facebookmetapixel
ऋण घटाने की दिशा में अस्पष्ट नीति आर्थिक प्रगति पर पड़ सकती है भारीमहिलाओं को नकदी हस्तांतरण, बढ़ते खर्च राज्यों के लिए बड़ी चुनौतीभारत के प्रति निवेशकों का ठंडा रुख हो सकता है विपरीत सकारात्मक संकेतभारतीय मूल के जोहरान ममदानी होंगे न्यूयॉर्क के मेयरश्रद्धांजलि: गोपीचंद हिंदुजा का जज्बा और विरासत हमेशा रहेंगे यादहरियाणा में हुई थी 25 लाख वोटों की चोरी : राहुल गांधीBihar Elections 2025: भाकपा माले की साख दांव पर, पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौतीक्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति की साक्षी बनेगी अमरावती, निवेशकों की रुचि बढ़ीरेवेन्यू का एक बड़ा अहम कारक है AI, Q2 में मुनाफा 21 करोड़ रुपये : विजय शेखर शर्मामौसम का कितना सटीक अनुमान लगा पाएगी AI? मॉडल तैयार करने की कोशिश, लेकिन पूर्ण भरोसा अभी दूर

In Parliament: मंत्रीजी जवाब दिजिए, ‘बंद चल रहीं 100 सहकारी समितियों में कितने के खिलाफ CBI जांच चल रही है’ ; सवाल पर संसद में हंगामा

कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल मंत्री कृष्णपाल के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए, नेता विपक्ष खरगे ने भी शिकायत की।

Last Updated- December 04, 2024 | 3:03 PM IST
'CBI investigation is going on against how many of the 100 closed cooperative societies'; 'बंद चल रहीं 100 सहकारी समितियों में कितने के खिलाफ CBI जांच चल रही है' ;

केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री कृष्ण पाल ने बुधवार को बताया कि बहुराज्यीय सहकारी समितियों में धोखाधड़ी और कुप्रबंधन रोकने के लिए तथा इन समितियों के कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। पाल ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान बताया कि बहुराज्यीय सहकारी समितियों के लिए उठाए गए कदमों में समवर्ती ऑडिट का प्रावधान शामिल है, ताकि गड़बड़ी तुरंत संज्ञान में आए। पहले यह ऑडिट साल में एक बार होता था। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सरकारी निर्वाचन प्राधिकरण का गठन किया गया, प्रशासनिक शिकायत जांच अधिकारी व समितियों के सूचना अधिकारियों की नियुक्ति की गई, नियंत्रक और महालेखापरीक्षक (सीएजी) के माध्यम से ऑडिटरों का पैनल बनाया गया और निदेशकों के लिए निर्दिष्ट संख्या तय करने के अलावा अन्य कदम भी उठाए गए।

पाल ने पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 54 नयी पहल की गईं ताकि यह क्षेत्र फले-फूले और देश के सामाजिक आर्थिक उत्थान में मदद करे। उन्होंने बताया कि देश की आजादी के बाद लंबे समय तक 1,702 ऐसी सोसाइटी थीं लेकिन सहकारिता मंत्रालय बनने के बाद पिछले एक साल में 256 नयी ऐसी सहकारिता समितियां बनी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह समय समय पर चलाए गए जागरुकता अभियान का नतीजा है।’’

1,702 बहुराज्यीय सहकारी समितियों में से 100 गैर कार्यशील

मंत्री ने बताया कि 1,702 बहुराज्यीय सहकारी समितियों में से 100 गैर कार्यशील हैं। सुनवाई के बाद इनमें ‘लिक्विडेटरों’ (ऋणशोधन कराने वाले) की नियुक्ति की गई और परिसमापन की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि परिसमापन की प्रक्रिया जटिल है और इसमें सुनवाई आदि में समय लगता है। कांग्रेस के शक्ति सिंह गोहिल ने जानना चाहा कि 100 गैर कार्यशील सोसाइटी में से कितने के खिलाफ सीबीआई की जांच चल रही है। पाल ने बताया कि नरेन्द्र मोदी नीत सरकार में धोखाधड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाता। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी को रोकने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

मंत्रीजी के जवाब से असंतुष्ट दिखे कांग्रेस सांसद

गोहिल ने उनके जवाब पर असंतोष जाहिर किया। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि गोहिल ने पूछा कि जिन 100 सोसाइटी के मामले सामने आए उनमें से कितनों के खिलाफ जांच चल रही है। उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन इसका जवाब नहीं दिया गया।’’ उपसभापति हरिवंश ने कहा कि जवाब से असंतुष्ट होने पर संबंधित मंत्रालय से संपर्क किया जा सकता है या फिर अन्य माध्यमों क उपयोग जा सकता है। पाल ने बताया कि 70 बहुराज्यीय सहकारी बैंकों में कदाचार की शिकायतें आई और जांच के बाद उनके परिसमापन की प्रक्रिया चल रही है।

First Published - December 4, 2024 | 2:36 PM IST

संबंधित पोस्ट