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लेखक : विनायक चटर्जी

आज का अखबार, लेख

बुनियादी ढांचा: निवेश विवाद निपटान केंद्र और भारत

विश्व बैंक समूह की एक संस्था, अंतरराष्ट्रीय निवेश विवाद निपटान केंद्र (आईसीएसआईडी) की स्थापना 1996 में हुई थी और इसका मकसद विदेशी निवेशकों और उनके द्वारा निवेश किए गए देशों के बीच किसी तरह के विवादों का समाधान करने के लिए हुआ। हालांकि भारत, विश्व बैंक और इसके संबद्ध संस्थानों अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी) और […]

आज का अखबार, लेख

स्मार्ट शहरः प्रभाव दिखाने के लिए होंगे तैयार! विनिर्माण क्षेत्र में निवेश को मिलेगी नई रफ्तार

भारत के नीति निर्माताओं ने दशकों से विनिर्माण क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने के भरपूर प्रयास कर रहे हैं। किंतु सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में विनिर्माण की हिस्सेदारी 16 से 18 प्रतिशत ही है, जो भारत की आजादी के 75वें वर्ष में 25 प्रतिशत के करीब पहुंचने की उम्मीदों से बहुत दूर है। हाल ही […]

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बुनियादी ढांचे के लिए सामूहिक कराधान व्यवस्था पर करना चाहिए विचार, विकसित देश बनने की राह होगी आसान

Group taxation regime: देश में बुनियादी ढांचा विकास क्षेत्र को नए ढंग से परिभाषित कर सकने वाले कदम के रूप में सरकार को आयकर अधिनियम, 1961 के तहत इस क्षेत्र के लिए सामूहिक कराधान व्यवस्था शुरू करने पर विचार करना चाहिए। दुनिया के कई बड़े और आर्थिक रूप से समृद्ध देश पहले ही इसे अपना […]

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बुनियादी ढांचा: कृषि भंडारण बिना विकास की कहानी अधूरी

बुनियादी ढांचे पर होने वाली चर्चाएं अमूमन ऊर्जा, परिवहन और पानी तक ही केंद्रित रहती हैं, लेकिन 2022 में लागू की गई राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पॉलिसी अब तक उपेक्षित रहे भंडारण बुनियादी ढांचा क्षेत्र की स्थिति को उजागर करने में काफी हद तक कामयाब रही है। औद्योगिक एवं वाणिज्यिक भंडारण क्षमता के बुनियादी ढांचे को तो […]

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बुनियादी ढांचा: आधारभूत ढांचे पर मसौदा निर्देश से बहस तेज

आधारभूत ढांचा परियोजनाओं के वित्त पोषण (इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनैंसिंग) पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मसौदा दिशानिर्देश आने के बाद कई तरह के प्रश्न, चर्चा एवं चिंता सामने आए हैं। इस मसौदा दिशानिर्देश पर चर्चा के बीच भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) भविष्य में आवंटित होने वाले ऋणों के लिए शर्तें बदल रहा है। एसबीआई ने प्रस्तावित […]

आज का अखबार, लेख

Infrastructure: बुनियादी ढांचे के विकास के लिए कैसी प्रतिबद्धता

मतदाताओं के केवल घोषणापत्र पढ़ने के आधार पर कभी भी चुनाव हारे या जीते नहीं गए हैं। तथ्य यह है कि विभिन्न राजनीतिक दलों के थिंक टैंक और नीतिगत मामलों पर विशेषज्ञता जाहिर करने वाले लोग घोषणापत्र तैयार करने में और उसके बाद विभिन्न पार्टी आलाकमान से इस पर मंजूरी दिलाने में काफी समय खर्च […]

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बुनियादी ढांचा: चिप से बढ़ेगी डिजिटल इंफ्रा की ताकत

नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित बिज़नेस स्टैंडर्ड मंथन कार्यक्रम में 27 मार्च, 2024 को सूचना-प्रौद्योगिकी, संचार एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुछ महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की। वैष्णव ने कहा कि दुनिया में सेमीकंडक्टर का बाजार इस समय 75 अरब डॉलर का है, जो अगले 6-7 वर्षों में दोगुना हो सकता है। उन्होंने […]

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बुनियादी ढांचा: शहरों के लिए एकीकृत परिवहन प्रणाली प्राधिकरण आवश्यक

केंद्र सरकार ने वर्ष 2006 में शहरी विकास मंत्रालय के माध्यम से राष्ट्रीय शहरी परिवहन नीति जारी की थी। इस नीति में 10 लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों के लिए एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण (यूएमटीए) के गठन का सुझाव दिया गया था। वर्ष 2011 की गणना के अनुसार देश में ऐसे 53 शहर […]

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बुनियादी ढांचा: चुनाव, घोषणा पत्र और बुनियादी एजेंडा

प्रमुख राजनीतिक दलों के 2014 और 2019 लोकसभा चुनावों के घोषणा पत्र पढ़ने में रोचक लग सकते हैं। परंतु, यह समय पीछे मुड़कर देखने का नहीं है। इसके बजाय हमें बुनियादी क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से भविष्य पर ध्यान केंद्रित करना होगा। महत्त्वपूर्ण मुद्दा अब उन संसाधनों की पहचान करना है, जिन्हें देश में […]

आज का अखबार, लेख

बुनियादी ढांचा: राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति कितनी कारगर

वर्ष 2018 में विश्व बैंक के लॉजिस्टिक प्रदर्शन सूचकांक में भारत 44वें स्थान पर था। शीर्ष पांच पायदान पर जर्मनी, स्वीडन, बेल्जियम, ऑस्ट्रिया और जापान जैसे देशों का दबदबा था। चीन इस सूचकांक में 26वें स्थान पर था। उसी दौरान भारत में लॉजिस्टिक की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता के लिहाज से कमजोर प्रभाव को लेकर गंभीर चर्चा […]

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