देश में विकसित 5जी नेटवर्क लाने का ऐलान करने के दो दिन बाद ही रिलायंस जियो ने एक और महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए दूरसंचार विभाग से परीक्षण के लिए स्पेक्ट्रम की मांग की है। जियो ने दूरसंचार विभाग से कुछ महानगरों में अपने नए नेटवर्क के परीक्षण के लिए 26 गीगाहट्र्ज और 24 गीगाहट्र्ज बैंड (मिलीमीटर बैंड) पर 800 मेगाहट्र्ज और 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड पर 100 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम मांगा है।
परीक्षण के बाद भारत उन चुनिंदा देशों में शुमार हो जाएगा जिनके पास अपनी 5जी तकनीक है और जिसे वह दुनिया को बेच सकता है।
इससे जियो सीधे तौर पर वैश्विक दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं जैसे हुआवे, जेडटीई, एरिक्सन, नोकिया और सैमसंग को टक्कर देगी। फिलहाल इन कंपनियों का वैश्विक दूरसंचार बाजार में प्रभुत्व है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों के अनुसार जियो ने कहा है कि उसका 5जी नेटवर्क सॉल्यूशन तैयार है और स्पेक्ट्रम आवंटित होते ही वह परीक्षण शुरू कर सकती है। कंपनी ने खुलासा किया कि इसमें कंपनी को तीन साल लगे और सैकड़ों इंजीनियरों ने इस सपने को साकार करने में दिन-रात मेहनत की है।
सूत्रों ने कहा कि 17 जुलाई के संवाद में जियो ने मिलीमीटर बैंड पर स्पेक्ट्रम देने की पुरजोर वकालत की। उसने तर्क दिया कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान और कनाडा जैसे देश 5जी के लिए 28 गीगाहट्र्ज बैंड को तरजीह दे रहे हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और यूरोपीय देश इसे 26 गीगाहट्र्ज बैंड पर शुरू करना चाहते हैं।
जियो ने कहा कि उसकी योजना अपने 5जी उत्पादों को वैश्विक बाजार में उपलब्ध कराना है, ऐसे में इन महत्त्वपूर्ण बैंडों पर तकनीकी का परीक्षण आवश्यक है। उसकी योजना अपने नेटवर्क पर 5जी तकनीक के परीक्षण और उसे सफलतापूर्वक लागू करने की है, उसके बाद ही इसे दूसरे देशों में बेचा जाएगा।
कंपनी इस तकनीक का परीक्षण घने शहरी वातावरण में करना चाहती है क्योंकि अगर ऐसे माहौल में यह सफल रहा तो यह कहीं भी काम करने में सक्षम होगा। यही वजह है कि जियो ने 26.5 से 29.5 गीगाहट्र्ज और 24.25 से 27.5 गीगाहट्र्ज में मिलीमीटर बैंड पर 800 मेगाहट्र्ज स्पेक्ट्रम देने का अनुरोध किया है।
सरकार की स्पेक्ट्रम नीलामी प्रक्रिया अगस्त में शुरू हो सकती है लेकिन यह 4जी स्पेक्ट्रम तक ही सीमित रह सकती है। दूरसंचार नियामक एवं विकास प्राधिकरण (ट्र्राई) ने फिलहाल 5जी नीलामी के लिए 3.5 गीगाहट्र्ज बैंड स्पेक्ट्रम के आधार मूल्य की सिफारिश की है। मिलीमीटर बैंड के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। उम्मीद है कि दूरसंचार विभाग नियामक को जल्द ही मिलीमीटर बैंड्स की नीलामी के लिए मूल्य के बारे में संपर्क कर सकता है।
जियो ने घोषणा ऐसे समय की है जब चीन के दूरसंचार विनिर्माता विभिन्न देशों में चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, क्योंकि कई देश जासूसी के डर से उनके 5जी उपकरण को प्रतिबंधित कर रहे हैं। सैमसंग काफी हद तक जियो पर निर्भर है क्योंकि वह 4जी उपकरणों के लिए जियो की सबसे बड़ी ग्राहक है। जियो की 5जी तकनीक ‘वर्चुअलाइज्ड 5जी नेटवर्क’ पर आधारित है, जो हार्डवेयर पर निर्भर नेटवर्क को सॉफ्टवेयर केंद्रित प्लेटफॉर्म पर शिफ्ट करना सुनिश्चित करेगा।