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2026 में हर तिमाही गाड़ियां महंगी कर सकती है मर्सिडीज बेंज इंडिया

Mercedes-Benz India price hike: मर्सिडीज बेंज पहले ही 1 जनवरी 2026 से करीब 2% तक कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर चुकी है।

Last Updated- December 23, 2025 | 3:26 PM IST
Mercedes
Representational Image

Mercedes-Benz India price hike: लग्जरी कार निर्माता मर्सिडीज बेंज इंडिया साल 2026 में अपने गाड़ियों की कीमतों में हर तिमाही बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। कंपनी का कहना है कि यह कदम यूरो के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट के असर को कम करने के लिए उठाया जा रहा है।

मर्सिडीज बेंज इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO संतोष अय्यर ने बताया कि कंपनी पहले ही 1 जनवरी 2026 से करीब 2% तक कीमतें बढ़ाने का ऐलान कर चुकी है। इसके बाद भी साल भर चरणबद्ध तरीके से कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। संतोष अय्यर ने यह बातें ‘फिक्की मर्सिडीज बेंज इंडिया इनोवेशन बिजनेस आइडिया चैलेंज प्रोग्राम’ के लॉन्च के मौके पर पीटीआई से बातचीत में कहीं।

यूरो के मुकाबले कमजोर हुआ रुपया

संतोष अय्यर ने कहा कि यूरो-रुपया एक्सचेंज रेट 2025 में लगातार 100 रुपये से ऊपर बनी हुई है, जो इसके पुराने औसत से काफी ज्यादा है। उन्होंने बताया कि करीब 18 महीने पहले 1 यूरो की कीमत 89 रुपये थी, जो अब बढ़कर 104–105 रुपये के आसपास पहुंच गई है। इसका मतलब है कि रुपये में 15 से 18 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसका सीधा असर कंपनी की लागत पर पड़ रहा है।

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एक साथ कीमत बढ़ाने से मांग पर पड़ सकता है असर

अय्यर ने कहा कि रुपये की गिरावट और अब तक की कीमत बढ़ोतरी के बीच अभी भी 10–15 फीसदी का अंतर बना हुआ है। उन्होंने साफ किया कि अगर पूरी बढ़ोतरी एक साथ कर दी जाए, तो इससे कारों की मांग प्रभावित हो सकती है। इसी वजह से कंपनी कीमतें धीरे-धीरे, तिमाही आधार पर बढ़ाने की योजना बना रही है। हालांकि कंपनी ने अभी यह तय नहीं किया है कि 2026 की हर तिमाही में कीमतें कितनी बढ़ेंगी, लेकिन संकेत दिए गए हैं कि हर तिमाही करीब 2% तक बढ़ोतरी हो सकती है।

मर्सिडीज ने इस साल 3 बार कीमतें बढ़ाई

विदेशी मुद्रा विनिमय दर में उतार-चढ़ाव और इनपुट लागत में बढ़ोतरी के चलते मर्सिडीज ने इस साल अब तक 3 बार कीमतें बढ़ाई हैं। उद्योग के सूत्रों ने बताया कि मैन्युफैक्चरर्स ने जीएसटी दर में कमी के लाभों को पूरी तरह से ग्राहकों तक पहुंचाया है। इसकी वजह से लागत का दबाव कम करने के लिए बहुत कम ताकत बची है। कुछ महीनों के लिए कीमतों में बढ़ोतरी को रोक दिया गया था, लेकिन अधिकांश ब्रांड 2026 की शुरुआत में दाम बढ़ाने पर फैसला लेंगे।

बता दें, डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट के कारण मास मार्केट ओरिजिनल इ​क्विपमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) भी प्रभावित हैं। कारों में लगने वाले लगभग 95 प्रतिशत सेमीकंडक्टर चिप्स (विशेष रूप से महंगी कारों में, जिनमें अधिक इलेक्ट्रॉनिक विशेषताएं होती हैं) ताइवान, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे देशों से आयात किए जाते हैं।

First Published - December 23, 2025 | 3:26 PM IST

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