New SEBI Chief: केंद्र सरकार ने फाइनेंस सेक्रेटरी तुहिन कांत पांडे (Tuhin Kanta Pandey) को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) का नया चेयरमैन नियुक्त किया है। वह माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) की जगह लेंगे, जिनका कार्यकाल कई विवादों और कुछ मार्केट एक्सपर्ट्स की मानें तो अत्यधिक नियम लागू करने के आरोपों से घिरा रहा। मार्केट रेगुलेटर सेबी के लीडरशिप में ठीक ऐसे समय में परिवर्तन हो रहा है, जब विदेशी निवेशकों (FPI) की बढ़ती निकासी घरेलू शेयर बाजार के भविष्य पर दबाव बना रही है। नए सेबी चीफ से निवेशकों को ढेर सारी उम्मीदे हैं। निवेशकों की सबसे बड़ी मांग यह है कि नियमों की सख्ती कम हो और उन्हें ज्यादा स्वतंत्रता मिले।
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, माधबी पुरी बुच के तीन साल के कार्यकाल में नियमों से जुड़ी प्रस्तावों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इस दौरान SEBI ने 197 चर्चा पत्र जारी किए, जो उनके पहले के सेबी चीफ के पांच साल के कार्यकाल की तुलना में 73% अधिक है।
मुंबई स्थित राइट रिसर्च की संस्थापक सोनम श्रीवास्तव का कहना है कि SEBI को नए प्रयोग और स्थिर नीतियों के बीच संतुलन बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि लगातार नियम बदलने से बाजार में अनिश्चितता बढ़ती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने तुहिन कांत पांडे की नियुक्ति को मंजूरी दी है। वह तीन साल के लिए या अगले आदेश तक इस पद पर बने रहेंगे। इसकी जानकारी कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने दी है। वरिष्ठ नौकरशाह पांडे वर्तमान में भारत के फाइनेंस सेक्रेटरी हैं। वह राजस्व विभाग की देखरेख करते हैं, जो टैक्स कलेक्शन की जिम्मेदारी संभालता है। माधबी पुरी बुच, जो इन्वेस्टमेंट बैंकर से नियामक बनीं, साल 2022 में SEBI की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं। उनका तीन साल का कार्यकाल शुक्रवार,28 फरवरी को समाप्त हो रहा है।
बुच के कार्यकाल में SEBI ने बाजार पहुंच आसान बनाने और जोखिम कम करने के कई कदम उठाए। इनमें ग्लोबल फंड्स (global funds) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया सरल बनाना और नए शेयरों की लिस्टिंग के समय को कम करना शामिल है।
हालांकि, वैकल्पिक फंड्स (Alternative Funds) के लिए निवेश नियमों में बदलाव, विदेशी निवेशकों के लिए खुलासे से जुड़े कड़े प्रावधान, और डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर सख्त पाबंदियां जैसी नीतियों ने निवेशकों के लिए व्यापार करना कठिन बना दिया।
DRChoksey FinServ Pvt के मैनेजिंग डायरेक्टर देवन चोकसी ने कहा कि “नए SEBI प्रमुख को नियमों को सरल बनाने के मंत्र पर काम करना होगा।” उन्होंने कहा कि अगर नए अध्यक्ष सबसे पहले डेरिवेटिव्स से जुड़े नियमों और ‘नो योर क्लाइंट’ (KYC) प्रक्रियाओं को आसान बनाते हैं, तो निवेशकों को बाजार में भागीदारी करने में आसानी होगी और वे इस फैसले की सराहना करेंगे।