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बुजुर्गों की यात्रा सुखद बना रहे होटल और टूर ऑपरेटर, नई ऊर्जा के साथ जी रहे जिंदगी!

सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता है कि अ​धिक उम्र के यात्री अमूमन धार्मिक-आध्या​त्मिक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं, लेकिन अब यह रुझान बदल रहा है।

Last Updated- December 25, 2024 | 10:42 PM IST
Hotels providing customised deals to senior citizens बुजुर्गों की यात्रा सुखद बना रहे होटल और टूर ऑपरेटर, नई ऊर्जा के साथ जी रहे जिंदगी

देश में बुजुर्ग पर्यटकों एवं यात्रियों के अनुकूल सुविधाएं उपलब्ध कराने में आज यात्रा एवं आतिथ्य क्षेत्र भी पीछे नहीं है। होटलों में वरिष्ठ नागरिकों की सामान्य जरूरतों से लेकर सुरक्षा और आवाजाही के लिहाज से तमाम सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। उदाहरण के लिए हिल्टन बेंगलूरु एम्बैसी गोल्फलिंक्स में कमरों में चौड़े दरवाजे बनाए गए हैं और रॉल-इन शॉवर्स की व्यवस्था दी गई है। रैंप और भूतल को ऐसे डिजाइन किया गया है ताकि पैदल चलने और व्हीलचेयर वाले व्य​क्ति को भी दिक्कत पेश न आए। इसी प्रकार कॉनराड पुणे में कमरों में ऐंटी-​स्किड मैट बिछाई गई हैं। सामान रखने के लिए सहायक हैं तो ऐसी भी व्यवस्था है कि कैंटीन जाना ही न पड़े यानी नाश्ता अपने कमरे में ही किया जा सके।

डबल ट्री बाय हिल्टन गुरुग्राम में बुजुर्गों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कमरे में ही खाना खाने की व्यवस्था है। इसके लिए बाकायदा डाइनिंग स्पेस दिया गया है। यह सुविधा उन मेहमानों के लिए भी है, जिन्होंने बफेट सेवाएं बुक की हैं।

हिल्टन के प्रवक्ता ने बताया, ‘वरिष्ठ नागरिकों की जरूरत के लिहाज से हमारे यहां विशेष पैकेज डिजाइन किया गया है। इसमें होटल में शुल्क में 7 प्रतिशत की छूट के साथ-साथ 65 वर्ष या इससे अ​धिक उम्र के ग्राहकों को स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त दी जाती हैं। खास यह कि बुजुर्गों के साथ आने वाले परिवार के सदस्य भी इनका लाभ उठा सकते हैं।’ बुजुर्ग यात्रियों के लिए यहां आयुष काउंटर भी है, जहां बाजरा डोसा और आंवला युक्त पानी जैसी चीजें उपलब्ध हैं।

आईटीसी होटल्स के उपाध्यक्ष (तकनीकी सेवाएं, ​स्थिरता और ईएचएस) ने बताया कि उनके यहां भी बुजुर्गों के आराम, चलने-फिलने, सुरक्षा आदि के लिहाज से सुविधाओं में इजाफा किया गया है। कमरों में जहां कम ऊंचाई वाले बेड लगाए गए हैं, वहीं बाथरूम में सहारे के लिए ग्रैब बार लगाए हैं। टॉयलेट की सीट को अपेक्षाकृत ऊंचा रखा गया है, ताकि बैठने में दिक्कत न हो।

बाथरूम तथा कमरे में इमरजेंसी बटन लगाए गए हैं, जिसकी बुजुर्गों को सबसे अ​धिक जरूरत पड़ती है। आईटीसी में ध्वनि रहित क्षेत्र दिया जा रहा है, जहां खासकर बुजुर्ग यात्री शोर-शराबे से दूर आराम से नींद निकाल सकते हैं। इसके अलावा स्टेशनरी एवं मेन्यू कार्ड पर बड़े फॉन्ट साइज का इस्तेमाल किया गया है, ताकि बुजुर्गों को पढ़ने और उसी अनुसार अपनी यात्रा योजना बनाने में मदद मिल सके। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज के लिए कक्षाएं और योग अथवा कम तीव्रता वाली पूल एरोबिक्स सुविधाएं भी दी जा रही हैं।

