Skip to content
  सोमवार 29 मई 2023
Trending
May 29, 2023दुनिया की गतिशीलता में लॉजि​स्टिक्स की भूमिकाMay 29, 2023माइक्रोफाइनैंस लोन 21.3 फीसदी बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हुआMay 29, 2023US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ानाMay 29, 2023एक करोड़ तक के फंसे कर्ज को जल्द निपटाएं: वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देशMay 29, 2023जेट ट्रेनर की खरीद मामले में Rolls Royce के खिलाफ मामला दर्जMay 29, 2023विदेशी वेंचर कैपिटल फंडिंग में 72 प्रतिशत की गिरावट, कई विदेशी फर्मों ने अपने हाथ तकरीबन खीचेंMay 29, 2023अदाणी के शेयरों में आई तेजी, फिर 5वां बड़ा शेयर बाजार बना भारतMay 29, 2023ONGC हरित ऊर्जा में करेगी 1 लाख करोड़ रुपये का निवेशMay 29, 2023आदित्य बिड़ला कैपिटल में हिस्सेदारी बेचने की तैयारीMay 29, 2023झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में आई 11 फीसदी की तेजी, बाजार के मुकाबले कर रहा बेहतर प्रदर्शन
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  आज का अखबार  अदालती निर्देश बिजली उपभोक्ताओं के हित में
आज का अखबारलेख

अदालती निर्देश बिजली उपभोक्ताओं के हित में

विनायक चटर्जीविनायक चटर्जी—May 16, 2023 10:43 PM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

बिजली क्षेत्र को लेकर जो भी चर्चा होती है वह अनिवार्य रूप से वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) की अपने आपूर्तिकर्ताओं और ग्राहकों दोनों के साथ त्रुटिपूर्ण व्यवहार को लेकर खिंचाई के साथ समाप्त होती है। डिस्कॉम को कोसने का यह सिलसिला तीन दशक से अधिक समय से चल रहा है। इन वितरण कंपनियों पर अस्वीकार्य पारेषण और वितरण को लेकर नुकसान, तर्कहीन शुल्क, विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार, खराब ग्राहक सेवा, संदिग्ध लेखांकन से लेकर आम तौर पर बिजली क्षेत्र को अपने चंगुल में फंसा कर रखने के आरोप हैं।

यह माना जाना चाहिए कि कुछ डिस्कॉम (निजी और राज्य के स्वामित्व वाले दोनों) अपने क्षेत्र के दलदल से बाहर निकलने में कामयाब रही हैं और उत्कृष्ट सुधार का प्रदर्शन किया है। लेकिन वे अपवाद हैं। कुल मिलाकर, कई योजनाओं के बावजूद वितरण क्षेत्र अभी भी अर्थव्यवस्था पर बोझ बना हुआ है। यह सबको पता है कि डिस्कॉम को लेकर जो भी शिकायतें हैं वे राजनीतिक दलों की गुमराह करने वाली और लोकलुभावन नीतियों का परिणाम हैं।

राज्य सरकारों के प्रतिरोध और डिस्कॉम यूनियनों के असहयोगी रवैये के कारण दशकों से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित सुधार से संबंधित विभिन्न पहलों को अमलीजामा नहीं पहनाया गया है। इसलिए, बिजली मंत्रालय कठोर अनुपालन आवश्यकताओं के साथ वितरण कंपनियों पर लगातार नकेल कसने की कोशिश करता रहा है।

इनमें से कुछ ने मदद भी की है, जो इन कंपनियों की घटती बकाया राशि, वितरण क्षमता में कुछ सुधार आदि से स्पष्ट है। इस जटिल माहौल में, सर्वोच्च न्यायालय ने सख्ती और कठोर टिप्पणियों के साथ पहल की है। जीएमआर वरोरा एनर्जी लिमिटेड बनाम केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग और अन्य के मामले में 20 अप्रैल को दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले में सर्वोच्च अदालत की तरफ से कुछ तल्ख टिप्पणियां की गई हैं।

मोटे तौर पर ये टिप्पणियां पांच श्रेणियों में आती हैं। पहला ‘कानून में बदलाव’ का मुद्दा है जो शुल्क को प्रभावित करता है। अदालत ने अपने आदेश में बड़े क्षोभ के साथ इस बात को इंगित किया है कि जब बिजली खरीद समझौता ‘कानून में बदलाव’ के आधार पर मुआवजे के भुगतान के लिए एक तंत्र प्रदान करता है, तो अदालत के समय को बरबाद करने वाले अनुचित मुकदमेबाजी से बचा जाना चाहिए।

