भारत ने न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के वित्तीय सेवा अनुलग्नक के तहत बैंकिंग और बीमा में अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सीमा और एक अधिक उदार बैंक शाखा लाइसेंसिंग ढांचे की पेशकश की है। इससे वित्तीय क्षेत्र में भारत के व्यापक उदारीकरण और दूरगामी दृष्टिकोण के संकेत मिलते हैं।
विदेशी बैंकों को 4 साल की अवधि में 15 शाखाएं खोलने की अनुमति दी जाएगी, जो विश्व व्यापार संगठन के व्यापार सेवाओं पर सामान्य समझौते (जीएटीएस) में भारत की प्रतिबद्धताओं के तहत मिली 12 शाखाओं की अनुमति से आगे एक महत्त्वपूर्ण विस्तार है। वित्त मंत्रालय ने कहा, ‘भारत के क्षेत्रीय प्रस्ताव बैंकिंग और बीमा में बढ़ी हुई एफडीआई सीमा के साथ-साथ उदार बैंक शाखा लाइसेंसिंग ढांचे की विशेषता वाले एक दूरगामी उदारीकरण दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।’
इसमें कहा गया है, ‘शाखा की संख्या बढ़ाए जाने से भारत की व्यापक रणनीतिक उद्देश्यों के अनुरूप प्रगतिशील बाजार खोलने की प्रतिबद्धता का पता चलता है।’ वित्त मंत्रालय ने बतायाहै कि इन प्रतिबद्धताओं से भारतीय वित्तीय सेवा प्रदाताओं को न्यूजीलैंड में कामकाज का विस्तार करने, भारत के वित्तीय सेवा निर्यात को मजबूत करने और दीर्घकालिक क्षेत्रीय विकास को समर्थन मिलेगा। साथ ही इस ढांचे से न्यूजीलैंड के वित्तीय संस्थानों को भारत के बड़े और तेजी से बढ़ते वित्तीय सेवा बाजार में प्रतिस्पर्धी रूप से स्थापित होने में मदद मिलेगी।