अ​धिक उम्र के यात्रियों की खान-पान संबंधी जरूरतें पूरी करने में पाककला टीम बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है। आईटीसी होटल्स की कॉरपोरेट शेफ मनीषा भसीन कहती हैं, ‘आज बुजुर्ग भी खूब व्यव​स्थित तरीके से यात्राएं करते हैं। उनके लिए हम उनकी बेहद व्य​क्तिगत जरूरतों का ध्यान रखते हुए योजना बनाते हैं और खाने में उच्च गुणवत्ता की सामग्री इस्तेमाल करते हैं। चाहे खाना लैक्टोज फ्री हो, ग्लूटन या शुगर फ्री, उसमें उनकी पसंद का पूरा ख्याल रखा जाता है।’

भसीन बताती हैं, ‘होटल चेन शानदार तरीके से सुबह का कार्यक्रम तय करती है, जिसमें हम खास नाश्ता पेश करते हैं। इसमें बड़ी ही सावधानी से हेरिटेज अनाज, सुपरफूड, वैक​​ल्पिक दूध और स्थानीय स्तर पर तैयार पनीर परोसते हैं।’

आज के दौर में बहुत से बुजुर्गों के लिए यात्रा या पर्यटन बढ़ती उम्र को सकारात्मक नजरिये के साथ जीने का माध्यम बन गया है। उदाहरण के तौर पर 74 वर्षीय राकेश मिश्रा को ही लें, जिन्होंने अपनी बेटी के अमेरिका चले जाने के बाद हाल ही में अपनी पत्नी शीतल के सा​थ यात्राएं करनी शुरू की हैं। पूर्व बैंकर मिश्रा कहते हैं, ‘एम्प्टीनेस्टर (बच्चों के पढ़ाई या नौकरी के उद्देश्य से विदेश चले जाने के बाद की ​स्थिति) के तौर पर अचानक हमारे पास पहले की अपेक्षा बहुत अ​धिक खाली समय होता है।’

अभी तक मिश्रा दंपती वि​भिन्न पर्यटक समूहों के साथ श्रीलंका, दुबई और उत्तराखंड के पहाड़ों की सैर कर चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘वरिष्ठ नागरिकों के लिए पर्यटन अब बिल्कुल बदल गया है। टूर ऑपरेटर पहले की अपेक्षा अब उनका बहुत अ​धिक ध्यान रखने लगे हैं। जैसे कब नाश्ता देना है, भोजन में क्या-क्या रखना है, यात्रा के लिए आरामदायक बसें और होटल में आने-जाने की सुविधा जैसे तमाम पहलुओं पर काम करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘इन यात्राओं में अलग-अलग मिजाज के लोगों से मिलना होता है और उम्र के इस पड़ाव पर नए-नए दोस्त बनते हैं।’

बहुत से टूर ऑपरेटर्स इस बात का भी ख्याल रख रहे हैं कि बुजुर्ग यात्रियों को व्यस्त रखा जाए, ताकि वे बोर न हों। इसके लिए वे बुजुर्गों के लिए ऑर्गेनिक बागबानी, सुडोको पहेलियां, टे​बल टेनिस और कम दबाव वाली एरोबिक आदि की व्यवस्था करते हैं।

अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर एक टूर ऑपरेटर ने बताया, ‘सामान्य तौर पर ऐसा माना जाता है कि अ​धिक उम्र के यात्री अमूमन धार्मिक-आध्या​त्मिक स्थलों पर जाना पसंद करते हैं, लेकिन अब यह रुझान बदल रहा है।’

उन्होंने कहा, ‘कई बुजुर्ग बहुत ही साहसी होते हैं और रोमांचक गतिवि​धियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। वे हाइकिंग और सफारी जैसी गतिवि​धियों का खूब आनंद लेते हैं। ऐसे में उनकी यात्रा को जोश से भरपूर बनाए रखने और उम्र के हिसाब से अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से हमारी चुनौती बढ़ जाती है। हम उन्हें नियमित ब्रेक देते हैं और सामाजिक संपर्क विकसित करने वाली गतिवि​धियों में व्यस्त रखते हैं। इससे उन्हें अकेलेपन से लड़ने में मदद मिलती है और उनका बुढ़ापा आसान हो जाता है।’

First Published - December 25, 2024 | 10:42 PM IST

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