कानपुर के खुदरा व्यापारियों ने राज्य सरकार द्वारा किदवई नगर मंडी को शहर के बाहरी इलाके छकरपुर में स्थानातंरित करने के निर्णय पर हल्ला बोल कर दिया है।
इसके लिए व्यापारियों ने राज्य सरकार के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। नगर प्रशासन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 11 मार्च को दिए गए निर्णय पर अमल करते हुए किदवई नगर बाजार को शहर के बाहरी इलाके छकरपुर में ले जाने के लिए कदम उठाने शुरु कर दिये है।
लेकिन प्रशासन के इस कदम से अंसतुष्ट फल और सब्जी के थोक व्यापारियों ने इस संबध में सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। इस मुद्दे की पहली सुनबाई आने वाली 21 अप्रैल को होगी। कानपुर आलू थोक व्रिकेता संघ के उपाध्यक्ष हरी शंकर गुप्ता ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने किदवई नगर बाजार को नौबस्ता ले जाने का निर्णय दिया है।
नौबस्ता में बाजार के लिए आवश्यक बुनियादी सुविधाएं पहले से ही उपलब्ध है। लेकिन प्रशासन इस बाबत गलत तरीके से पेश आ रहा है। कानपुर सब्जी और फल विक्रेता संघ के सचिव के के द्विवेदी ने बताया कि किदवई नगर के 10,000 हजार व्यापारियों के लिए छकरपुर में पर्याप्त बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं है। इसलिए व्यापारी छकरपुर में जाने को तैयार नहीं है।
एक दैनिक मजदूर ने बताया कि नए बाजार में केवल दो शौचालय ही हैं जबकि पूरे परिसर में कोई भी पाइपलाइन नहीं है। उसने बताया कि पानी की आपूर्ति बेहद दयनीय है। इसके अलावा व्यापारी नए बाजार की सुरक्षा को लेकर भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ‘पिछले एक सप्ताह के दौरान दो व्यापारियों के साथ लूट की वारदात हो चुकी है। हम यहां बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं हैं।’
व्यापारियों का कहना है कि बैंकिंग की पर्याप्त सुविधा नहीं होने के कारण भी वे नए बाजार में कारोबार को ले जाने का विरोध कर रहे हैं।