेरा, फिदेल कास्त्रो ने भारत की यात्रा की थी।

Last Updated- July 07, 2025 | 6:45 PM IST
PM Modi Cuba

ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनल बर्मुदेज़ से द्विपक्षीय बैठक (Bilateral meeting) की। इससे पहले दोनों नेताओं की मुलाकात 2023 में जोहांसबर्ग में हुई थी, जहां क्यूबा को विशेष आमंत्रित देश के रूप में आमंत्रित किया गया था। दोनो राष्ट्राध्यक्षों के बीच आयुर्वेद, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और विकास सहयोग पर चर्चा हुई। 

Also Read: BRICS Summit में ऐसा क्या बोले पीएम मोदी कि दुनिया ने बड़े ध्यान से सुना

विदेश मंत्रालय ने बताया कि बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-क्यूबा द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा की और आर्थिक सहयोग, विकास साझेदारी, फिनटेक, क्षमता निर्माण, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, आपदा प्रबंधन और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने पर चर्चा की। क्यूबा के राष्ट्रपति ने भारत के डिजिटल क्षेत्र में विशेषज्ञता की सराहना की और भारत की डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) तथा यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में गहरी रुचि दिखाई।

प्रधानमंत्री मोदी ने क्यूबा द्वारा आयुर्वेद को मान्यता देने की सराहना की और क्यूबा की सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली में आयुर्वेद को एकीकृत करने के प्रयासों में भारत का पूर्ण सहयोग देने की घोषणा की। उन्होंने भारतीय फार्माकोपिया को क्यूबा द्वारा मान्यता देने का प्रस्ताव रखा, जिससे क्यूबा को भारतीय जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।

दोनों नेताओं ने वैश्विक दक्षिण से संबंधित मुद्दों—स्वास्थ्य, महामारी और जलवायु परिवर्तन—पर सहयोग को और गहरा करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने बहुपक्षीय मंचों पर भारत और क्यूबा के बीच निरंतर सहयोग की भी सराहना की।

भारत ने किया था क्यूबा क्रांति का समर्थन, चे ग्वेरा- फिदेल कास्त्रो आए थे भारत

भारत उन पहले देशों में शामिल था, जिन्होंने जनवरी 1959 में क्यूबा क्रांति के बाद वहां की नई सरकार को मान्यता दी थी। इसके बाद, 30 जून से 4 जुलाई 1959 के बीच क्यूबा के क्रांतिकारी नेता मेजर अर्नेस्टो चे ग्वेरा (Che Guevara) का भारत दौरा हुआ, जिसने दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों की नींव को मजबूत किया। इस यात्रा के बाद भारत और क्यूबा ने अपनी-अपनी राजधानियों में दूतावास स्थापित किए और 12 जनवरी 1960 को भारत के पहले राजनयिक प्रतिनिधि ने हवाना में अपने credentials प्रस्तुत किए थे। 

  • 30 जून से 4 जुलाई 1959 के बीच क्यूबा के क्रांतिकारी नेता मेजर अर्नेस्टो चे ग्वेरा (Che Guevara) का भारत दौरा 
  • 1973: क्यूबा के राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने भारत का दौरा किया। 
  • 1983: राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो फिर से भारत आए, इस बार NAM (गुटनिरपेक्ष आंदोलन) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए। 
  • 2023: अगस्त में जोहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित 15वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज़-कैनल के बीच मुलाकात। 
  • 1985: तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हवाना में NAM शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए क्यूबा का दौरा किया।
  • 2006: प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने NAM शिखर सम्मेलन के लिए क्यूबा की यात्रा की। 
  • 2018 (21-22 जून): भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने क्यूबा की यात्रा की, जो किसी भारतीय राष्ट्रपति की पहली आधिकारिक यात्रा थी। 

