facebookmetapixel
Delhi Pollution: प्रदूषण पर लगाम के लिए दिल्ली सरकार का कदम, कर्मचारियों के लिए बदले गए ऑफिस टाइमवंदे मातरम् के महत्त्वपूर्ण छंद 1937 में हटाए गए, उसी ने बोए थे विभाजन के बीज: प्रधानमंत्री मोदीअमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप बोले— ‘मोदी मेरे दोस्त हैं’, अगले साल भारत आने की संभावना भी जताईऑफिस मांग में टॉप-10 माइक्रो मार्केट का दबदबाBihar Elections: बिहार में मुरझा रही छात्र राजनीति की पौध, कॉलेजों से नहीं निकल रहे नए नेतासंपत्ति पंजीकरण में सुधार के लिए ब्लॉकचेन तकनीक अपनाए सरकार: सुप्रीम कोर्टदिल्ली हवाई अड्डे पर सिस्टम फेल, 300 उड़ानों में देरी; यात्रियों की बढ़ी परेशानी‘पायलट पर दोष नहीं लगाया जा सकता’ — सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एयर इंडिया हादसे में निष्पक्ष जांच जरूरीबिहार में सत्ता वापसी की जंग: लालू की विरासत पर सवार तेजस्वी यादव के लिए चुनौतीढाका से कोलंबो तक: GenZ ने भ्रष्ट शासन पर गुस्सा दिखाना शुरू कर दिया है

Paytm shares: विजय शेखर शर्मा को सेबी का कारण बताओ नोटिस! रिपोर्ट के बाद पेटीएम के शेयर 9% गिरे

यह नोटिस उन पूर्व बोर्ड सदस्यों को भी जारी किया गया है जो नवंबर 2021 लाए गए कंपनी के आईपीओ में शामिल थे।

Last Updated- August 26, 2024 | 3:51 PM IST
Paytm breaks ties with Payments Bank, takes steps to reduce dependency, Paytm breaks ties with Payments Bank, takes steps to reduce dependency

वन 97 कम्युनिकेशंस के शेयर बीएसई पर 8.88 प्रतिशत गिरकर 505.25 रुपये प्रति शेयर हो गए हैं। यह गिरावट तब आई जब खबरें सामने आईं कि कंपनी के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को शीर्ष बाजार नियामक सेबी द्वारा शो-कॉज (कारण बताओ) नोटिस जारी किया गया है। Moneycontrol की रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पेटीएम की मूल कंपनी वन 97 कम्युनिकेशंस के संस्थापक विजय शेखर शर्मा को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।

Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, यह नोटिस उन पूर्व बोर्ड सदस्यों को भी जारी किया गया है जो नवंबर 2021 लाए गए कंपनी के आईपीओ में शामिल थे। रिपोर्ट के मुताबिक, नोटिस में तथ्यों की गलत जानकारी देने और प्रमोटर वर्गीकरण नियमों का पालन न करने के आरोप लगाए गए हैं।

हालांकि, Business Standard इस रिपोर्ट की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है। वहीं, वन 97 कम्युनिकेशंस ने अब तक इस मामले पर कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है।

यह जांच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से मिली जानकारी के बाद की जा रही है, जिसने इस साल की शुरुआत में पेटीएम पेमेंट्स बैंक की समीक्षा की थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य मुद्दा यह है कि क्या शर्मा को प्रमोटर के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए था, क्योंकि आईपीओ के दौरान उनका मैनेजमेंट पर कंट्रोल था, जबकि वे एक कर्मचारी की भूमिका में नहीं थे।

जब तक किसी कंपनी को ‘प्रोफेशनली मैनेज्ड’ के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता, उसे आमतौर पर प्रमोटर-चालित माना जाता है। ‘प्रोफेशनली मैनेज्ड’ माने जाने के लिए, किसी भी शेयरधारक के पास 10 प्रतिशत से अधिक की हिस्सेदारी नहीं होनी चाहिए और किसी भी व्यक्ति के पास कंट्रोल नहीं होना चाहिए।

रिपोर्ट के अनुसार, पेटीएम के मामले में, आईपीओ से पहले संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने अपनी 5 प्रतिशत हिस्सेदारी VSS होल्डिंग्स ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दी थी, जिससे उनकी हिस्सेदारी 14.6 प्रतिशत से घटकर 9.6 प्रतिशत हो गई, जो 10 प्रतिशत की सीमा से थोड़ा कम थी। इसके बावजूद, शर्मा ने बोर्ड में अपनी स्थिति और मैनेजमेंट भूमिका के जरिए महत्वपूर्ण नियंत्रण बनाए रखा।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि अगस्त 2023 में, शर्मा ने Resilient Asset Management BV के माध्यम से पेटीएम में 10.3 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी, जो कि उनके स्वामित्व वाली एक और कंपनी है। इस हिस्सेदारी को ‘प्रत्यक्ष विदेशी निवेश’ के तहत दिखाया गया था, और इसे शर्मा की अन्य होल्डिंग्स के साथ नहीं जोड़ा गया।

सेबी ने कंपनी के निदेशकों से भी शर्मा के पक्ष का समर्थन करने पर सवाल उठाए हैं। गौर करने वाली बात यह है कि सेबी के नियमों के अनुसार, प्रमोटरों को आईपीओ के बाद कर्मचारी स्टॉक विकल्प (ESOPs) नहीं दिए जा सकते, जिससे शर्मा की इसके लिए पात्रता प्रभावित हो सकती है।

इससे पहले, जनवरी में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए जमा लेने से रोक दिया था। आरबीआई ने कहा था कि बैंक में लगातार नियमों का पालन नहीं हो रहा था और निगरानी संबंधी गंभीर चिंताएं थीं, जिसके कारण यह कदम उठाना पड़ा।

दोपहर 2:26 बजे तक कंपनी के शेयर बीएसई पर 4.06 प्रतिशत गिरकर 532 रुपये प्रति शेयर पर थे, जबकि बीएसई सेंसेक्स 0.83 प्रतिशत बढ़कर 81,760 के स्तर पर था।

First Published - August 26, 2024 | 3:51 PM IST

संबंधित पोस्ट