facebookmetapixel
Bihar चुनाव के बाद लालू परिवार में भूचाल, बेटी रोहिणी ने राजनीति और परिवार दोनों को कहा ‘अलविदा’1250% का तगड़ा डिविडेंड! अंडरवियर बनाने वाली कंपनी ने निवेशकों पर लुटाया प्यार, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते₹4 करोड़ कम, लेकिन RR चुना! जानिए क्यों Jadeja ने CSK को कहा अलविदा75% का तगड़ा डिविडेंड! फॉर्मा कंपनी का निवेशकों को बड़ा तोहफा, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्ते25 की उम्र में रचा इतिहास! मैथिली ठाकुर बनीं बिहार की सबसे कम उम्र की MLA; जानें पिछले युवा विजेताओं की लिस्टDividend Stocks: अगले हफ्ते 50 से अधिक कंपनियां बाटेंगी डिविडेंड, शेयधारकों को मिलेगा अतिरिक्त मुनाफाBonus Stocks: हर एक पर पांच शेयर फ्री! ऑटो सेक्टर से जुड़ी कंपनी का निवेशकों को गिफ्ट, रिकॉर्ड डेट फिक्सBihar Election Results: महागठबंधन की उम्मीदें क्यों टूटीं, NDA ने डबल सेंचुरी कैसे बनाई?इंडिगो 25 दिसंबर से नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 10 शहरों के लिए शुरू करेगी घरेलू उड़ानेंDelhi Weather Update: सावधान! दिल्ली-NCR में जहरीली हवा का कहर, IMD ने कोल्ड-वेव अलर्ट जारी किया

अब हर बूथ पर दृष्टिहीनों के लिए वोटिंग मशीन

Last Updated- December 10, 2022 | 1:06 AM IST

चुनाव आयोग इस साल के लोकसभा चुनावों में देश भर के दृष्टिहीनों के लिए ब्रेल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल करने की योजना बना रही है।
चुनाव आयुक्त नवीन चावला ने बताया, ‘हम उन सभी जगहों पर इन मशीनों का इस्तेमाल करेंगे जहां दृष्टिहीनों की संख्या ज्यादा है।’ साल 2007 में देश में पहली बार उत्तराखंड में 150 दृष्टिहीनों ने ब्रेल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से वोट किया था। ब्रेल इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन को देहरादून के राष्ट्रीय दृष्टिहीन संस्थान(एनआईवीएच) ने नेत्रहीनों के लिए बनाया था।
चावला ने बताया, ‘एनआईवीएच  द्वारा दृष्टिहीनों के लिए बनाई गई वोटिंग मशीन काफी अच्छी तरह से काम करती हैं। इन मशीनों के काम से मैं काफी प्रभावित हूं।’ एनआईवीएच क ी निदेशिका डॉ. अनुराधा मोहित ने इसके लिए चुनाव आयोग की तारीफ की।
उन्होंने कहा, ‘जिन लोगों की दुनिया में सिर्फ अंधेरा है यह उन लोगों के लिए एक अच्छा तोहफा होगा।’ डॉ. अनुराधा खुद भी दृष्टिहीन हैं। इस मशीन से वोट करते समय दृष्टिहीनों को कोई भी मुश्किल नहीं होगी। इन मशीनों पर प्रत्याशियों के नाम और उनके चुनाव चिह्न ब्रेल लिपि में लिखे होंगे। डॉ. अनुराधा ने बताया, ‘पहले दृष्टिहीन वोटिंग करते थे तो उनकी वोटिंग में कोई गोपनीयता नहीं रह जाती थी।’
विशेषज्ञों ने कहा कि अभी भी इसमें और सुधार की जरूरत है। डॉ. अनुराधा ने बताया, ‘अगर हम इन मशीनों में ध्वनि आधारित सिस्टम भी लगा सके तो अनपढ़ दृष्टिहीनों को भी सुविधा होगी।’ दरअसल दृष्टिहीनों में ब्रेल लिपि की साक्षरता दर 22-25 फीसदी के बीच ही है।

First Published - February 15, 2009 | 9:37 PM IST

संबंधित पोस्ट