Housing Price: इस साल मकान खरीदना लोगों की जेब ढीली कर रहा है। 2024 की दूसरी तिमाही में देश के 8 प्रमुख शहरों में मकानों की औसत कीमतों में तिमाही आधार पर 3 फीसदी और सालाना आधार पर 12 फीसदी वृद्धि हुई है। इसके साथ ही बिना बिके मकानों की संख्या में भी कमी देखने को मिली है। त्योहारी सीजन को देखते हुए इस साल आगे भी आवासीय बाजार में मजबूती जारी रह सकती है।
क्रेडाई-कोलियर्स-लायसेस फोरास (CREDAI Colliers Liases Foras) रिपोर्ट के अनुसार इस साल की दूसरी तिमाही में 8 प्रमुख शहरों में सबसे ज्यादा दिल्ली-एनसीआर में मकान खरीदना महंगा हुआ है। 2024 की दूसरी तिमाही में तिमाही आधार पर मकानों की कीमतों में 16 फीसदी और सालाना आधार पर 30 फीसदी इजाफा हुआ। इसके साथ ही दूसरी तिमाही में दिल्ली-एनसीआर में मकानों की औसत कीमत 11,279 रुपये वर्ग फुट रही।
पहली तिमाही में बेंगलूरु में मकान खरीदना सबसे ज्यादा महंगा हुआ था। दूसरी तिमाही में बेंगलूरु में तिमाही आधार पर 8 फीसदी और सालाना आधार पर 28 फीसदी मकान महंगे हुए हैं। दूसरी तिमाही में मकानों की औसत कीमत 11,161 रुपये वर्ग फुट दर्ज की गई। दूसरी तिमाही में अहमदाबाद और पुणे में तिमाही आधार पर मकानों की कीमत 2-2 फीसदी बढ़ी। इसी तिमाही में चेन्नई, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में मकानों की कीमत में तिमाही आधार पर कोई बदलाव नहीं हुआ।
इस रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में 8 प्रमुख शहरों में से 7 शहरों में बिना बिके मकानों की संख्या (Unsold inventory) में भी कमी आई है। दूसरी तिमाही में MMR में बड़ी मात्रा में मकान बिकने के बावजूद तिमाही आधार पर बिना बिके मकानों की संख्या में 5 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। सालाना आधार पर 13 फीसदी गिरावट के साथ पुणे में सबसे अधिक बिना बिके मकानों की संख्या में कमी देखी गई। अहमदाबाद, चेन्नई और कोलकाता में इन मकानों की संख्या में 6 से 8 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है।
| शहर | 2023 (₹/sq ft) | 2024 (₹/sq ft) | बदलाव (%) |
|---|---|---|---|
| बेंगलूरु | 8,688 | 11,161 | 28 |
| दिल्ली—एनसीआर | 8,652 | 11,279 | 30 |
| अहमदाबाद | 6,507 | 7,335 | 13 |
| पुणे | 8,540 | 9,656 | 13 |
| हैदराबाद | 10,530 | 11,290 | 7 |
| कोलकाता | 7,315 | 7,745 | 6 |
| एमएमआर | 19,111 | 20,275 | 6 |
| चेन्नई | 7,653 | 7,690 | 0.48 |
स्रोत: क्रेडाई-कोलियर्स-लायसेस फोरास रिपोर्ट और मकानों की औसत कीमत रुपये वर्ग फुट में दोनों साल की दूसरी तिमाही की है।
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क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों से भारतीय रियल एस्टेट बाजार में तेजी देखी गई है। जिसका सीधा असर मकानों की कीमतों पर पड़ा है। आगामी त्योहारी सीजन के साथ-साथ सरकार द्वारा बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने और अपेक्षाकृत स्थिर ऋण देने की प्रणाली का मकानों की कीमतों पर प्रभाव पड़ने की संभावना है। इसके साथ ही इसका अनसोल्ड इन्वेंट्री के स्तर पर भी असर पड़ेगा।
कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक विमल नादर ने कहा कि आवासीय बाजार में लग्जरी और अल्ट्रा लग्जरी सेगमेंट के मकानों की मांग काफी मजबूत रही। दिल्ली-एनसीआर और बेंगलूरु में खासकर 3-4 बीएचके मकानों की कीमतों में सालाना आधार पर 30 फीसदी तक इजाफा हुआ है। सरकार द्वारा भूमि और भवनों से संबंधित दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ से संबंधित हालिया निर्णय में आंशिक बदलाव से निवेशकों और मकान मालिकों की धारणा को बढ़ावा मिलने से बड़े पैमाने पर रियल एस्टेट क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा।
लायसेस फोरास के प्रबंध निदेशक पंकज कपूर कहते हैं कि मकान महंगे होने के बावजूद विभिन्न शहरों में इनकी बिक्री में वृद्धि जारी है। चालू तिमाही में किफायती सेगमेंट में नई लॉन्चिंग में 33 फीसदी की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। एनसीआर की बिक्री और नए लॉन्च में वृद्धि से संकेत मिलता है कि बाजार आगे भी विकास के पथ पर बना रहेगा।