मोदी की क्यूबा मुलाकात से ट्रम्प प्रशासन को क्यों लगेगा झटका

अमेरिका- क्यूबा के द्विपक्षीय संबंध ऐतिहासिक रूप से जटिल और तनावपूर्ण रहे हैं। हालांकि 2015 में ओबामा प्रशासन के कार्यकाल में संबंधों को सामान्य करने के लिए ठोस पहल हुई, लेकिन इसके बाद की सरकारों में इन प्रयासों को कई झटके लगे हैं।

1959 की क्यूबा क्रांति के बाद जब फिदेल कास्त्रो सत्ता में आए और उन्होंने सोवियत संघ (USSR) के साथ गठजोड़ किया, तब अमेरिका और क्यूबा के संबंधों में तेजी से गिरावट आई। अमेरिका को कम्युनिस्ट प्रभाव का खतरा महसूस हुआ और दोनों देशों के बीच अविश्वास गहराता गया।

अमेरिका ने 1961 में हवाना स्थित अपना दूतावास बंद कर दिया और क्यूबा पर शस्त्र प्रतिबंध लगा दिया। इससे दोनों देशों के बीच सभी आधिकारिक संपर्क समाप्त हो गए। 1962 में कैनेडी प्रशासन ने क्यूबा पर व्यापक व्यापार प्रतिबंध (Trade Embargo) लागू कर दिया, जो आज भी प्रभावी है। इस प्रतिबंध के तहत दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक, आर्थिक और वित्तीय गतिविधियों पर गंभीर प्रतिबंध लगे हुए हैं।

2015 में ओबामा प्रशासन ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध फिर से बहाल किए गए और कुछ व्यापारिक व यात्रा प्रतिबंधों में ढील दी गई। इससे उम्मीद जगी कि दोनों देशों के बीच एक नए दौर की शुरुआत हो सकती है। लेकिन 2017 में ट्रंप प्रशासन ने ओबामा के कई फैसलों को पलटते हुए क्यूबा पर पुनः सख्त रुख अपनाया। यात्रा पर सख्ती और व्यापार नियमों को कठोर बनाया गया, जिससे संबंधों में फिर से तनाव आ गया। बाइडेन प्रशासन ने कुछ यात्रा प्रतिबंधों में आंशिक ढील दी है, लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा लगाए गए कई कड़े प्रतिबंधों को जारी रखा था। 

जानिए कैसा है भारत- क्यूबा द्विपक्षीय व्यापार

भारतीय कंपनियां नियमित रूप से क्यूबा के सबसे बड़े व्यापार मेले FIHAV (Havana International Fair) में भाग लेती रही हैं। 2017 में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया, जिसमें 28 भारतीय प्रदर्शकों ने ITPO और EEPC के साथ भागीदारी की। FIEO और क्यूबा चैंबर ऑफ कॉमर्स के बीच छह प्राथमिक क्षेत्रों—फार्मास्यूटिकल्स, पर्यटन, नवीकरणीय ऊर्जा, चीनी उद्योग, जैव प्रौद्योगिकी और अवसंरचना विकास—में सहयोग हेतु MoU भी हस्ताक्षरित हुआ।

मार्च 2021 में आयोजित INDIA: LAC IT Connect कार्यक्रम में क्यूबा के IT पेशेवरों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इसके अतिरिक्त, डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और DigiLocker पर भारत-लैटिन अमेरिका वर्चुअल बैठकें भी आयोजित की गईं, जिनमें क्यूबा ने सक्रिय भागीदारी की।

आपदा के वक्त हमेशा क्यूबा के साथ रहा भारत

भारत ने क्यूबा को समय-समय पर आपदा राहत सहायता प्रदान की है। इसमें वर्ष 2008 के तूफानों (गुस्ताव, आईक और पेलोमा) के बाद 20 लाख डॉलर, 2016 में मैथ्यू तूफान के बाद 10 लाख डॉलर की चिकित्सा सामग्री, और 2017 में इरमा तूफान के बाद 1.5 लाख डॉलर की वित्तीय सहायता शामिल है। 

