उत्तर प्रदेश के खस्ताहाल शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) में बहार आने की उम्मीद जगी है।
राज्य सरकार इन बैंकों के पुनरोद्धार और पुनर्गठन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ अप्रैल में सहमति पत्र पर दस्तखत करने वाली है। इसके साथ ही गुजरात और आंध्र प्रदेश के बाद उत्तर प्रदेश केन्द्रीय बैंक के साथ इस संबंध में एमओयू करने वाला तीसरा राज्य बन जाएगा।
एमओयू के मुताबिक रिजर्व बैंक एक राज्य स्तरीय कार्यदल का गठन करेगा। इस बॉडी में रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक, उत्तर प्रदेश में सहकारी सोसाईटी के पंजीयक, राज्य शहरी सहकारी बैंक फेडरेशन और राष्ट्रीय शहरी सहकारी बैंक फेडरेशन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा।
इस कदम के तहत रिजर्व बैंक राज्य सरकार या बैंक नियमक की किसी भी मौद्रिक सहायता में शामिल नहीं होगा।इस समय उत्तर प्रदेश में 73 यूसीबी हैं और उनका कुल जमा आधार 2,000 करोड़ रुपये का है। इन यूसीबी में से 17 बैंकों को ग्रेड 3 और इतने ही बैंकों को ग्रेड 4 में शामिल किया गया है जबकि 2 यूसीबी तरलीकरण के तहत हैं।
सहकारी सोसाईटी पंजीयक कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान उत्तर प्रदेश में बीमार यूसीबी की संख्या घटकर 13 रह जाने का अनुमान है। बीते दिनों सहाकारी बैंकों के कारोबार में काफी सुधार देखा गया है।
ऐसे यूसीबी जिनका एनपीए 10 प्रतिशत से कम है उन्हें ग्रेड 1 में रखा गया है। इसके बाद 10 प्रतिशत से 15 प्रतिशत तक एनपीए को ग्रेड 2 में और 15 से अधिक एनपीए वाले बैंकों को ग्रेड 3 में शामिल किया गया है। ग्रेड में ऐसे बैंक आते हैं तो लगातार तीन वर्षो से घाटे में चल रहे हैं, एनपीए 15 प्रतिशत से अधिक है और पूंजी जोखिम पर्याप्तता अनुपात 9 प्रतिशत से कम है।
रिजर्व बैंक ने मार्च 2005 में बीमार यूसीबी के पुनरोद्धार प्रक्रिया की शुरूआत की थी। पुरनोद्धार प्रक्रिया के तहत राज्य सरकार और रिजर्व बैंक के बीच एक एमओयू पर दस्तखत किए जाते हैं और समयबद्ध कार्य योजना तैयार की जाती है। रिजर्व बैंक ने 2005 में यूसीबी के लिए मौसदा दृष्टि पत्र को जारी किया था। इस मसौदे में यूसीबी को दो अलग-अलग नियामक टॉयर्स में बांटने की पेशकश की गई थी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चूंकि यूसीबी राज्य सरकारों और रिजर्व बैंक के नियंत्रण का विषय है इसलिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करने और मजबूत और विविधीकृत कार्य योजना तैयार करने की जरुरत है। नेशनल फेडरेशन आफ अर्बन को-आपरेटिव बैंक्स और के्रडिट सोसाईटी लि. ने रिजर्व बैंक द्वारा तैयार कार्य योजना को पहले ही मंजूरी दे दी है। एमओयू के मुताबिक यूसीबी का ऑडिट उत्तर प्रदेश के सहकारी सोसाईटी के मुख्य ऑडिट अधिकारी की जगह चार्टर्ड एकाउंटेंट के द्वारा किया जाएगा।