ITR Filing 2025: काफी इंतजार के बाद केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अब इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-2 और ITR-3 के लिए Excel यूटिलिटी जारी कर दी है। अब टैक्सपेयर्स इन यूटिलिटीज़ को डाउनलोड करके अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।
इनकम टैक्स विभाग ने कहा है, “असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-2 और ITR-3 की Excel यूटिलिटीज़ अब लाइव हैं और फाइलिंग के लिए उपलब्ध हैं।”
Attention Taxpayers!
Excel Utilities of ITR-2 and ITR-3 for AY 2025-26 are now live and available for filing.
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— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) July 11, 2025
ITR-2 और ITR-3 के लिए Excel यूटिलिटीज़ इनकम टैक्स विभाग की ओर से दी गई ऑफलाइन टूल्स हैं। इनका इस्तेमाल करके आप बिना इंटरनेट के अपनी डिटेल्स भर सकते हैं।
आईटीआर-2 फॉर्म उन व्यक्ति (individual) और हिंदू अविभाजित परिवारों (HUFs) के लिए होता है जिनकी आमदनी बिजनेस या प्रोफेशन से नहीं होती है। इस फॉर्म के ज़रिए सैलरी, पेंशन, किराया, पूंजीगत लाभ (capital gains), खेती से आय (₹5,000 से ज़्यादा), और अन्य स्रोतों से हुई इनकम का रिटर्न फाइल किया जा सकता है।
आईटीआर-2 उन्हीं लोगों को भरना चाहिए जिन्हें निम्नलिखित सोर्स से इनकम हो:
सैलरी या पेंशन से इनकम
एक से ज़्यादा हाउस प्रॉपर्टी से किराया
पूंजीगत लाभ या हानि (जैसे शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी बेचने से)
अन्य स्रोतों से इनकम (जैसे लॉटरी, रेस या सट्टा जैसी वैध गतिविधियां)
खेती से ₹5,000 से ज़्यादा की आय
जो व्यक्ति “रेजिडेंट नॉट ऑर्डिनेरिली रेजिडेंट” या “नॉन-रेजिडेंट” हों
जिनकी कुल इनकम ₹50 लाख से ज़्यादा हो
अगर आप किसी कंपनी में डायरेक्टर हैं या किसी अनलिस्टेड कंपनी के शेयर्स में निवेश किया है
कौन नहीं भर सकता ITR-2?
वे व्यक्ति या HUF जिनकी इनकम किसी बिजनेस या प्रोफेशन से होती है।
हालांकि, अगर आप ITR-1 भरने के पात्र हैं, तो चाहें तो ITR-2 भी भर सकते हैं। लेकिन जब तक आप ITR-1 के लिए योग्य हैं, तब तक उसी से रिटर्न फाइल करना बेहतर है।
अगर आपकी पूंजीगत लाभ की इनकम सेक्शन 112A के तहत ₹1.25 लाख से ज़्यादा हो गई है, या आपको किसी तरह की हानि को आगे ले जाना है (carry forward losses), तो आपको ITR-2 भरना पड़ेगा।
ITR-2 भरने के लिए किन डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत होगी?
सैलरी से इनकम हो तो: फॉर्म 16 (एम्प्लॉयर से)
ब्याज पर TDS कटा हो तो: फॉर्म 16A (बैंक या अन्य कटौतीकर्ता से)
TDS का मिलान करने के लिए: फॉर्म 26AS (ई-फाइलिंग पोर्टल से डाउनलोड करें)
HRA क्लेम के लिए: किराया भुगतान की रसीदें (अगर एम्प्लॉयर को नहीं दी थीं)
शेयर या सिक्योरिटी में ट्रेडिंग से पूंजीगत लाभ हो तो: पूरे साल का कैपिटल गेन/लॉस स्टेटमेंट
बैंक ब्याज के लिए: बैंक पासबुक या एफडी की रसीदें
किराए की प्रॉपर्टी से इनकम हो तो: किरायेदार का नाम, प्रॉपर्टी टैक्स और होम लोन का ब्याज आदि
अगर इस साल हानि हुई हो: उस हानि से जुड़ा कोई भी दस्तावेज़
अगर पिछले साल की हानि क्लेम करनी हो: उस साल का ITR-V
सेक्शन 80C, 80D, 80G, 80GG के तहत छूट चाहिए हो तो: एलआईसी, हेल्थ इंश्योरेंस, डोनेशन, बच्चों की ट्यूशन फीस, किराए की रसीदें आदि के दस्तावेज़
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने वाले लोगों के लिए ITR-3 फॉर्म खास होता है। ये फॉर्म उन लोगों के लिए है जो अपना खुद का बिजनेस करते हैं या किसी प्रोफेशन से कमाई कर रहे हैं। इस फॉर्म के जरिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आपकी पूरी फाइनेंशियल डिटेल्स लेता है ताकि टैक्स सही तरीके से भरने में कोई दिक्कत न हो।
ITR-3 फॉर्म वे व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) भर सकते हैं जो इन शर्तों को पूरा करते हैं:
जिनका खुद का बिजनेस हो या जो किसी प्रोफेशन से जुड़े हों
भारत में रहने वाले (resident) या बाहर रहने वाले (non-resident), दोनों ही
पेंशन से इनकम हो
मकान किराये से कमाई हो रही हो (चाहे एक हो या एक से ज्यादा प्रॉपर्टी से)
अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर में इन्वेस्ट किया हो
सैलरी, कमीशन, ब्याज, बोनस या मेहनताना जैसे सोर्स से इनकम हो
इसके अलावा ये लोग भी ITR-3 भर सकते हैं:
एक या ज्यादा मकानों से किराये की इनकम हो
लॉटरी, रेस या जुए जैसी वैध एक्टिविटी से कमाई हो
कैपिटल गेन (Capital Gains) से इनकम हो, चाहे शॉर्ट टर्म हो या लॉन्ग टर्म
अगर आपके नाम से कोई प्रोप्राइटरशिप बिजनेस है
विदेश में संपत्ति या इनकम हो
अगर आप किसी पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर हैं और उसी से कमाई हो रही है, तो आप ITR-3 नहीं भर सकते। ऐसे लोगों को ITR-2 फॉर्म भरना होता है।
नोट: अगर आप बिजनेस या प्रोफेशन से जुड़े हैं और आपकी इनकम ऊपर बताए गए सोर्स से आ रही है, तो ITR-3 फॉर्म आपके लिए जरूरी है।