BS Manthan 2025, Day 2: बिज़नेस स्टैंडर्ड के वार्षिक सम्मेलन ‘मंथन’ के दूसरे दिन शुक्रवार, 28 फरवरी को डिक्सन टेक्नोलॉजीज के को-फाउंडर और कार्यकारी निदेशक सुनील वाचानी (Sunil Vachani) ने ‘भारत में मैन्युफैक्चरिंग: एक वास्तविकता’ विषय पर अपनी राय रखीं। उन्होंने कहा कि हम भारत में एक मजबूत कंपोनेंट इकोसिस्टम की ओर बढ़ रहे हैं। उनका मानना है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में देश की वैल्यू एडिशन क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
सुनील वाचानी का कहना है कि भारत जल्द ही एक मजबूत और सशक्त कंपोनेंट इकोसिस्टम विकसित करेगा। उन्होंने कहा, “फिलहाल, हम 20% वैल्यू एडिशन के स्तर पर हैं, जबकि वियतनाम, जो लंबे समय से स्मार्टफोन निर्माण कर रहा है, 25-30% तक पहुंच चुका है।” उनका मानना है कि भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तेजी से आगे बढ़ रहा है और आने वाले वर्षों में देश की वैल्यू एडिशन क्षमता में बड़ा इजाफा होगा।
उन्होंने कहा, “हम कैमरा मॉड्यूल्स और मैकेनिकल कंपोनेंट्स के निर्माण में प्रवेश कर रहे हैं। हमें पूरा विश्वास है कि अगले कुछ वर्षों में हम वर्तमान 20% वैल्यू एडिशन को बढ़ाकर 30-35% तक ले जाएंगे। यह देश और उद्योग दोनों के लिए एक बड़ी उपलब्धि होगी।”
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सुनील वाचानी ने कहा, “कुछ राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी उत्पादों के निर्माण के लिए बड़े आकर्षक हब के रूप में उभर रहे हैं। उत्तर प्रदेश (UP) ने इस क्षेत्र में शानदार काम किया है। अगर पिछले चार वर्षों को देखें, तो यूपी में जबरदस्त बदलाव आया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत में बिकने वाले करीब 60% मोबाइल फोन यूपी में बनाए जाते हैं।”
वाचानी ने कहा कि हाल के दिनों में अमेरिका में जो हो रहा है, उसे देखना जरूरी है। कई देशों पर नए टैरिफ लगाए गए हैं या लगाए जाने की संभावना है। उन्होंने कहा, “अगर मैं भारत की स्थिति देखूं, तो हमारा उद्योग इस समय अपने सबसे बड़े अवसरों में से एक के सामने खड़ा है।”
उनका मानना है कि भारत को फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर हस्ताक्षर करने और पारस्परिक टैरिफ (एक-दूसरे पर लगाए जाने वाले टैक्स) की समस्या का समाधान करने की जरूरत है, ताकि भारतीय उद्योग को फायदा मिल सके।
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वाचानी ने कहा कि हम राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं ताकि हमारे कर्मचारी, ऑपरेटर्स और उनके परिवार के सदस्य कैंपस में ही रह सकें, ठीक उसी तरह जैसे चीन में होता है। मुझे लगता है कि जब यह व्यवस्था लागू होगी, तो हमारी वर्कफोर्स की उत्पादकता में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी।
वाचानी का कहना है कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। उन्होंने कहा कि भारत हर साल लगभग 15 अरब डॉलर के आईटी हार्डवेयर, जैसे लैपटॉप, डेस्कटॉप और सर्वर का आयात करता है, जबकि ये सभी उत्पाद देश में ही बनाए जा सकते हैं।
उन्होंने Apple के भारत में बढ़ते उत्पादन को एक बड़ी उपलब्धि बताया। वाचानी ने कहा “Apple ने पहले ही भारत में अपना वैश्विक उत्पादन 15% तक बढ़ा लिया है, जो एक बड़ा कदम है। इसके चलते भारतीय वेंडर्स भी अब कंपोनेंट्स का निर्यात दुनियाभर में करने लगे हैं।”