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क्या आपको भी सेक्शन 158BC के तहत मिला नोटिस? ITR-B फॉर्म करेगा समाधान, जानें कैसे कर सकते हैं फाइल

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने सेक्शन 158BC के तहत नोटिस पाने वालों के लिए ITR-B ऑनलाइन फाइलिंग की सुविधा शुरू की है, जिससे टैक्सपेयर्स अब आसानी से रिटर्न जमा कर सकें।

Last Updated- July 08, 2025 | 5:00 PM IST
Income Tax Return
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

ITR Filing 2025: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उन टैक्सपेयर्स के लिए एक नई और सुविधाजनक पहल शुरू की है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की सेक्शन 158BC के तहत नोटिस प्राप्त हुआ है। अब ऐसे टैक्सपेयर्स अपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR-B) को ऑनलाइन फाइल कर सकते हैं। यह सुविधा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध कराई गई है, जिसके तहत टैक्सपेयर्स बिना किसी कागजी कार्यवाही के अपने रिटर्न को आसानी से जमा कर सकते हैं। यह कदम न केवल समय की बचत करेगा, बल्कि कर प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और सुगम बनाएगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की इस नई पहल का उद्देश्य उन लोगों को राहत देना है, जिनके खिलाफ डिपार्टमेंट ने तलाशी या जब्ती की कार्रवाई की है और जिन्हें ब्लॉक असेसमेंट के लिए रिटर्न दाखिल करने की जरूरत है। पहले यह प्रक्रिया पूरी तरह से मैन्युअल थी, जिसमें टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स ऑफिस में जाकर फॉर्म जमा करना पड़ता था। इस प्रक्रिया में समय लगता था और कई बार असुविधा भी होती थी। अब ऑनलाइन सुविधा शुरू होने से टैक्सपेयर्स अपने घर या ऑफिस से ही ITR-B फॉर्म जमा कर सकते हैं।

सेक्शन 158BC क्या है और ITR-B फॉर्म क्यों है जरूरी?

इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 158BC उन मामलों से संबंधित है, जहां इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा सर्च या जब्ती (सीजर) की कार्रवाई की जाती है। ऐसी कार्रवाइयों के दौरान अगर डिपार्टमेंट को किसी टैक्सपेयर की अघोषित आय (अनडिस्क्लोज्ड इनकम) का पता चलता है, तो उस टैक्सपेयर को नोटिस जारी किया जाता है। इस नोटिस के तहत टैक्सपेयर को ब्लॉक असेसमेंट ईयर के लिए ITR-B फॉर्म फाइल करना होता है। ब्लॉक असेसमेंट का मतलब है कि डिपार्टमेंट पिछले कुछ वर्षों (आमतौर पर 6 या 10 वर्षों) की आय को दोबारा जांचता है और यह सुनिश्चित करता है कि टैक्सपेयर ने अपनी पूरी आय का खुलासा किया है या नहीं। 

ITR-B फॉर्म विशेष रूप से इस उद्देश्य के लिए बनाया गया है। इसमें टैक्सपेयर को अपनी अघोषित आय का विवरण देना होता है, जिसमें इनकम सोर्स, गणना और संबंधित डॉक्यूमेंट्स शामिल होते हैं। यह फॉर्म इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को यह समझने में मदद करता है कि टैक्सपेयर ने पहले अपनी आय को छिपाया था या नहीं। अगर टैक्सपेयर इस फॉर्म को समय पर फाइल नहीं करता, तो उसे भारी जुर्माना, ब्याज और यहां तक कि कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। 

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ऑनलाइन ITR-B दाखिल करने की प्रक्रिया

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने ITR-B फॉर्म को ऑनलाइन दाखिल करने की प्रक्रिया को बेहद सरल बनाया है। टैक्सपेयर को सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के आधिकारिक ई-फाइलिंग पोर्टल (www.incometax.gov.in) पर जाना होगा। वहां अपने पैन (PAN) नंबर, पासवर्ड और कैप्चा कोड के जरिए लॉगिन करना होगा। लॉगिन करने के बाद डैशबोर्ड पर ‘ई-प्रोसीडिंग’ टैब पर क्लिक करना होगा। इस टैब में सेक्शन 158BC के तहत प्राप्त नोटिस का चयन करना होगा। इसके बाद टैक्सपेयर को ITR-B फॉर्म भरना होगा और जरूरी डॉक्यूमेंट्स अपलोड करने होंगे। फॉर्म जमा करने के बाद एक पावती (एक्नॉलेजमेंट) मिलेगी, जिसे टैक्सपेयर को अपने रिकॉर्ड के लिए सुरक्षित रखना चाहिए।

यह प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है और इसके लिए डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (DSC) की जरूरत होती है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टैक्सपेयर्स से अनुरोध किया है कि वे फॉर्म को सही और पूरी तरह से भरें, ताकि बाद में कोई समस्या न हो। इसके अलावा, डिपार्टमेंट ने यह भी सलाह दी है कि नोटिस में दी गई समय-सीमा के भीतर फॉर्म जमा करना अनिवार्य है, अन्यथा टैक्सपेयर को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है। 

टैक्सपेयर्स के सामने लाभ और चुनौतियां

ऑनलाइन ITR-B फॉर्म की सुविधा शुरू होने से टैक्सपेयर्स को कई तरह के लाभ मिलेंगे। सबसे बड़ा फायदा यह है कि अब उन्हें इनकम टैक्स ऑफिस के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। यह सुविधा खासकर उन लोगों के लिए मददगार है, जो बुजुर्ग हैं या जिनके लिए ऑफिस जाना मुश्किल होता है। इसके अलावा, यह प्रक्रिया समय बचाने वाली और पारदर्शी है। ई-प्रोसीडिंग सुविधा के जरिए टैक्सपेयर और इनकम टैक्स ऑफिसर के बीच संचार पूरी तरह से डिजिटल हो गया है, जिससे गलतियों की संभावना कम हो जाती है।

हालांकि, इस नई व्यवस्था के साथ कुछ चुनौतियां भी हैं। कई टैक्सपेयर्स को डिजिटल प्रक्रिया की जानकारी नहीं हो सकती है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले या तकनीक से कम परिचित लोग। इसके लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पोर्टल पर विस्तृत दिशा-निर्देश उपलब्ध कराए हैं, लेकिन फिर भी कुछ टैक्सपेयर्स को एक्सपर्ट्स की मदद लेनी पड़ सकती है। इसके अलावा, फॉर्म को सही ढंग से भरना और सभी जरूरी दस्तावेज अपलोड करना भी एक चुनौती हो सकता है। अगर फॉर्म में कोई गलती होती है, तो टैक्सपेयर को नोटिस में दी गई समय-सीमा के बाद सुधार का मौका नहीं मिलेगा।

First Published - July 8, 2025 | 4:59 PM IST

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