उत्तर प्रदेश सरकार अब छोटे व मझोले उद्यमियों के साथ ही स्वरोजगार शुरू करने के इच्छुक लोगों को कैंप लगाकर कर्ज देगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में लोन मेला आयोजित करने के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि पात्र व्यक्तियों को लोन मेले के जरिये विभिन्न योजनाओं के तहत मिल सकने वाला कर्ज उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने इस संबंध में बैंकों के साथ समन्वय बनाते हुए बैंकों से शाखावार लक्ष्य तय किए जाने के निर्देश भी दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि स्टैण्ड-अप इण्डिया स्कीम के माध्यम से हर बैंक शाखा की ओर से कम से कम एक एक अनुसूचित जाति व जनजाति और एक महिला उद्यमी को कर्ज उपलब्ध कराया जाए। इससे प्रदेश के 36,000 अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला उद्यमियों को लाभ मिलेगा।
यह जानकारी आज यहां देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि कोरोना संकट के दौर में इसी साल मई के बाद अब तक प्रदेश की 6.24 लाख नए छोटे व मझोले उद्यमों (एमएसएमई) को बैंकों की ओर से 18330 करोड़ रुपये का कर्ज उपलब्ध कराया जा चुका है। प्रदेश सरकार ने इसके लिए मई, जून और जुलाई में रोजगार संगम के नाम से लोन मेलों का आयोजन किया था।
प्रवक्ता के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना के जरिये पहले से संचालित 4.37 लाख एमएसएमई इकाइयों को कुल 10847 करोड़ रुपये का कर्ज अब तक दिया जा चुका है। इस तरह से इस महामारी के दौर में ही बैंकों के माध्यम से विभिन्न श्रेणी की एमएसएमई इकाइयों को 29000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज उपलब्ध कराया गया है।
गौरतलब है कि कोरोना संकट के दौर में योगी सरकार ने लॉकडाउन के दूसरे चरण में ही 50 फीसदी से ज्यादा इकाइयों को चलवा दिया था। प्रदेश सरकार ने प्रवासी मजदूरों की समस्या से निपटने के लिए एमएसएमई इकाइयों को कम से कम एक मजदूर को रोजगार देने को कहा था। इसके लिए प्रदेश में बाहर से लौटने वाले सभी कामगारों की स्किल मैपिंग करा उनका डाटा तैयार किया गया। प्रवासी कामगारों को रोजगार देने के लिए प्रदेश सरकार ने विभिन्न औद्योगिक संगठनों के साथ करार भी किया है।
