कोविड महामारी के दौर के बाद शेयरों में सीधे निवेश का उत्साह वर्ष 2025 में ठंडा पड़ गया। कैलेंडर वर्ष 2024 में देखी गई रिकॉर्ड खरीदारी के विपरीत, व्यक्तिगत निवेशक इस साल घरेलू शेयर बाजार में शुद्ध बिकवाल बने रहे हैं। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया (एनएसई) की एक रिपोर्ट से पता चलता है कि 2025 में अब तक, व्यक्तिगत निवेशक 8,461 करोड़ रुपये के शुद्ध विक्रेता हैं। वर्ष 2020 से 2024 के बीच शेयरों में सीधा निवेश बढ़ा था।
व्यक्तिगत निवेशकों द्वारा अपनी सीधी शेयर खरीदारी में कटौती, इक्विटी बाजार की गतिशीलता में बदलाव के साथ मेल खाती है। कैलेंडर वर्ष 2025 बाजार के लिए उथल-पुथल भरा रहा है। शुरुआती कुछ महीनों में बाजार में गिरावट जारी रही जो सितंबर 2024 में शुरू हुई थी, हालांकि बाकी वर्ष में उतार-चढ़ाव के साथ बाजार में सुधार देखा गया।
निफ्टी50 सूचकांक, 2025 में लगभग 11 फीसदी ऊपर चढ़ने के बावजूद, सितंबर 2024 के स्तर पर बना हुआ है। शेयर बाजार में सितंबर 2024 के बाद बड़ी गिरावट देखी गई और यह सर्वकालिक उच्च स्तर से काफी नीचे बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि जैसे-जैसे सीधा निवेश अधिक चुनौतीपूर्ण होता जा रहा है, खुदरा निवेशक अपनी निवेश योग्य अधिशेष राशि का निवेश करने के लिए कुछ दूसरे विकल्पों को तरजीह दे रहे हैं।
आनंद राठी वेल्थ के संयुक्त मुख्य कार्यकारी फिरोज अजीज ने कहा, ‘इस बदलाव (सीधे इक्विटी निवेश का नकारात्मक होना) को आत्मविश्वास की कमी के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, जो स्वस्थ आर्थिक संकेतकों और कॉरपोरेट जगत की आमदनी में सुधार के बल पर मजबूत बनी हुई है।’
वर्ष 2025 में म्युचुअल फंड में निवेश, खासतौर पर व्यवस्थित निवेश योजनाओं (एसआईपी) के माध्यम से तेज बनी हुई है। एसआईपी में नवंबर, 2025 तक पूंजी प्रवाह 3.04 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर था, जो वर्ष 2024 में 2.69 लाख करोड़ रुपये के प्रवाह से काफी अधिक है।
एनएसई की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2025 में इक्विटी बाजार में 7.6 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है, जो 2024 में 5.3 लाख करोड़ रुपये के निवेश से काफी अधिक है। इस साल 30 नवंबर तक म्युचुअल फंड की शुद्ध इक्विटी खरीद, 4.6 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर थी।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक जी चोकालिंगम ने कहा, ‘वर्ष 2024 ने खुदरा निवेशकों, विशेष रूप से मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों के लिए शानदार रिटर्न दिया। वहीं इस साल मुनाफावसूली हुई। आईपीओ बाजार में तेजी दिखी और सोने में तेजी आई। ऐसे में बहुत सारा पैसा सेकंडरी बाजार से इन निवेश विकल्पों में चला गया।’ सीधे निवेश में गिरावट का रुझान डीमैट खाते खुलने की दर में भी दिखा। पहले 11 महीनों में, डीमैट खातों में 2.8 करोड़ की वृद्धि हुई जबकि 2024 में 4.6 करोड़ खाते खुले थे।