उत्तर प्रदेश में उद्योग के अनुकूल नीतियों और निवेशकों के अनुकूल माहौल की सराहना करते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने आज कहा कि प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने की राह पर तेजी से बढ़ रहा है मगर यह तभी संभव होगा, जब सबकी भागीदारी होगी।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के ‘समृद्धि’ कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए महाना ने कहा कि सरकारें जनता के लिए उत्तरदायी होती हैं और जनता विकास चाहती है। उन्होंने कहा, ‘जनता की इच्छा को अनसुना नहीं किया जा सकता। न तो विधायिका और न ही कार्यपालिका उसकी अनदेखी कर सकती है। इसीलिए दोनों को मिलकर विकास की गति और बढ़ानी होगी।’
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश विकास के मोर्चे पर नई इबारतें लिख रहा है। भाजपा सरकार प्रदेश की 25 करोड़ जनता के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की यह मंशा सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, रेल, इमारत, शहर, गांव, रोजगार जैसे हरेक क्षेत्र में आया है।
इसी ने निवेशकों को लुभाया है, जिसका प्रमाण हाल ही में संपन्न वैश्विक निवेशक सम्मेलन में भी दिखा, जहां देश के बड़े-बड़े उद्योगपति और बहुराष्ट्रीय कंपनियां मंच पर आए और उत्तर प्रदेश में निवेश की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इच्छा इसी तरह पूरी होगी और उत्तर प्रदेश उसमें पूरा योगदान करेगा।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ में पिछले दिनों संपन्न वैश्विक निवेशक सम्मेलन का जिक्र करते हुए कहा कि देश में ही नहीं उत्तर प्रदेश में भी औद्योगिक क्रांति आई है। जिस उत्तर प्रदेश में पहले निवेश तक नहीं होता था, वहां निवेशक सम्मेलन हो रहे हैं और वैश्विक निवेशक सम्मेलन में करीब 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए हैं। उन्होंने कहा कि ये निवेश प्रस्ताव कागज के पुर्जे भर नहीं हैं बल्कि उत्तर प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की नींव हैं। अब इन्हें धरातल पर उतारना है, जिसके लिए सरकार तेजी से काम कर रही है।
प्रदेश में बुनियादी ढांचा विकास की बात करते हुए मौर्य ने कहा कि 2017 से 2023 के बीच सबसे अधिक एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश में ही बने हैं। इस समय सबसे अधिक राजमार्ग भी उत्तर प्रदेश में ही हैं। उन्होंने कहा, ‘आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जहां पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे होंगे।
जल्द ही पहला राष्ट्रीय जलमार्ग भी शुरू होने वाला है। यदि रेल, सड़क, विमान और जल का रास्ता माल की ढुलाई के लिए मिलेगा तो निवेश यहां क्यों नहीं बरसेगा।’ मौर्य ने कहा कि एकल खिड़की मंजूरी और निवेश मित्र पोर्टल समेत जितनी अच्छी तथा सकारात्मक नीतियां उत्तर प्रदेश में हैं, उतनी बहुत कम राज्यों में हैं।
उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, ‘बिज़नेस स्टैंडर्ड समृद्धि के इस मंच से मैं सभी निवेशकों का आह्वान करता हूं कि वे उत्तर प्रदेश आएं, यहां निवेश करें ताकि यहां मौजूद मौकों से उन्हें फायदा मिले और उत्तर प्रदेश के निवासी भी विकास तथा रोजगार हासिल करें।’
