दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा | फोटो: पीटीआई
प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों के खिलाफ कार्रवाई को और सख्त करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मंजींदर सिंह सिरसा ने मंगलवार को कहा कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP–IV) की पाबंदियां हटने के बाद भी सरकार ‘नो पीयूसी, नो फ्यूल’ पॉलिसी को जारी रखेगी।
उन्होंने कहा कि GRAP-IV में ढील दिए जाने के बाद भी प्रदूषण रोकने के उपायों को सख्ती से लागू किया जाता रहेगा। साथ ही उन्होंने साफ किया कि वैलिड प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUC) के बिना किसी भी वाहन को राजधानी में चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
यह पॉलिसी पिछले सप्ताह दिल्ली सरकार द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण पर अंकुश लगाने के व्यापक प्रयासों के तहत लागू की गई थी। सोमवार को मंजींदर सिंह सिरसा ने बताया कि इन उपायों को सख्ती से लागू किए जाने के बाद 2.12 लाख से ज्यादा नए पीयूसी (PUC) सर्टिफिकेट जारी किए गए हैं।
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सिरसा ने यह भी कहा कि हालिया निरीक्षण के दौरान कई पीयूसी केंद्र बंद पाए गए, जबकि 12 केंद्रों पर खराब उपकरण मिलने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि इन केंद्रों को निलंबित कर नोटिस जारी किए गए हैं और चेतावनी दी गई है कि नियमों के उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि चार नए वाहन उत्सर्जन जांच केंद्रों (vehicle emission testing centres) को भी मंजूरी दे दी गई है। साथ ही व्यावसायिक वाहनों के लिए अतिरिक्त जांच सुविधाएं खोलने की अनुमति भी दी गई है।
इन प्रदूषण नियंत्रण उपायों के अलावा, सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में करीब 1,000 जलाशयों के पुनर्जीवन के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव भी रखा है।