भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को पांच और राज्यों के अध्यक्षों का ऐलान कर दिया। इसी के साथ पार्टी ने अपनी 37 राज्य इकाइयों में से 50 प्रतिशत से अधिक में प्रमुखों का चुनाव कराने की सीमा को पार कर लिया है। इससे नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का रास्ता साफ हो गया है। अभी पार्टी की कमान केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा के हाथ में है। वैसे उनका कार्यकाल पिछले साल जनवरी में समाप्त हो गया था, लेकिन उन्हें लोक सभा चुनाव संपन्न होने तक उन्हें पद पर बने रहने को कहा गया था। इसके बाद उनका कार्यकाल पार्टी के आंतरिक चुनाव निपटने तक दोबारा बढ़ाया गया।
भाजपा के संविधान के अनुसार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कराने से पहले ब्लॉक, जिला और राज्य प्रमुखों के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करना आवश्यक होता है। बीते सोमवार को भाजपा की पुदुच्चेरी और मिजोरम इकाइयों ने अपने-अपने अध्यक्षों का चुनाव कर लिया था, जबकि महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तराखंड और हिमाचल मंगलवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्षों का ऐलान किया गया। इसी के साथ 21 राज्य इकाइयों को नए पार्टी अध्यक्ष मिल गए हैं।
मुंबई में आयोजित पार्टी की बैठक में महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री रवींद्र चव्हाण को सर्वसम्मति से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया। इसी प्रकार देहरादून में राज्य सभा सदस्य महेंद्र भट्ट को उत्तराखंड भाजपा की कमान दोबारा सौंपी गई। पांच बार के पूर्व विधायक राजीव बिंदल को हिमाचल प्रदेश इकाई का अध्यक्ष निर्विरोध चुना गया। वह भी दोबारा इस जिम्मेदारी को संभालेंगे। एबीवीपी से जुड़े रहे और वरिष्ठ अधिवक्ता पूर्व एमएलसी एन रामचंद्र राव को हैदराबाद में आयोजित बैठक में तेलंगाना में भाजपा का नया अध्यक्ष घोषित किया गया। उन्होंने केंद्रीय कोयला और खनन मंत्री जी किशन रेड्डी की जगह ली है।
आंध्र प्रदेश में वरिष्ठ नेता पीवीएन माधव ने डी पुरंदेश्वरी का स्थान लिया। उन्हें भी सर्वसम्मति से पार्टी इकाई का अध्यक्ष चुना गया। भाजपा की पश्चिम बंगाल राज्य इकाई भी इस सप्ताह अपने प्रमुख की घोषणा कर सकती है। यदि एक से अधिक उम्मीदवार मैदान में उतरते हैं तो गुरुवार को मतदान कराया जाएगा। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का मुद्दा नई दिल्ली में 4 से 6 जुलाई तक होने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में भी उठने की संभावना है।