भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इस बार मौद्रिक नीति की समीक्षा में बेशक नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया मगर उससे पहले मई, 2022 से अभी तक वह रीपो दर 250 आधार अंक बढ़ा चुका था। इसकी वजह से मकान खरीदने के लिए कर्ज लेने वालों की मासिक किस्त (ईएमआई) काफी बढ़ चुकी है और कई की तो मियाद भी बढ़ गई है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी बकाया ईएमआई की संख्या भी बढ़ी है और ईएमआई की रकम भी बढ़ी है।
रीपो दर में 250 अंक इजाफे का मतलब है कि 20 साल के लिए 7 फीसदी ब्याज दर 50 लाख रुपये का होम लोन लेने वाले व्यक्ति के लिए ब्याज दर अब 9.5 फीसदी हो गई होगी। ब्याज दर बढ़ने का मतलब है कि शुरुआत में जो ईएमआई 38,765 रुपये की थी वह अब 46,607 रुपये हो गई होगी यानी मासिक किस्त में 7,842 रुपये का इजाफा हो गया होगा। इसका मतलब है कि लोन पर ब्याज का हिस्सा 18.8 लाख रुपये बढ़ गया होगा।
बैंकबाजार डॉट कॉम के मुख्य कार्य अधिकारी (सीईओ) आदिल शेट्टी कहते हैं, ‘ब्याज दर में तेज बढ़ोतरी के कारण कुछ लोगों का 20 साल का कर्ज तो अब 55 साल में पूरा होगा। चूंकि कर्ज देने वाली संस्थाएं लोन की मियाद को रिटायरमेंट की उम्र यानी 60 साल की उम्र से आगे नहीं जाने देतीं, इसलिए ईएमआई बढ़ना स्वाभाविक है।’
ब्याज दर बढ़ने पर लोन की मियाद बढ़वाने से बेहतर है कि ईएमआई की रकम बढ़वा ली जाए। लेकिन जिन कर्जदारों के लिए कर्ज चुकाना मुश्किल हो रहा है, वे बैंक या कर्ज देने वाली संस्था से बात कर सकते हैं। बेसिक होम लोन के सीईओ और सह-संस्थापक अतुल मोंगा समझाते हैं, ‘अपनी माली हालत के बारे में उन्हें बताइए और कर्ज की अवधि बढ़ाने या ईएमआई की रकम बढ़ाने की अर्जी डालिए। संस्था आपकी हालत का जायजा लेगी और उसके बाद फैसला करेगी कि आपकी अर्जी मंजूर करनी है या नहीं।’
यदि आप ईएमआई की रकम या कर्ज की मियाद कम कराना चाहते हैं तो होम लोन को किस्तों में वक्त से पहले चुकाने यानी प्री-पेमेंट करने के लिए तैयार रहिए। किस्तों में प्री-पेमेंट की तैयारी से पहले अपनी वित्तीय स्थिति ठीक से देख लीजिए। शेट्टी कहते हैं, ‘आप ही अपनी ईएमआई की रकम बढ़ा सकते हैं। आप चाहें तो हर साल एकमुश्त प्री-पेमेंट भी कर सकते हैं। यदि आप हर साल बकाया मूलधन का 5 फीसदी चुकाते जाएं तो 20 साल का आपका होम लोन करीब 9 साल में ही पूरा हो जाएगा। हर साल एक ईएमआई ज्यादा चुकाने भर से ही आपका लोन 3 महीने 9 साल पहले खत्म हो सकता है।’
प्री-पेमेंट का फैसला करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें। माईमनीमंत्रा डॉट कॉम के संस्थापक और प्रबंध निदेशक राज खोसला की राय भी ध्यान रखने लायक है। वह कहते हैं, ‘अगर आपका होम लोन खत्म होने वाला है तो प्री-पेमेंट करने का खास फायदा नहीं होगा। साथ ही अगर आपके पास निवेश का कोई ऐसा मौका है, जिसमें रकम लगाने से आपको प्री-पेमेंट के जरिये होने वाली ब्याज की बचत से ज्यादा रिटर्न मिल रहा हो तो प्री-पेमेंट छोड़कर वहीं निवेश कर दीजिए।’
मगर प्री-पेमेंट करने के लिए आपातकाल के लिए बचाई गई रकम या रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी के लिए की जा रही बचत का इस्तेमाल भूलकर भी न करें। शेट्टी कहते हैं, ‘अपने भावी वित्तीय लक्ष्यों, पहले से तय खर्चों और आय का ध्यान रखें। प्री-पेमेंट की योजना कुछ इस तरह बनाएं कि दूसरे वित्तीय लक्ष्यों के लिए बचाई गई रकम या की जा रही बचत पर असर न पड़े।’
उनका कहना है कि कर्ज देने वाली ज्यादातर संस्थाएं पहले से शर्त रखती हैं कि कोई ग्राहक साल में अधिकतम कितनी बार प्री-पेमेंट कर सकता है या हर बार कम से कम कितनी रकम देनी होगी।
अगर आप बैंक या संस्था बदलकर होम लोन पर ब्याज कम कराते हैं तो आपका बोझ कम हो सकता है। आपको एकबारगी फीस भी चुकानी पड़ेगी। इस विकल्प को तभी चुनें, जब इससे आपकी अच्छी-खासी बचत हो रही हो।
मोंगा कहते हैं, ‘लोन ऐसे बैंक के पास ले जाइए, जो प्री-पेमेंट के मामले में नरम शर्तें रखता हो और प्रोसेसिंग फीस भी माफ करने को तैयार हो जाए। अलग-अलग बैंकों के पास जाकर लोन के विकल्प तलाशिए और हो सकता है कि आपको मौजूदा बैंक से अच्छी शर्तों पर कर्ज मिल जाए।’
बैंक बदलने से पहले अच्छी तरह पड़ताल भी कर लीजिए। खोसला की सलाह है, ‘तमाम बैंकों से ऑफर मांगिए और ताकि सबसे अच्छा विकल्प आपको मिल सके। जब भी बैलेंस ट्रांसफर करें तब प्रशासनिक शुल्क और प्रोसेसिंग फीस पर जरूर नजर दौड़ाएं। साथ ही यह भी देख लीजिए कि लोन की पूरी मियाद में आपको दोनों जगह कुल कितनी रकम देनी पड़ रही है।’
अगर आप ऊपर बताया कोई काम नहीं कर पा रहे हैं तो अपनी मौजूदा ईएमआई वक्त पर चुकाते रहें। अगले साल की शुरुआत में ब्याज दरों में कमी आरंभ हो सकती है। अगर आपका लोन बाहरी बेंचमार्क से जुड़ा है तो आपको फौरन राहत मिल जाएगी। अगर आप ईएमआई वक्त पर चुकाते हैं तो भविष्य में अपना कर्ज कम ब्याज दर वाले बैंक के पास ले जाने में आपको मदद मिलती है।