चुनाव से पहले कर्नाटक में Milk War शुरू हो गया है। यहां पर दूध के दो बड़े ब्रांड अमूल और कर्नाटक का ब्रांड नंदिनी आमने-सामने आ गए हैं। अमूल मिल्क (Amul) और नंदिनी दूध (Nandini) पर राजनीति भी गरमा गई है।
दरअसल इस विवाद की शुरुआत उस वक्त हुई जब अमूल ने कर्नाटक में एंट्री का ऐलान किया। अमूल गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन का प्रोडक्ट (GCMMF) है, पर कर्नाटक के पास अपना कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन (KMF) है, जिसका दूध नंदिनी ब्रांड नेम से बिकता है।
इसी को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी पारा चढ़ रहा है। विपक्ष के नेता आशंका जता रहे हैं कि अमूल को कर्नाटक में लाकर स्थानीय नंदिनी के मार्केट पर चोट करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद से अमूल को लेकर कर्नाटक में विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया पर #GoBackAmul #savenandini जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे।
वहीं विपक्ष के हंगामे के बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बासवराज बोम्मई ने कहा कि विपक्ष बिना वजह इस मुद्दे को राजनैतिक रंग दे रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में नंदिनी के अलावा 18 अलग-अलग ब्रांड के मिल्क प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं, पर किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।
हालांकि राजनीति को अलग रखकर अगर आंकड़ों की बात करें नंदिनी दूध की मार्केट काफी मजबूत दिखाई देती है।
नंदिनी ब्रैंड के दूध अमूल की तुलना में काफी सस्ते हैं। तो इस लिहाज से अमूल को मार्केट बनाने में दिक्कत हो सकती है क्योंकि अमूल नंदिनी के मुकाबले महंगा दूध बेचता है।
नंदिनी के एक लीटर टोन्ड मिल्क की कीमत बेंगलुरु में 39 रुपये है, जबकि अमूल का एक लीटर टोन्ड दूध दिल्ली में 54 रुपये और गुजरात में 52 रुपये में मिलता है।
इसी तरह अमूल का फुल क्रीम मिल्क दिल्ली में 66 रुपये लीटर और गुजरात में 64 रुपये लीटर मिलता है, जबकि नंदिनी का फुल क्रीम मिल्क 50 रुपये में 900 ml और 24 रुपये में 450 ml आ जाता है।
वहीं नंदिनी के मार्केट की बात करें तो कर्नाटक का सबसे बड़ा मिल्क ब्रांड नंदिनी हर दिन 23 लाख लीटर से अधिक दूध की सप्लाई करती है। बेंगलुरू मार्केट में दूध की खपत की 70 प्रतिशत जरूरत को अकेले नंदिनी पूरा करती है।