अंततः डिस्कॉम के साथ-साथ उत्पादकों को मुकदमेबाजी की भारी लागत उठानी पड़ती है जिससे अंतिम उपभोक्ताओं को आपूर्ति की जाने वाली बिजली की लागत बढ़ जाती है। न्यायालय इस बात की ओर भी इशारा करता है कि ‘कानून में बदलाव’-मतलब घटनाओं को उस दिन से देखना होगा जिस दिन राज्य के एजेंसियों द्वारा नियम, आदेश, अधिसूचनाएं जारी की जाती हैं। इसके बावजूद डिस्कॉम मुकदमेबाजी से बाज नहीं आतीं।

दूसरा बिंदु क्षेत्राधिकार से संबंधित है। फैसले में कहा गया है कि विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 125 के तहत सर्वोच्च न्यायालय में अपील केवल नागरिक प्रक्रिया संहिता, 1908 की धारा 100 में निर्दिष्ट किसी भी आधार पर स्वीकार्य है। इस प्रकार, सर्वोच्च न्यायालय में अपील की अनुमति तभी होगी जब कानून को लेकर पर्याप्त सवाल खड़े किए गए हों।

हालांकि, जैसा कि पहले भी देखा गया है, ऐसे मामलों में भी जहां विद्युत विनियामक आयोगों और अपील ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी (एपीटीईएल) द्वारा सुविचारित समवर्ती आदेश पारित किए जाते हैं, उन्हें डिस्कॉम के साथ-साथ उत्पादकों द्वारा भी चुनौती दी जाती है। आदेश में कहा गया है कि एक बार विद्युत नियामक आयोग और एपीटीईएल जैसे विशेषज्ञ निकायों द्वारा समवर्ती निष्कर्ष मिलने के बाद, डिस्कॉम को लंबे समय तक मुकदमेबाजी में शामिल होने की कोई आवश्यकता नहीं है।

यह विद्युत अधिनियम, 2003 के मूल उद्देश्य को विफल करता है। मुकदमेबाजी के कारण, एक बार फिर अंतिम उपभोक्ता को भुगतना पड़ता है। सर्वोच्च न्यायालय का मत है कि इस तरह के अनावश्यक और अनुचित मुकदमेबाजी पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है।

तीसरा, जैसा कि शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया है, विद्युत मंत्रालय को एक तंत्र विकसित करना चाहिए जिसके तहत राज्य या केंद्रीय नियामक आयोग से पहला आदेश प्राप्त होने के बाद, डिस्कॉम को पहले उत्पादन कंपनियों को भुगतान करना चाहिए ताकि अंत में उपभोक्ताओं को ‘रख-रखाव लागत’ के बोझ को वहन करने से बचाया जा सके।

डिस्कॉम मुकदमा जीतने की स्थिति में रिफंड की गारंटी के साथ विधिवत भुगतान करने के बाद आदेश के खिलाफ अपील करने के अपने अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। डिस्कॉम, हालांकि, कई मुकदमों का सहारा लेना जारी रखते हैं, जिससे उत्पादन कंपनियों को देय भुगतान में देरी होती है, और वास्तव में, उनके भुगतान चूक के लिए देर से भुगतान अधिभार (एलपीएस) का भुगतान करना पड़ता है।

यदि ऐसा एलपीएस की देनदारी बनती है, तो संबंधित डिस्कॉम को ऐसे एलपीएस/रख-रखाव लागत को अंतिम उपभोक्ताओं पर डालने की अनुमति नहीं दी जाएगी। चौथा, निर्णय इस तथ्य पर खेद व्यक्त करता है कि डिस्कॉम बिजली श्रृंखला में बड़े पैमाने पर वित्तीय तनाव का मूल कारण हैं, जिससे अर्थव्यवस्था के व्यवस्थित विकास पर असर पड़ता है।

न्यायालय ने पाया कि केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग, ऊर्जा मंत्रालय और यहां तक कि डिस्कॉम से जुड़ी विभिन्न संसदीय समितियों से उत्पादक कंपनियों को समय पर भुगतान करने के स्पष्ट निर्देश हैं। कई मुकदमों के मद्देनजर भुगतान को रोकने के प्रभाव के परिणामस्वरूप रख-रखाव लागत/एलपीएस में वृद्धि होती है, जो तब डिस्कॉम की कुल राजस्व आवश्यकता में परिलक्षित होती है और अंतत: शुल्क में बढ़ोतरी का बोझ अंतिम उपभोक्ताओं के ऊपर डाल दिया जाता है।

पांचवां बिंदु उस दिलचस्प तथ्य को लेकर है जिसे कार्यवाही के दौरान डिस्कॉम के विद्वान वकील ने माना। उन्होंने स्वीकार किया कि जिस कीमत पर बिजली स्वतंत्र बिजली उत्पादकों से खरीदी जाती है, वह सरकारी उत्पादक कंपनियों से खरीदी गई बिजली की तुलना में काफी कम है। अदालत ने इस बात को भी संज्ञान में लिया।

