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UAE Golden Visa: झूठा निकला ₹23.30 लाख में दुबई में बसने का दावा, Rayad Group ने मांगी माफी

ICP ने साफ किया कि UAE में लाइफटाइम रेजिडेंसी वीजा जैसा कोई प्रोडक्ट मौजूद नहीं है और सभी आवेदन केवल आधिकारिक सरकारी माध्यमों से ही स्वीकार किए जाते हैं।

Last Updated- July 10, 2025 | 6:15 PM IST
UAE Golden Visa
Photo: AI-generated (Shutterstock)

UAE Golden Visa: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) द्वारा भारतीय नागरिकों को ₹23.30 लाख में ‘लाइफटाइम गोल्डन वीजा’ दिए जाने की खबर पर विवाद गहराने के बाद दुबई की वीजा सलाहकार कंपनी रयाद ग्रुप (Rayad Group) ने बुधवार को सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है। कंपनी ने स्वीकार किया कि उसने इस संबंध में गलत जानकारी साझा की थी, जिससे जनता और मीडिया के बीच भ्रम फैला।

रयाद ग्रुप, जिसका जिक्र पीटीआई समेत कई मीडिया रिपोर्टों में किया गया था, ने बुधवार को एक बयान जारी किया। उसने माना कि उसके पहले दिए गए बयान से लोगों में गलतफहमी फैली। कंपनी ने इसके लिए पूरी जिम्मेदारी ली है। उसने कहा कि पहले दी गई जानकारी गलत थी। आगे से वह अपने बयान ज्यादा सावधानी और सटीकता से देगी।

कंपनी ने खलीज टाइम्स को दिए एक बयान में कहा, “हाल की रिपोर्टों और टिप्पणियों से जो सार्वजनिक भ्रम फैला, उसके लिए हम बिना किसी शर्त माफी मांगते हैं। हम यह सुनिश्चित करने की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं कि भविष्य में हमारा संचार स्पष्ट, सटीक और UAE के सख्त नियामकीय मानकों के अनुरूप हो।”
रयाद ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर रयाद कमाल अयूब ने पहले इस योजना को भारतीयों के लिए एक “सुनहरा मौका” बताया था। हालांकि, अब कंपनी ने गोल्डन वीजा से जुड़ी किसी भी तरह की निजी सलाह सेवाएं देना बंद कर दिया है।

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लाइफटाइम वीजा जैसा कुछ नहीं होता- ICP

संघीय पहचान, नागरिकता, सीमा शुल्क और बंदरगाह सुरक्षा प्राधिकरण (ICP) ने इस दावे को खारिज कर दिया है और कहा है कि इस खबर का “कोई कानूनी आधार” नहीं है। प्राधिकरण ने साफ किया कि UAE में लाइफटाइम रेजिडेंसी वीजा जैसा कोई प्रोडक्ट मौजूद नहीं है और सभी आवेदन केवल आधिकारिक सरकारी माध्यमों से ही स्वीकार किए जाते हैं।

ICP ने अपने सार्वजनिक बयान में कहा कि हाल ही में उसने एक विदेशी कंसल्टेंसी ऑफिस की खबरें देखी हैं। उन खबरों में दावा किया गया था कि UAE के बाहर से भी सभी तरह के लोगों को आसान शर्तों पर कंसल्टिंग या कमर्शियल एजेंसियों के जरिए लाइफटाइम गोल्डन वीजा मिल सकता है। ICP ने कहा कि ये दावे पूरी तरह गलत हैं। इन दावों के लिए UAE के किसी भी अधिकारी से कोई बातचीत या मंजूरी नहीं ली गई थी।

प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी पक्ष झूठे दावों के आधार पर लोगों से पैसे वसूलने की कोशिश करता है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, उसने आवेदकों से अपील की है कि वे केवल आधिकारिक स्रोतों पर ही भरोसा करें और किसी भी गैर-सरकारी संस्था को अपने व्यक्तिगत दस्तावेज न दें और कोई भुगतान न करें।

बयान में कहा गया, “सभी गोल्डन वीजा आवेदनों की प्रक्रिया केवल UAE के आधिकारिक सरकारी माध्यमों से ही की जाती है।”

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रयाद के दावे पर आधारित थी पीटीआई रिपोर्ट

पीटीआई ने पहले एक रिपोर्ट में कहा था कि भारत और बांग्लादेश को नामांकन-आधारित नए गोल्डन वीजा के पहले चरण के ट्रायल में शामिल किया गया है और भारत में इस पायलट प्रोग्राम के संचालन के लिए रयाद ग्रुप को चुना गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि भारतीय नागरिक लगभग AED 100,000 (करीब ₹23.30 लाख) का भुगतान करके गोल्डन वीजा प्राप्त कर सकते हैं।

बुधवार को रयाद ग्रुप ने स्पष्ट किया कि ₹23.30 लाख की यह राशि उनकी सेवा शुल्क (service fee) थी, न कि UAE सरकार द्वारा तय किया गया कोई वीजा शुल्क। कंपनी ने कहा, “वर्तमान में कोई भी गारंटीशुदा वीजा, निश्चित शुल्क वाला कार्यक्रम या लाइफटाइम यूएई रेजिडेंसी प्रोडक्ट अस्तित्व में नहीं है और रयाद ग्रुप ऐसे किसी भी दावे का न तो समर्थन करता है, न उसका हिस्सा है और न ही उसे बढ़ावा देता है।”

कंपनी ने यह भी कहा कि “रयाद ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर द्वारा सार्वजनिक रूप से की गई कुछ टिप्पणियां भ्रामक थीं, जिससे हमारी भूमिका और इस पहल की प्रकृति को लेकर गलतफहमी फैली।”

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इमिग्रेशन एक्सपर्ट ने बताया ठगी का प्रयास

बिजनेस स्टैंडर्ड से बात करते हुए, अजमेरा लॉ ग्रुप के इमिग्रेशन वकील प्रशांत अजमेरा ने इस तथाकथित योजना को “नकली” बताया और कहा कि “यह स्कीम उन लोगों द्वारा गढ़ी गई थी जो भारतीयों को ठगना चाहते हैं।” उन्होंने कहा, “ऐसी संस्थाएं भारतीयों को इसलिए निशाना बनाती हैं क्योंकि उन्हें पता है कि विदेश में, खासकर UAE जैसे देशों में बसने की चाह रखने वालों का यहां बड़ा बाजार है।”

अजमेरा ने यह भी साफ किया कि UAE की किसी भी इमिग्रेशन स्कीम के तहत विदेशी नागरिकों को नागरिकता नहीं दी जाती। उन्होंने सलाह दी, “हमेशा आधिकारिक सरकारी जानकारियों की जांच करें और सिर्फ भरोसेमंद इमिग्रेशन वकील से ही सलाह लें।”

First Published - July 10, 2025 | 6:12 PM IST

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