प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
देशभर के करोड़ों लोगों के लिए अच्छी खबर है। पेट्रोलियम एंड नेचुरल गैस रेगुलेटरी बोर्ड (PNGRB) ने नेचुरल गैस की ट्रांसपोर्टेशन टैरिफ सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। इस बदलाव के चलते CNG और घरेलू PNG की कीमतें कम होंगी।
यह नया सिस्टम 1 जनवरी 2026 से लागू हो जाएगा। इससे 312 भौगोलिक इलाकों में रहने वाले कंज्यूमर्स को फायदा मिलेगा, जहां 40 सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन (CGD) कंपनियां काम कर रही हैं। पहले टैरिफ जोन तीन थे, अब इन्हें घटाकर सिर्फ दो कर दिया गया है। एक 300 किलोमीटर तक का टैरिफ जोन होगा जबकि दूसरा उससे अधिक वाला।
PNGRB ने साफ कहा है कि CNG और घरेलू PNG के लिए पूरे देश में सिर्फ 300 किलोमीटर तक वाला टैरिफ ही लगेगा, चाहे गैस का सोर्स कितनी भी दूर क्यों न हो। इससे CNG और घरेलू PNG के इस्तेमाल को और बढ़ावा मिलेगा।
PNGRB के बयान के मुताबिक, यह बदलाव ‘वन नेशन, वन ग्रिड, वन टैरिफ’ के लक्ष्य को आगे बढ़ाएगा। इससे इलाकों के बीच ट्रांसपोर्टेशन खर्च में फर्क कम होगा और नेचुरल गैस की कीमतें LPG व पेट्रोल जैसे दूसरे ईंधनों की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी से मिलती-जुलती हो जाएंगी।
1 जनवरी 2026 से नए रेट ये होंगे:
लेकिन CNG और घरेलू PNG के लिए पूरे भारत में सिर्फ 54 रुपये प्रति MMBTU ही लागू होगा। इससे 300 किलोमीटर से दूर वाले इलाकों में ट्रांसपोर्टेशन खर्च करीब 50 फीसदी तक कम हो जाएगा।
पहले नेचुरल गैस की ट्रांसपोर्टेशन में दूरी के हिसाब से तीन जोन थे, जिससे कीमतें बढ़ती जाती थीं। इससे कुछ राज्यों में गैस महंगी पड़ती थी। अब जोन दो ही रह गए हैं, 300 किलोमीटर तक और उससे आगे।
सबसे बड़ा फायदा CNG व घरेलू PNG वालों को होगा, क्योंकि उन्हें हर जगह कम रेट ही देना पड़ेगा। इस नए मॉडल से CGD इंडस्ट्री को करीब 1000 करोड़ रुपये का फायदा होगा, जो सीधे कंज्यूमर्स तक पहुंचेगा। इससे CNG के रेट 1.25 से 2.50 रुपये प्रति किलो तक कम हो सकते हैं, जबकि घरेलू PNG 0.90 से 1.80 रुपये प्रति क्यूबिक मीटर सस्ती पड़ सकती है।
यह बदलाव इसलिए जरूरी था क्योंकि पहले गैस का सोर्स जितनी दूर होता था, कीमत उतनी ही ज्यादा हो जाती थी। इससे एक ही इलाके में भी फर्क पड़ता था। अब PNGRB ने गैस की ट्रांसपोर्ट पॉलिसी को LPG और पेट्रोल जैसी बना दिया है, ताकि राज्यों में कीमतों का अंतर खत्म हो और लोगों को कन्फ्यूजन न हो।