Income Tax: नए फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत के साथ ही वित्त वर्ष 2024 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करने की प्रक्रिया शुरू हो गई। आयकर विभाग ने ई-फाइलिंग पोर्टल पर रिटर्न दाखिल करने के लिए सभी रिटर्न फाइलिंग फॉर्म – ITR-1, ITR-2, ITR-4 और ITR-6 को पहले ही उपलब्ध करा दिया है।
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए ITR -6 की एक्सेल यूटिलिटी (excel utility) जारी कर दी है। इससे पहले, विभाग ने आकलन वर्ष 2024-25 के लिए ITR-1, ITR-2 और ITR-4 की एक्सेल यूटिलिटी को उपलब्ध करा दिया था। आप इन फॉर्मों की एक्सेल यूटिलिटी को ई-फाइलिंग पोर्टल पर ‘डाउनलोड’ बटन पर क्लिक कर प्राप्त (डाउनलोड) कर सकते हैं।
अगर आप भी इस साल की शुरुआत में अपना रिटर्न दाखिल करने की योजना बना रहे हैं और दुविधा में फंसे है कि आपको अपना आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए किस फॉर्म को भरने की आवश्यकता होगी। तो चिंता मत कीजिए, यहां पूरी जानकारी दी गई है।
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ITR-1: यह फॉर्म उन व्यक्तियों के लिए है जो निवासी हैं (सामान्य तौर पर निवासी नहीं होने के अलावा) जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, जिनकी आय सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोतों (ब्याज आदि) से है, और कृषि आय 5,000 रुपये तक है।
ITR-2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों और HUFs के लिए है जिनकी किसी बिजनेस या किसी पेशे के लाभ और आय से कोई कमाई नहीं है।
ITR-3: आयकर रिटर्न फॉर्म 3 को व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स और HUFs द्वारा चुना जाता है जो किसी पेशे या किसी बिजनेस के मालिक होने से आय अर्जित करते हैं। वो टैक्सपेयर्स जिनकी आय किसी अनलिस्टिड शेयर में निवेश से हुई है, किसी कंपनी के पार्टनर हैं, किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या बिजनेस का टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से ज्यादा है, इस फॉर्म को भर सकते हैं।
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ITR-4: आयकर रिटर्न फॉर्म 4 उन व्यक्तियों, HUFs और फर्मों (LLP के अलावा) के लिए है जो निवासी हैं और जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है, और किसी बिजनेस या पेशे से आय अर्जित करते है, जिसकी गणना धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत की जाती है। इसके अतिरिक्त, करदाता की कृषि आय 5,000 तक नहीं होनी चाहिए।
ITR-5: आयकर रिटर्न फॉर्म 5 संस्थाओं के लिए होता है। ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPs, BOIs के रूप में रजिस्टर्ड हैं।
ITR-6: यह टैक्स फाइलिंग फॉर्म धारा 11 के तहत छूट का दावा करने वाली संस्थाओं के अलावा कंपनियों के लिए है।
आकलन वर्ष 2024-25 के पहले महीने में अब तक इनकम टैक्स विभाग को करीब 6 लाख रिटर्न मिले हैं। विशेष रूप से, इनमें से लगभग दो-तिहाई रिटर्न पहले ही प्रोसेस हो चुके हैं। आमतौर पर 31 जुलाई तक ITR फाइल करना सभी के लिए अनिवार्य होता है। जो लोग टैक्स स्लैब के दायरे में आते हैं, उनके लिए फॉर्म भरना जरूरी है। जो आईटीआर के दायरे में नहीं आते है वे लोग जीरो आईटीआर फॉर्म भर सकते हैं। यह लोन लेने में यह काफी काम आता है।