Gems and jeweler exports fall: वैश्विक बाजारों में आर्थिक अनिश्चितता और राजनीतिक तनाव का असर देश के रत्न एवं आभूषण उद्योग पर भी पड़ा है। देश का रत्न और आभूषण निर्यात जून महीने में पिछले साल की तुलना में 14.78 फीसदी घटकर 15939.77 करोड़ रुपये हो गया।
रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (GJEPC) के आंकड़ों के मुताबिक जून 2024 में रत्न एवं आभूषणों का कुल सकल निर्यात 1909.57 मिलियन अमेरिकी डॉलर (15939.770 करोड़ रुपये) रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 2240.77 मिलियन अमेरिकी डॉलर (18413.88 करोड़ रुपये) था।
मौजूदा वैश्विक संकट से विदेशी बाजारों में मांग को कम कर दिया है। जून 2024 में रत्न एवं आभूषणों के कुल आयात में 16.51 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1855.27 मिलियन अमरीकी डॉलर (15247.75 करोड़ रुपये) की तुलना में 1548.93 मिलियन अमरीकी डॉलर (12926.77 करोड़ रुपये) रहा। इसका कारण घरेलू बाजार में देखी गई मांग में कमी हो सकती है।
कट एवं पॉलिश किए गए हीरों के कुल सकल निर्यात में जून 2024 में 26.35 फीसदी की गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1382.13 मिलियन अमरीकी डॉलर (11354.67 करोड़ रुपये) की तुलना में 1017.87 मिलियन अमरीकी डॉलर (8496.87 करोड़ रुपये) रहा। जबकि हीरों का कुल आयात पिछले वर्ष की समान अवधि के 120.51 मिलियन अमेरिकी डॉलर (990.41 करोड़ रुपये) की तुलना में इस बार 35.9 फीसदी की गिरावट के साथ 77.25 मिलियन अमेरिकी डॉलर (644.8 करोड़ रुपये) रह गया।
जून में कच्चे हीरों का सकल आयात 28291.59 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के आयात 32949.09 करोड़ रुपये की तुलना में 15.39 फीसदी की गिरावट दर्शाता है।
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जून के दौरान पॉलिश किए गए लैब ग्रोन डायमंड का कुल सकल निर्यात 741.48 करोड़ रुपये में रहा, जो पिछले वर्ष के 801.82 करोड़ रुपये की तुलना में 8.96 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। इसके पीछे मुख्य कारण वैश्विक बाजारों में लैब-ग्रोन डायमंड की कीमतों में उतार-चढ़ाव को माना जा सकता है, जिसने मांग को नीचे की ओर धकेल दिया है।
जून में सोने के आभूषणों का कुल सकल निर्यात 5074.27 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 4699.56 करोड़ रुपये की तुलना में 6.36 फीसदी अधिक रहा। यह वैश्विक बाजार में मजबूत मांग के कारण है क्योंकि वर्तमान में सोने की कीमतें कम अस्थिर हैं, जिसने उपभोक्ताओं को इस स्थिति का अधिकतम लाभ उठाने और निवेश के साथ-साथ पहनने योग्य उद्देश्य के लिए पीली धातु खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया है, जिससे मांग में वृद्धि हुई है।
जून के दौरान रंगीन रत्नों का सकल निर्यात 760.74 करोड़ रुपये में रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 1052.47 करोड़ रुपये की तुलना में 28.78 फीसदी की गिरावट दर्शाता है। ऐसा अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मांग में कमी के कारण हुआ है। रंगीन रत्नों की मांग मुख्य रूप से उच्च मध्यम वर्ग और उससे आगे के लोगों द्वारा संचालित होती है, जो मूल्य गतिशीलता से प्रभावित हुए बिना मांग को मुख्य रूप से आकार देते हैं।
रत्न एवं आभूषण उद्योग मंदी की गिरफ्त में आता दिख रहा है जिस पर कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक कॉलिन शाह ने कहा कि रत्न एवं आभूषण उद्योग एक साल से अधिक समय से कठिन दौर से गुजर रहा है। लगातार भू-राजनीतिक तनाव ने पहले से ही बीमार उद्योग के लिए और भी मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। इस साल 60 से अधिक देशों में चुनाव होने के कारण इन देशों में मांग में नरमी की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि इस दौरान व्यापार गतिविधियों पर प्रतिबंध लग सकता है।
हालांकि, त्योहारी सीजन के करीब आने के साथ, हमें उम्मीद है कि व्यापार गतिविधियों में प्रगति के कारण मांग में कुछ सुधार देखने को मिलेगा। इसके अतिरिक्त, बजट को देखते हुए, हम वित्त मंत्री से अनुरोध करते हैं कि वे रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय करें ताकि यह इस चुनौतीपूर्ण समय से बाहर निकलने में सक्षम हो सके।