अधिकांश टिप्पणियों का मुख्य सार अंततः सर्वोच्च न्यायालय के इस आग्रह पर निर्भर करता है कि केंद्र विद्युत मंत्रालय के माध्यम से अनावश्यक और अनुचित मुकदमेबाजी जिसकी कीमत भी अंतिम उपभोक्ता को चुकानी पड़ती है, से बचने के लिए एक तंत्र विकसित कर सकता है। इसके लिए सख्त कार्यान्वयन के साथ अधिक विशिष्ट होने और अधिकारियों को आगे और जवाबदेह बनाने की जरूरत है। (लेखक इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं। वह इन्फ्राविजन फाउंडेशन के संस्थापक और प्रबंध न्यासी भी हैं)

FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
आज का अखबार

दुनिया की गतिशीलता में लॉजि​स्टिक्स की भूमिका

May 29, 2023 10:56 PM IST
आज का अखबार

माइक्रोफाइनैंस लोन 21.3 फीसदी बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हुआ

May 29, 2023 10:55 PM IST
आज का अखबार

US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ाना

May 29, 2023 10:52 PM IST
अर्थव्यवस्था

एक करोड़ तक के फंसे कर्ज को जल्द निपटाएं: वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देश

May 29, 2023 10:40 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

IPEF के 14 देशों ने पूरी की सप्लाई चेन पर बातचीत, समझौते में भारत भी शामिल

May 28, 2023 10:15 PM IST
अन्य समाचार

अमृतकाल में बना संसद भवन, उत्कृष्टता की ओर होगी भारत की नई शुरुआत: अमित शाह

May 28, 2023 5:50 PM IST
अन्य समाचार

RBI के डिप्टी गवर्नर पद के लिए एक जून को होगा पांच उम्मीदवारों का इंटरव्यू

May 28, 2023 3:53 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

Debt-ceiling deal: बाइडन, मैकार्थी में ऋण सीमा बढ़ाने को लेकर ‘समझौते’ पर सहमति

May 28, 2023 10:17 AM IST
अन्य समाचार

पेट्रोल पंप के कर्मचारी का 2000 रुपये का नोट लेने से इनकार, व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दी

May 27, 2023 5:25 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

नेपाल ने भारत को बिजली का निर्यात शुरू किया

May 27, 2023 4:21 PM IST

Trending Topics


  • Manipur Violence News
  • Stock Market Today
  • Stocks to Watch Today
  • ISRO GSLV-F12
  • Turkey Elections 2023
  • Gold-Silver Price
  • Adani Group
  • IPL 2023 Final Match

सबकी नजर


दुनिया की गतिशीलता में लॉजि​स्टिक्स की भूमिका

May 29, 2023 10:56 PM IST

माइक्रोफाइनैंस लोन 21.3 फीसदी बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हुआ

May 29, 2023 10:55 PM IST

US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ाना

May 29, 2023 10:52 PM IST

एक करोड़ तक के फंसे कर्ज को जल्द निपटाएं: वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देश

May 29, 2023 10:40 PM IST

जेट ट्रेनर की खरीद मामले में Rolls Royce के खिलाफ मामला दर्ज

May 29, 2023 10:36 PM IST

Latest News


  • दुनिया की गतिशीलता में लॉजि​स्टिक्स की भूमिकाMay 29, 2023
  • माइक्रोफाइनैंस लोन 21.3 फीसदी बढ़कर 3.5 लाख करोड़ रुपये हुआMay 29, 2023
  • US Debt Crisis: जोखिम मुक्त नहीं ऋण सीमा बढ़ानाMay 29, 2023
  • एक करोड़ तक के फंसे कर्ज को जल्द निपटाएं: वित्त मंत्रालय ने बैंकों को दिया निर्देशMay 29, 2023
  • जेट ट्रेनर की खरीद मामले में Rolls Royce के खिलाफ मामला दर्जMay 29, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
60431.00 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स60431
380.06%
निफ्टी60431
380%
सीएनएक्स 50014954
130.08%
रुपया-डॉलर82.05
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.6017.08
IDBI Bank51.679.66
Guj. Ambuja Exp265.707.51
Welspun India80.936.40
Chola Financial600.304.48
Graphite India278.304.43
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
AU Small Finance679.2017.07
F A C T320.8012.40
IDBI Bank51.709.77
Guj. Ambuja Exp265.557.66
Welspun India81.156.64
Ingersoll-Rand2763.055.53
आगे पढ़े  

# TRENDING

Manipur Violence NewsStock Market TodayStocks to Watch TodayISRO GSLV-F12Turkey Elections 2023Gold-Silver PriceAdani GroupIPL 2023 Final Match
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us