भारत में 2014 से 2024 के बीच 17.2 करोड़ नई नौकरियों का सृजन हुआ है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा केएलईएमएस आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि इन नौकरियों में से 4.6 करोड़ नौकरियों का सृजन पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में हुआ है। केएलईएमएस डेटाबेस में उत्पादन के 5 प्रमुख इनपुट पूंजी (कैपिटल-के) श्रम (लेबर-एल), ऊर्जा (एनर्जी-ई), सामग्री (मैटेरियल-एम) और सेवाओं (सर्विसेज-एस) का ब्योरा होता है।
मांडविया ने गुरुवार को संवाददाताओं से कहा, ‘कुल मिलाकर देखें तो 2004 से 2014 के बीच संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में रोजगार 2003-04 के 44.3 करोड़ से महज 6.6 प्रतिशत बढ़कर 47.1 करोड़ हुआ। जबकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 36 प्रतिशत बढ़कर 64.3 करोड़ हो गया है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों से यह पता चलता है।’
केएलईएमएस आंकड़े 6 सेक्टर के 27 उद्योगों से तैयार किए गए हैं। सेक्टरवार विश्लेषण से पता चलता है कि सेवा क्षेत्र में नई नौकरियां 36 प्रतिशत बढ़ी हैं। इसके बाद कृषि में 19 प्रतिशत और मैन्युफैक्चरिंग में 15 प्रतिशत बढ़ी हैं। मंत्री ने कहा, ‘पिछली सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में नौकरियां घटी (-16 प्रतिशत) थीं, जबकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में हमारी नीतियों में कृषि क्षेत्र के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया। इसका असर आंकड़ों में नजर आ रहा है।’
युवाओं के रोजगार को लेकर मंत्री ने हाल में जारी इंडिया स्किल रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि युवाओं को रोजगार (स्नातक) 2013 के 33.95 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 54.81 प्रतिशत हो गया है।