जेपी मॉर्गन ने गत सप्ताह यह घोषणा की कि भारत सरकार के बॉन्डों को उसके उभरते बाजारों के सरकारी बॉन्ड सूचकांक में शामिल किया जाएगा। इस खबर से वित्तीय बाजारों और सरकार दोनों में काफी उत्साह देखने को मिला। इस सूचकांक में 236 अरब डॉलर की प्रबंधन योग्य परिसंपत्ति है और चूंकि इसमें भारत की […]
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सन 1981 में दक्षिण भारत के चार राज्य (आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु) राष्ट्रीय आर्थिक गतिविधियों में पांचवें हिस्से से कुछ अधिक के बराबर योगदान करते थे। अब इनकी संख्या पांच हो गई है क्योंकि तेलंगाना आंध्र प्रदेश से अलग हो गया है। आर्थिक गतिविधियों में उनकी हिस्सेदारी भी बढ़कर लगभग तिगुनी यानी 30 […]
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भारत के लिए सबसे बड़ी नीतिगत चुनौतियों में से एक रही है युवाओं और बढ़ती श्रम योग्य आबादी के लिए रोजगार की व्यवस्था करना। सन 1980 के दशक के मध्य से ही हमारी आर्थिक वृद्धि में तेजी आ रही है लेकिन रोजगार की स्थिति में कोई वांछित बदलाव नहीं आ रहा है। हालांकि कुछ पहलुओं […]
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने घरेलू वित्तीय बचत के जो आंकड़े इस सप्ताह पेश किए हैं, उन्होंने अर्थशास्त्र के विद्वानों को चौंका दिया है और इनका मध्यम अवधि की वृद्धि पर गहरा असर हो सकता है। आंकड़ों से पता चलता है कि विशुद्ध घरेलू वित्तीय बचत 2022-23 में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी के 5.1 […]
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करीब 27 वर्षों तक आगे-पीछे करने के बाद महिला आरक्षण विधेयक मंगलवार को एक बार फिर संसद में पेश किया गया। यह विधेयक 128वें संविधान संशोधन द्वारा आहूत एक विशेष सत्र में प्रस्तुत किया गया। विधायक के मुताबिक महिलाओं को लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में 33 फीसदी आरक्षण की गारंटी देने का प्रावधान है। […]
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गत सप्ताह एयरबस डिफेंस ऐंड स्पेस ने भारतीय वायु सेना को 56 सी-295 मझोले परिवहन विमानों में से पहला विमान सौंप दिया। यह विमान उड़ान भरने के लिए तैयार है। रक्षा मंत्रालय 56 एचएस-748 एवरो विमानों का बेड़ा पुराना पड़ने के कारण उन्हें बदल रहा है और सी-295 की खरीद इसी सिलसिले में की जा […]
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सन 2000 के दशक के तेज वृद्धि वाले समय में भारत की वृद्धि को निजी क्षेत्र के निवेश से गति मिल रही थी। वैश्विक स्तर पर सकल स्थायी पूंजी निर्माण (जीएफसीएफ) की बात करें तो बीते पांच दशकों में यह औसतन 23 और 27 फीसदी के बीच रहा है। चीन जैसे वृद्धि के क्षेत्र में […]
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अमेरिका में अगस्त माह में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति की दर एक वर्ष में सबसे तेज गति से बढ़ी है। इससे संकेत मिलता है कि फेडरल रिजर्व का मुद्रास्फीति से निपटने की कोशिश का आखिरी चरण आसान नहीं होगा। सालाना दर जुलाई माह के 3.2 फीसदी की तुलना में 3.7 फीसदी हो गई। हालांकि हेडलाइन मुद्रास्फीति […]
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स्थिर बैंकिंग व्यवस्था वित्तीय स्थिरता के लिए अत्यंत आवश्यक है। ऐसे में यह आवश्यक है कि बैंकों का समुचित नियमन हो और वे अनावश्यक जोखिम न लें। बैंकिंग क्षेत्र में ऋण की गुणवत्ता और फंसे हुए कर्ज का स्तर अक्सर सार्वजनिक तौर पर ध्यान आकृष्ट करता है। नियामक के लिए यह आवश्यक है कि वह […]
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भारत ने गत 10 सितंबर को जी20 शिखर बैठक को जिस ऊंचाई पर समाप्त किया उसका परिणाम भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों में बढ़े हुए सौहार्द के रूप में सामने आया। भारत तमाम अनुमानों के विपरीत वैश्विक नेताओं के घोषणापत्र में सहमति को आकार देने में कामयाब रहा। इसकी एक प्रमुख वजह यह भी […]
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