लोक सभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में पेश किए गए केंद्रीय बजट की सोमवार को कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि और अल्पावधि पूंजीगत लाभ पर कर बढ़ाकर तथा इंडेक्सेशन के लाभों को हटाकर मध्य वर्ग को धोखा दिया गया है। उन्होंने दावा किया कि सत्ताधारी पार्टी का मूल मतदाता रहा मध्य वर्ग अब इससे छिटकता जा रहा है।
लोक सभा में बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए राहुल गांधी ने सरकार की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) को भी दोषपूर्ण बताया, जिसमें केवल शीर्ष 500 कंपनियों को ही शामिल किया गया है, जो बमुश्किल एक प्रतिशत श्रम बल को रोजगार देती हैं। उन्होंने सरकार पर असंगठित क्षेत्र की पूरी तरह अनदेखी का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने कहा कि ईएलआई योजना के लाभ से देश के 99 प्रतिशत युवा वंचित रह जाएंगे।
राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर देश को अभिमन्यु की तरह चक्रव्यूह में फंसाने का भी आरोप लगाया और कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) इस चक्रव्यूह को तोड़ेगा। उन्होंने लोक सभा में केंद्रीय बजट पर चर्चा में भाग लेते हुए यह दावा भी किया कि इस बजट में चंद पूंजीपतियों के एकाधिकार और लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने वाले राजनीतिक एकाधिकार को मबजूती प्रदान की गई है, जबकि युवाओं, किसानों तथा मध्य वर्ग को नजरअंदाज कर दिया गया है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह भी कहा कि ‘इंडिया’ गठबंधन सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराएगा और किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी भी देगा। नेता प्रतिपक्ष ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा, ‘हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र में अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने फंसा कर मारा था…चक्रव्यूह का दूसरा नाम है- ‘पद्मव्यूह’, जो कमल के फूल के आकार का होता है। इसके अंदर डर और हिंसा होती है।’ उन्होंने दावा किया, ‘अभिमन्यु को चक्रव्यूह में छह लोगों ने मारा था, उनके नाम द्रोणाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, कृपाचार्य, कृतवर्मा और शकुनी हैं। आज भी चक्रव्यूह रचने वाले छह लोग हैं।’
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के अलावा चार और लोगों का नाम लिया, जिस पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आपत्ति जताई। बिरला ने कहा, ‘आप नेता प्रतिपक्ष हैं, आपकी पार्टी के उप नेता (गौरव गोगोई) ने लिखकर दिया है कि जो सदन का सदस्य नहीं है, उसका नाम नहीं लिया जाना चाहिए।’
इसके बाद राहुल गांधी ने देश के प्रमुख उद्योगपतियों को ‘ए 1’ और ‘ए 2’ कहकर संबोधित किया। राहुल गांधी ने दावा किया, ‘21वीं सदी में एक और चक्रव्यूह तैयार किया गया है, जो अभिमन्यु के साथ हुआ, वही हिंदुस्तान के साथ किया जा रहा है।’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह देश चक्रव्यूह को पसंद नहीं करता है, ‘शिवजी की बारात’ पसंद करता है जिसमें सभी लोग शामिल हो सकते हैं।
राहुल गांधी ने ‘अग्निपथ’ योजना का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया, ‘सेना के जवानों को अग्निपथ के चक्रव्यूह में फंसाया गया। बजट में अग्निवीरों को पेंशन के लिए रुपया नहीं दिया गया।’
उनके भाषण के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील विषय पर बात की है और अग्निवीरों को लेकर भ्रांति फैलाने का काम किया है।
राहुल गांधी ने बजट का हवाला देते हुए दावा किया, ‘जिस चक्रव्यूह ने भारत को अपनी गिरफ्त में ले लिया है, उसके पीछे तीन ताकतें हैं। पहली एकाधिकार वाली पूंजी का विचार है कि दो लोगों को संपूर्ण भारतीय संपत्ति का मालिक बनने दिया जाना चाहिए।’ उनका कहना था कि दूसरी ताकत इस देश की संस्थाएं, एजेंसियां, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग हैं और तीसरी ताकत राजनीतिक कार्यपालिका है।
राहुल गांधी ने कहा कि ये तीनों ताकतें चक्रव्यूह के केंद्र में हैं और उन्होंने इस देश को तबाह कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मेरी अपेक्षा थी कि यह बजट इस चक्रव्यूह की शक्ति को कमजोर कर देगा तथा इससे देश के किसानों, युवाओं, मजदूरों, देश के छोटे व्यवसायों को मदद मिलेगी। लेकिन मैंने जो देखा- वह यह है कि इस बजट का एकमात्र उद्देश्य बड़े व्यवसायियों के एकाधिकार तथा उस राजनीतिक एकाधिकार के ढांचे को मजबूत करना है, जो लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट कर देता है और अंत में ‘डीप स्टेट’ या एजेंसियों के ढांचे को मजबूत करने वाला है।’
उन्होंने दावा किया कि 20 अफसरों ने देश का बजट बनाने का काम किया है, लेकिन इनमें से सिर्फ एक अल्पसंख्यक और एक ओबीसी हैं तथा उनमें दलित एवं आदिवासी एक भी नहीं है। राहुल गांधी ने बजट से पहले की हलवा वाली रस्म का हवाला देते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में दो-तीन प्रतिशत लोग ही हलवा तैयार कर रहे हैं और उतने ही लोग हलवा खा रहे हैं तथा शेष हिंदुस्तान को यह नहीं मिल रहा है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने पेपर लीक के विषय का उल्लेख करते हुए कहा, ‘सच्चाई ये है कि आपने (सरकार ने) बेरोजगारी और पेपर लीक का चक्रव्यूह बना दिया है। युवाओं के लिए पेपरलीक आज सबसे बड़ा मुद्दा है, लेकिन बजट में इसकी बात नहीं की गई। इसके उलट आपने शिक्षा का बजट घटा दिया है।’
राहुल गांधी ने दावा किया कि इस बजट के बाद देश का मध्य वर्ग भी भाजपा का साथ छोड़ रहा है जो इंडिया’ गठबंधन के लिए एक अवसर भी है। उन्होंने कहा, ‘देश का मध्यम वर्ग शायद इस बजट से पहले प्रधानमंत्री को समर्थन करता था, जब कोरोना के समय प्रधानमंत्री ने मध्यम वर्ग से थाली बजाने और मोबाइल (फोन) की लाइट जलाने के लिए कहा, तो उन्होंने ये सब किया, लेकिन इस बजट में प्रधानमंत्री मोदी ने ‘इंडेक्सेशन’ (महंगाई को समायोजित करना) और पूंजीगत लाभ बढ़ाकर मध्यम वर्ग के लोगों पर ही प्रहार किया है।’