उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों का सेमीफाइनल माने जा रहे उपचुनावों में सफलता हासिल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल साख बचाई है बल्कि सत्ता विरोधी रुझान के दावों को भी भोथरा किया है। मंगलवार को प्रदेश में जिन सात विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव के नतीजे आए हैं उसने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की आगे की तैयारी की बानगी दी है, वहीं विपक्ष को भी आईना दिखाने का काम किया है।
भाजपा ने छह सीटें जीतकर अपनी पहले की स्थिति बरकरार रखी है जबकि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली है। प्रियंका गांधी के प्रदेश का प्रभारी बनने से उत्साहित कांग्रेस ने कोई सीट तो नहीं जीती पर उसने कई जगह मुख्य मुकाबले में आकर अपना दम दिखाया। भारी जीत का दावा कर रही सपा को निराशा हाथ लगी है जबकि बहुजन समाज पार्टी की कई सीटों पर बुरी गत हुई है। छह सीटों पर भाजपा का दबदबा रहा तो सपा अपनी इकलौती जौनपुर की मल्हनी सीट बचा पाई।
नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विधानसभा चुनाव और उपचुनाव के रुझानों से एक बार फिर से साबित हो गया कि मोदी है तो मुमकिन है। उन्होंने कहा कि भाजपा पर देश की जनता को भरोसा है और इस बात पर जनता ने एक बार फिर से मुहर लगा दी है।
यूपी में नौगांवा (अमरोहा), बुलंदशहर, टुंडला( फिरोजाबाद), घाटमपुर (कानपुर), बांगरमऊ (उन्नाव), मल्हनी (जौनपुर), देवरिया सीटों पर 3 नवंबर को उपचुनाव के लिए मतदान हुआ था। उपचुनाव प्रदेश के पश्चिमी, पूर्वी, ब्रज, रुहेलखंड से लेकर अवध क्षेत्र की सीटों पर हो रहा था और इसे विधानसभा के लिए सेमीफाइनल माना जा रहा था। सात सीटों के लिए उपचुनावों में छह सीटें भाजपा तो एक सीट सपा के पास थी। जिन सीटों पर चुनाव हुए थे इनमें से नौगावां सादात सीट योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन, घाटमपुर सीट मंत्री कमलरानी वरुण और बुलंद शहर व देवरिया सदर सीट विधायकों के दिवंगत होने के चलते खाली हुई।
