बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर फिर से जोर, निजी भागीदारी को मिले बढ़ावा
बुनियादी ढांचे से जुड़े खर्च को एक बार फिर से आर्थिक विकास के इंजन के तौर पर देखा जाना चाहिए क्योंकि इसका गुणक प्रभाव बहुत अधिक होता है। सीधे शब्दों में कहें तो बुनियादी ढांचे में लगाया गया प्रत्येक एक रुपया अर्थव्यवस्था में लगभग 3 रुपये की वृद्धि करता है। यह आंकड़ा अपने आप में […]
लॉजिस्टिक लागत में सुधार: आर्थिक बदलाव की नई कहानी
भारत में परिवहन एवं ढुलाई व्यवस्था (लॉजिस्टिक्स) पर लागत पिछले दशकों से एक अक्रियाशील आर्थिक वास्तविकता मानी जाती थी। अनुमान के अनुसार यह सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 13-14 प्रतिशत थी जो भारत के समकक्ष देशों की तुलना में बहुत अधिक थी। इस पहलू को अक्सर ‘छिपा हुआ कर’ बताया जाता था जिसने भारतीय विनिर्माण […]
बुनियादी ढांचा: शहरी चुनौती कोष के लिए परियोजना का चयन
भारत के नए 1 लाख करोड़ रुपये के शहरी चुनौती कोष (यूसीएफ) की घोषणा फरवरी के बजट में की गई थी और इसे जल्द ही शुरू किया जाना है। यह शहरी क्षेत्र की फंडिंग में केंद्र की भूमिका में एक मौलिक बदलाव को दर्शाता है जिसके तहत आवंटन वाले मॉडल से हटकर एक ‘चुनौती कोष’ […]
अगला गेम चेंजर: हाई-स्पीड रेल 15 साल में अर्थव्यवस्था में जोड़ सकती है ₹60 लाख करोड़
भारत में एक और विशाल बुनियादी ढांचा तैयार हो रहा है, जो अर्थव्यवस्था को उसी तरह बदल कर रख देगा जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना और नवीकरणीय ऊर्जा से संबंधित कार्यक्रमों ने किया है। नि:संदेह यहां बात हाई-स्पीड रेल के बारे में हो रही है। क्रय शक्ति समता (पीपीपी) के आधार पर भारत का प्रति […]
Urban Challenge Fund: शहरी चुनौती फंड को मजबूत बनाने के लिए सात जरूरी कदम
भारत के शहर संभावनाओं से भरपूर हैं मगर धन जुटाने के पुराने तौर-तरीकों और अत्यधिक दबाव का सामना कर रहे बुनियादी ढांचे के कारण अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रगति नहीं कर पा रहे हैं। वर्ष 2011 और 2018 के बीच शहरी उपयोगिता ढांचे (रियल एस्टेट को छोड़कर) पर पूंजीगत व्यय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) […]
कोयला, स्वच्छ वायु और भारत के उत्सर्जन मानकों पर एक स्वागत योग्य समाधान
अपनी नीति में व्यापक परिवर्तन करते हुए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इसी माह 11 जुलाई को कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में फ्लू गैस डीसल्फराइजेशन (एफजीडी) सिस्टम के लिए 2015 के अपने आदेश में संशोधन किया है। वैज्ञानिक अध्ययनों और हितधारकों से परामर्श के बाद नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें क्षेत्र-विशेष […]
नाभिकीय ऊर्जा के लिए निजी पूंजी की दरकार
होमी भाभा ने 1950 के दशक में जब भारत के परमाणु कार्यक्रम की कल्पना की थी तब उनका सपना काफी बड़ा था: स्वदेशी तरीके से ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर बनना। इसके लिए उन्होंने प्रेशराइज्ड हैवी वाटर रिएक्टर, फास्ट ब्रीडर रिएक्टर और आखिरकार देश के बड़े थोरियम भंडार का उपयोग करने वाली थोरियम आधारित प्रणाली […]
VGF से बढ़ेगा सामाजिक ढांचे में निजी निवेश
वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के लिए 11.21 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया था। यह रकम पिछले वर्ष के 11.11 लाख करोड़ रुपये से मामूली अधिक है। संदेश साफ था, पिछले 25 वर्षों में प्रमुख बुनियादी ढांचा क्षेत्र (खासकर परिवहन एवं ऊर्जा) निश्चित […]
जाम से कितना निजात दिला सकेंगी एयर टैक्सी
आप एक ऐसे भविष्य की कल्पना करें जहां व्यस्त लोग, सड़कों की भीड़ को छोड़कर बिजली से संचालित होने वाली हवाई टैक्सियों में उड़कर घंटों के बजाय मिनटों में अपनी मंजिल तक पहुंचेंगे। गुरुग्राम से कनॉट प्लेस तक और मुंबई हवाई अड्डे से नरीमन प्वाइंट तक शहरी परिवहन का एक नया रूप सामने आने वाला […]
बुनियादी ढांचे के लक्ष्यों को नया रूप दे भारत
राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा पाइपलाइन (एनआईपी) कई मामलों में गुजरे जमाने के योजना आयोग की पंचवर्षीय योजना जैसी लगती है क्योंकि यह भी देश के लिए पांच साल की क्षेत्रवार निवेश योजना बनाती है। एनआईपी की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2019 को राष्ट्र के नाम संबोधन में की थी। एनआईपी तैयार करने के […]









