पेंशन कोष नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के चेयरमैन दीपक मोहंती ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) को सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए सुलभ बनाने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि नाबालिगों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए हाल में शुरू की गई एनपीएस वात्सल्य योजना की प्रगति अच्छी है और इस वर्ष सितंबर में शुरू किए जाने के बाद से अब तक योजना से 75,000 लोग जुड़ चुके हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सितंबर में एनपीएस वात्सल्य योजना की शुरुआत की थी। यह योजना अंतर पीढ़ीगत समानता के सिद्धांत पर आधारित है, जिसमें बुजुर्गों और युवाओं को कवर प्रदान किया गया है।
एसोसिएशन आफ एनपीएस इंटरमीडिएटरीज की शुरुआत के मौके पर मोहंती ने कहा, ‘एनपीएस बहुत लचीली और उपभोक्ताओं के अनुकूल पेंशन योजना बनकर उभरी है और इस तक पहुंच आसान है। इसमें शून्य से 70 साल तक उम्र के लोग शामिल हो सकते हैं। सरकार ने एनपीएस वात्सल्य योजना शुरू की थी। मैं बताना चाहता हूं कि हम अपने बच्चों को खुद से ज्यादा प्यार करते हैं। ऐसे में अगर माता पिता अपने लिए भले ही एनपीएस न लें, लेकिन वे अपने बच्चों के लिए इसमें शामिल हो रहे हैं। इसकी प्रगति अच्छी है। अभी इसे शुरू हुए कुछ महीने हुए हैं और एनपीएस वात्सल्य से 75,000 लोग जुड़ गए हैं।’
इस समय एनपीएस और अटल पेंशन योजना मिलाकर ग्राहकों की कुल संख्या 8 करोड़ से ऊपर हो गई है। वहीं एनपीएस में प्रबंधन के तहत संपत्ति (एयूएम) करीब 14 लाख करोड़ रुपये है। दीर्घावधि निवेश के माध्यम से इस राशि का इस्तेमाल राष्ट्रीय प्रगति में हो रहा है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक एयूएम बढ़कर 15 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
मोहंती ने कहा, ‘बाजार में उतार-चढ़ाव है, लेकिन सामान्य रूप से देखें तो बाजार ऊपर जा रहा है। इस स्थिति को देखते हुए हमें उम्मीद है कि इस साल के अंत तक यह (एयूएम) 15 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा।’
ऐक्सिस बैंक के मुख्य कार्याधिकारी अमिताभ चौधरी ने भी सेवानिवृत्ति के बाद एक निश्चित आमदनी सुनिश्चित किए जाने की जरूरत पर जोर दिया, क्योंकि बड़ी संख्या में कामकाजी लोग बढ़ रहे हैं और वे अपने परंपरागत निवास से हटकर दूसरे इलाकों में बस रहे हैं, जिससे परिवार की मदद का परंपरागत स्वरूप बदल रहा है।