उत्तर प्रदेश में रियल एस्टेट डेवलपर्स ग्राहकों को रिझाने और फ्लैटों की बिक्री बढ़ाने के लिए इंटीरियर डिजायनिंग में ‘एकॉस्टिक्स’ के कॉनसेप्ट को पेश करने जा रहे हैं।
एकॉस्टिक्स डिजायनिंग के तहत घर को इस तरह से तैयार किया जाता है कि वह बाहर के शोर-शराबे से अछूता रहे। इस सिलसिले में एचकेएमटी एकॉस्टिक डिजायन प्राइवेट लिमिटेड प्रमुख रियल एस्टेट कपंनियों के साथ मिलकर काम कर रही है। इन रियल एस्टेट कंपनियों में डीएलएफ और यूनीटेक के नाम शामिल हैं।
एचकेएमटी एकास्टिक्स डिजायन प्रा. लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हिमांशु कुमार ने बताया कि ‘कुछ ही कारपोरेट्स को इस कॉनसेप्ट के बारे में पता है। लोगों में एकास्टिक्स को लेकर जागरुकता की कमी है।’ उन्होंने कहा कि सबसे पहले लोगों को इसके फायदे के बारे में बताना होगा। कुछ कारपोरेट समूहों ने शांत माहौल के लिए इस डिजायन को अपनाने की इच्छा जताई है।
एकास्टिक्स की मदद से भवन में शोर को नियंत्रित किया जा सकता है। एकास्टिक्स को साउंड प्रूफिंग भी कहा जाता है। इसके जरिए बाहरी आवाज को रोकने में मदद मिलती है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह काफी लोकप्रिय है और भारत में भी धीमे-धीमे तेजी पकड़ रहा है। लगभग सभी सिनेमाघरों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। घरों के थिएटर रूम में भी इसका इस्तेमाल होने लगा है। कुमार के मुताबिक धीमे-धीमे लोगों की दिलचस्पी इस ओर बढ़ रही है।
बाजार संभावनाओं के बारे में उन्होंने कहा कि बाजार अभी शुरुआती दौर में है और इस समय बाजार के आकार का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है। उन्होंने कहा कि ‘हालांकि भारतीय बाजार में काफी संभावनाएं हैं। सिर्फ जागरुकता की कमी के कारण थोड़ी दिक्कतें हैं। यदि एक बार लोगों का रुझान इस ओर हो गया तो बाजार में काफी तेज विकास दर देखने को मिलेगी।’
एचकेएमटी पिछले 17 वर्षो से इंटीरियर डिजायनिंग के क्षेत्र में काम कर रही है और कंपनी करीब 150 ग्राहकों के लिए हाई-एंड एकास्टिक्स आधारित मिनी थियेटर तैयार कर चुकी है। इन ग्राहकों में भूटान के राजा भी शामिल हैं। कुमार ने बताया कि एचकेएमटी में हम एक डिजायन को दोहराते नहीं हैं।