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इस बॉन्ड ने 8 साल में 3 गुना से ज्यादा कर दिया पैसा, फाइनल रिडेम्प्शन कल

इस सीरीज को रिडीम करने पर ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को कुल 247.34 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न मिलेगा।

Last Updated- May 08, 2025 | 6:50 PM IST
Sovereign gold bond

Sovereign Gold Bond 2016-17 Series IV final redemption:  बॉन्ड धारक शुक्रवार (9 मई) को देश के आठवें सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड यानी वित्त वर्ष 2017-18 की पहली सीरीज (2017-18 Series I) को उसकी मैच्योरिटी अवधि पूरी होने पर बेचेंगे। आरबीआई (RBI) ने इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) का फाइनल रिडेम्पशन प्राइस रिकॉर्ड 9,486 रुपये प्रति यूनिट (1 यूनिट = 1 ग्राम) तय किया है। बॉन्ड धारक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की 7 किस्तों को पहले ही भुना चुके हैं।

S No Tranche Issue Date Issue price/unit Final Redemption Price/Unit
1 2015-I November 30, 2015 2684 6132
2 2016-I February 8, 2016 2600 6271
3 2016-II March 29, 2016 2916 6601
4 2016-17 Series I August 5, 2016 3119 6938
5 2016-17 Series II September 30, 2016 3150 7517
6 2016-17 Series III November 17, 2016 3007 7788
7 2016-17 Series III March 17, 2017 2943 8624

Source: RBI

कितने ग्राम गोल्ड बॉन्ड का होगा फाइनल रिडेम्प्शन?
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इस सीरीज के लिए 20,27,695 यूनिट/ग्राम (यानी 2.03 टन सोने की वैल्यू के बराबर) की बिक्री हुई थी, जिसमें से 1,56,175 ग्राम बॉन्ड धारक मैच्योरिटी से पहले भुना चुके हैं। यानी बॉन्ड धारक 18,71,520 ग्राम गोल्ड बॉन्ड शुक्रवार को भुना पाएंगे।

कैसे तय होता है रिडेम्प्शन प्राइस?

नियमों के मुताबिक इस गोल्ड बॉन्ड के लिए रिडेम्पशन प्राइस इश्यू की मैच्योरिटी की तारीख से ठीक पहले के सप्ताह (सोमवार-शुक्रवार) के दौरान गोल्ड (999) के लिए आईबीजेए (IBJA) से प्राप्त  क्लोजिंग प्राइस का एवरेज है। यह सीरीज 9 मई को मैच्योर होगा इसलिए रिडेम्पशन प्राइस इससे ठीक पहले के सप्ताह यानी 28  अप्रैल से लेकर 2  मई (सोमवार- शुक्रवार) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज यानी 9,486 रुपये तय किया गया है।

कितना ग्रॉस रिटर्न?

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है जिसकी गणना बॉन्ड के इश्यू होने के दिन से शुरू होती है। देश का आठवां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड 2,951 रुपये के इश्यू प्राइस पर 12 मई 2017 को जारी हुआ था। इस बॉन्ड  का रिडेम्प्शन प्राइस 9,486 रुपये प्रति यूनिट है। इस हिसाब से इस सीरीज को रिडीम करने पर ऑफलाइन  बॉन्ड धारकों को कुल 221 फीसदी जबकि ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को कुल 227 फीसदी का ग्रॉस रिटर्न मिलेगा। यदि इस बॉन्ड पर मिलने वाले इंटरेस्ट को भी इसमें जोड़ दें तो ऑफलाइन बॉन्ड धारकों के लिए कुल रिटर्न बढ़कर 241.45 फीसदी जबकि ऑनलाइन बॉन्ड धारकों के लिए 247.34  फीसदी  तक पहुंच जाता है। निवेशकों को इस सीरीज के लिए प्रति वर्ष 2.5  फीसदी यानी 36.89 रुपये प्रति छह महीने जबकि पूरी मैच्योरिटी की अवधि के दौरान 590.24 रुपये इंटरेस्ट/कूपन मिला।

कितना एनुअल रिटर्न?
बगैर इंटरेस्ट जोड़े – ऑनलाइन बॉन्ड  धारकों को  2017-18 की पहली सीरीज ने 15.96 फीसदी जबकि ऑफलाइन बॉन्ड धारकों को 15.71 फीसदी का एनुअल रिटर्न (CAGR) दिया। सितंबर 2016 के बाद जारी होने वाले सीरीज के लिए इंटरेस्ट को सालाना 2.75 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी कर दिया गया है।

यदि इस बॉन्ड पर मिलने वाले इंटरेस्ट को भी इसमें जोड़ दें तो ऑनलाइन बॉन्ड धारकों को इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी पर 16.84 फीसदी फीसदी का एनुअल रिटर्न जबकि ऑफलाइन बॉन्ड धारकों को 16.59 फीसदी का एनुअल रिटर्न मिला।

यदि किसी ने सेकेंडरी मार्केट में खरीदा है

यदि सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज पर एसजीबी की इस सीरीज (NSE पर symbol- SGBMAR25 और BSE पर symbol- SGB2016IV) को डीमैट फॉर्म में खरीदा है और मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा। हालांकि कई लोग यह समझते हैं कि सेकेंडरी मार्केट में खरीदने के बाद यदि वे मैच्योरिटी के बाद रिडीम करते हैं तो उन्हें कैपिटल गेन पर होल्डिंग पीरियड के आधार पर टैक्स देना होगा।

 

First Published - May 8, 2025 | 6:50 PM IST

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