उत्तर प्रदेश के जेवर (नोएडा) में आखिरकार अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा परियोजना की शुरुआत हो गई है। इस हवाईअड्डा परियोजना पर काम शुरू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल बुधवार को कन्सेशन एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना का पहला चरण 2024 के शुरू तक पूरा होने की उम्मीद है। ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल के मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) हैनियल बर्चर ने कहा कि इस 2024 के शुरू से 1.2 करोड़ यात्री इस हवाईअड्डे का लाभ उठाना शुरू कर देंगे।
इस समय नोएडा हवाईअड्डा परियोजना में ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनैशनल की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले वर्ष कंपनी ने दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (डायल), अदाणी एंटरप्राइेजज और एंकरेज इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट्स होल्डिंग्स लिमिटेड को पीछे छोड़ते हुए नोएडा हवाईअड्ड के लिए 40 वर्षों का कन्सेशन जीत लिया था।
ज्यूरिख एयरपोर्ट ने प्रति यात्री 400.97 करोड़ रुपय राजस्व हिस्सेदारी की पेशकश की थी। बोली पर पहले निर्णय का अधिकार रखने वाले जीएमआर ने प्रति यात्री 351 करोड़ रुपये की पेशकश की थी। कोविड-19 महामारी के असर से पूरी दुनिया में विमानन क्षेत्र पर व्यापक असर हुआ है। हालांकि बर्चर ने कहा कि इससे जेवर हवाईअड्डा परियोजना की समय सीमा पर कोई असर नहीं होगा। भारत में ढांचागत परियोजनाएं शायद ही समय पर पूरी हो पाती हैं, क्योंकि भूमि अधिग्रहण, धन की उपलब्धता आदि कारणों से अक्सर देरी हो ही जाती है। उदाहरण के लिए मुंबई में दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा 2019 में शुरू होना था, लेकिन इसकी समय सीमा कई बार बदली है और अब इसे बढ़ाकर 2021 कर दी गई है। जेवर हवाईअड्डा परियोजना के पहले चरण में एक हवाईपट्टी होगी, जिनसे 1.2 करोड़ यात्रियों का आवागमन संभव हो पाएगा। हालांकि चौथे चरण तक ज्यूरिख दो हवाईपट्टियां तैयार करनी चाहती है, जिनसे 7 करोड़ यात्रियों को उड़ान सेवाओं का लाभ मिल पाएगा। इस परियोजना के पहले चरण पर 4,666 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
यमुना एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (वाईईआईडीए) के सीईओ अरुण वीर सिंह ने कहा कि इस हवाईअड्डे के विकास के लिए 5,000 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है और आवश्यकता पडऩे पर क्षमता बढ़ाई जा सकती है। इस हवाईअड्डा की तकनीकी व्यवहार्यता की जांच की जिममेदारी पीडब्यलूसी को सौंपी गई थी। कंपनी का कहना है कि इस हवाईअड्डे पर पांच हवाईपट्टियां बनाई जा सकती हैं। हालांकि बर्चर ने साफ कर दिया कि अगले चरण की योजना पर तभी कम शुरू होगा जब हवाईअड्डा यात्रियों की अनुमानित संख्या में वृद्धि का 80 प्रतिशत तक लक्ष्य हासिल कर लेगी।