NIIT द्वारा क्रियान्वित “इंडिया-क्यूबा नॉलेज सेंटर” ने 1900 से अधिक क्यूबाई पेशेवरों को प्रशिक्षित किया। 2018 में भारत ने क्यूबा के कृषि क्षेत्र में सहायता हेतु 60 ट्रैक्टर दान किए। कोविड-19 की पहली लहर के दौरान नवंबर 2020 में भारत ने 524 बॉक्स जीवन रक्षक दवाएं भेजीं। 2022-23 में भारत से चावल की आपूर्ति हेतु अल्पकालिक ऋण सुविधा के तहत सहायता दी गई।

ITEC कार्यक्रम के तहत फिल्म निर्माण और AI जैसे विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भी क्यूबा के लिए किया गया। फरवरी-मार्च 2025 में CDAC, नई दिल्ली में 20 क्यूबाई IT विशेषज्ञों को AI का विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

$243 मिलियन की लाइंस ऑफ क्रेडिट और APIs 

भारत ने क्यूबा को कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए $243 मिलियन की लाइन ऑफ क्रेडिट प्रदान की है। इसके अतिरिक्त, भारत सरकार ने 80 टन API (Active Pharmaceutical Ingredients) यूरो 10 मिलियन मूल्य के, जून 2024 में भेजे, जो जुलाई में मारियल पोर्ट, हवाना पहुंचे और 8 अगस्त को औपचारिक रूप से क्यूबा को सौंपे गए। ये APIs छह महीने से एक वर्ष तक की एंटीबायोटिक्स की कमी को पूरा करने में सहायक होंगे।

2024 के अंत में आए तूफान ‘ऑस्कर’ और ‘राफेल’ तथा भूकंपों के कारण उत्पन्न आपात स्थिति में भारत ने जनवरी 2025 में 10 लाख डॉलर मूल्य की जीवन रक्षक दवाओं और एंटीबायोटिक्स की आपातकालीन सहायता भेजी।

भारत ने क्यूबा को ऊर्जा क्षेत्र में तीन प्रमुख परियोजनाओं के लिए लाइंस ऑफ क्रेडिट प्रदान किए हैं:

  • $90 मिलियन: 50 मेगावाट पावर को-जेनरेशन प्रोजेक्ट 
  • $75 मिलियन: 75 मेगावाट फोटोवोल्टिक सौर ऊर्जा परियोजना 
  • $70 मिलियन: 51 मेगावाट पवन ऊर्जा परियोजना (Rio Seco) 

आयुर्वेद का दीवाना है क्यूबा

भारत और क्यूबा के बीच स्वास्थ्य, पारंपरिक चिकित्सा और जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के लिए कई समझौते हुए हैं। 6 नवंबर 2019 को हवाना के “ला प्राडेरा” अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य केंद्र में पंचकर्म केंद्र स्थापित किया गया। भारत ने वहां एक आयुर्वेद विशेषज्ञ और दो चिकित्सकों को भेजा।

क्यूबा ने WHO द्वारा भारत में आयोजित पहले वैश्विक प्राकृतिक चिकित्सा सम्मेलन (18 अगस्त 2023) में भाग लिया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और आयुर्वेद दिवस को क्यूबा में सरकारी समर्थन के साथ भव्य रूप से मनाया जाता है। 6वां आयुर्वेद दिवस 10 नवंबर 2023 को और 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 25 जून 2024 को हवाना के सबसे बड़े स्टेडियम Colosio de la Ciudad Deportiva में मनाया गया।

Explainer: 57 साल बाद भारतीय प्रधानमंत्री की Argentina यात्रा, क्या थी पीएम मोदी की रणनीति 

BRICS वित्त मंत्रियों की बैठक में निर्मला सीतारमण, Global South के वित्तीय पहलू पर अहम बातचीत 

BRICS Summit में ऐसा क्या बोले पीएम मोदी कि दुनिया ने बड़े ध्यान से सुना

 

First Published - July 7, 2025 | 6:22 PM IST

संबंधित पोस्ट