इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक नया फीचर शुरू किया है, जिससे टैक्सपेयर्स यह देख सकेंगे कि उनके सबमिशन को असेसिंग ऑफिसर (AO) या कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स (अपील्स) [CIT(A)] ने कब और किस समय देखा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कदम पारदर्शिता बढ़ाएगा, विवादों को कम करेगा और फेसलेस असेसमेंट सिस्टम में लोगों का भरोसा मजबूत करेगा।
फोरविस मजर्स इंडिया के डायरेक्ट टैक्स पार्टनर गौरव जैन कहते हैं, “अब टैक्सपेयर्स यह जान सकेंगे कि उनके सबमिशन को संबंधित ऑफिसर ने कब और किस समय देखा। इससे यह साफ हो जाता है कि उनका जवाब देखा जा रहा है, जिससे पहले की अनिश्चितता खत्म होती है।”
इस अपडेट के मुख्य फायदे:
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बॉम्बे चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सोसाइटी के जॉइंट सेक्रेटरी और चार्टर्ड अकाउंटेंट मृणाल मेहता कहते हैं, “फेसलेस असेसमेंट स्कीम में हमेशा कम्युनिकेशन की दिक्कत रही है। यह अपडेट टैक्सपेयर्स की अनिश्चितता को कम करता है, क्योंकि अब उन्हें पता चलता है कि उनके दस्तावेज देखे गए हैं, इससे पहले कि कोई कार्रवाई हो।”
मेहता के मुताबिक, यह फीचर गोपनीयता से कोई समझौता नहीं करता। “यह ऑडिट ट्रेल सिर्फ उस टैक्सपेयर को दिखता है, जिससे उसकी संवेदनशील जानकारी पूरी तरह सुरक्षित रहती है।”
यह पोर्टल अपडेट भारत के टैक्स सिस्टम में डिजिटल जवाबदेही की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह टैक्सपेयर्स को स्पष्टता, भरोसा और देरी या गलतियों को चुनौती देने का एक मजबूत तरीका देता है।