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने समापन भाषण में कहा कि आम जनता और खास तौर पर उद्योगों तथा निवेशकों के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कानून व्यवस्था का कायाकल्प कर दिया है। कुछ अरसा पहले उत्तर प्रदेश को बेहद अराजक माना जाता था मगर पिछले छह साल में इसकी छवि बिल्कुल बदल गई है।
अब अपराध करने वाला किसी भी तरह बच नहीं सकता। उद्यमियों, कारोबारियों का माल लूटा जाना, उनसे उगाही किया जाना अतीत की बात हो गई है। उन्होंने कहा कि कभी जिस उत्तर प्रदेश की पहचान सड़कों पर पसरा अंधेरा होती थी, वहां अब कम से कम 18 घंटे बिजली हर घर को मिल रही है। उद्यमियों को सड़क, बिजली और कनेक्टिविटी का जो बुनियादी ढांचा चाहिए, वह उत्तर प्रदेश में हर समय उपलब्ध रहता है।
कनेक्टिविटी को योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताते हुए पाठक ने कहा कि एक्सप्रेसवे, बेहतर रेल मार्ग और राष्ट्रीय जलमार्ग से मालढुलाई तो बढ़ेगी ही, धार्मिक पर्यटन को भी तेजी मिलेगी, जिससे राज्य में राजस्व और रोजगार बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से रोजाना 2 से 3 लाख श्रद्धालु और धार्मिक पर्यटक पहुंच रहे हैं। यही स्थिति अयोध्या और मथुरा की भी है। इससे व्यापार और रोजगार कितना बढ़ रहा है, इसकी कल्पना आसानी से की जा सकती है।
प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि कारोबार के लिए उत्तर प्रदेश में स्थितियां अब इतनी अनुकूल हो गई हैं कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में निवेश के लिए प्रस्ताव प्रदेश सरकार के पास आए हैं। जब भाजपा सत्ता में आई तो केवल लखनऊ और वाराणसी में हवाई अड्डे थे मगर अब 16 हवाई अड्डे हैं और जल्द ही पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे भी यहां आने वाले हैं।
देश के कुल एक्सप्रेसवे नेटवर्क का 37 फीसदी से अधिक हिस्सा उत्तर प्रदेश में है। जिस तेजी से काम हो रहा है, जल्द ही देश के 50 फीसदी एक्सप्रेसवे यहीं होंगे। पिछली सरकारों ने जिस सड़क कनेक्टिविटी और रेल कनेक्टिविटी को अनदेखा कर दिया था, उसे वर्तमान सरकार ने युद्ध स्तर पर सुलझाया है।
उन्होंने कहा, ‘समृद्धि कार्यक्रम में निश्चित रूप से कई बहुमूल्य सुझाव भी आएंगे। हम उन सभी सकारात्मक सुझावों को अपनी चर्चा में अपनी नीतियों में निश्चित रूप से शामिल करेंगे ताकि सभी मिलकर प्रदेश के विकास को और भी रफ्तार दे सकें।’
उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव डीएस मिश्र ने कार्यक्रम के दौरान बुनियादी ढांचे पर परिचर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा, ‘एक समय था, जब निवेश करने या उद्योग लगाने के लिए लोग चुनिंदा राज्यों का नाम लेते थे। उत्तर प्रदेश उस समय गिनती में ही नहीं था। किंतु हमने उन सभी राज्यों की सभी नीतियां पढ़ीं, उनकी अच्छी बातें चुनीं, उनके आधार पर उत्तर प्रदेश के लिए नीतियां बनाईं, यहां के उद्यमियों और निवेशकों के साथ उस पर कई बार चर्चा की। उसके बाद ही नीतियों को अंतिम रूप दिया गया।
आज प्रदेश में उद्योग और निवेश के क्षेत्र में 25 नीतियां लागू हो चुकी हैं, जिसका प्रभाव आज प्रदेश में बढ़ते निवेश के रूप में दिख रहा है।’ उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (कारोबारी सुगमता) पर बहुत जोर है। वह नहीं चाहते कि उद्यमियों को धक्के खाने पड़ें। इसके लिए अनुकूल नीतियां बनाने पर बहुत जोर है, जिनके दम पर उत्तर प्रदेश दुनिया भर के निवेशकों को यहां निवेश करने के लिए न्योता दे रहा है।