Pay-as-you-drive insurance: भारत में भी लोग धीरे-धीरे पे ऐज यू ड्राइव वाहन बीमा को आजमाने लगे हैं। पॉलिसीबाजारडॉटकॉम के पिछले दिनों आए एक अध्ययन के मुताबिक उसके तीन ग्राहकों में से एक यही बीमा चुनता है। जो लोग यह बीमा खरीद चुके हैं, उनमें हर चार में से तीन इन्हें रीन्यू भी कराते हैं यानी धीरे-धीरे लोग पर्सनलाइज्ड या अपनी जरूरत के मुताबिक बनी बीमा योजना पसंद करने लगे हैं।
सामान्य वाहन बीमा योजना लेने वाला ग्राहक अपनी गाड़ी कितनी भी दूर तक चलाए यानी कितने भी किलोमीटर का सफर तय करे, उस पर किसी तरह की बंदिश नहीं होती। पॉलिसीबाजारडॉटकॉम में हेड (मोटर इंश्योरेंस) नितिन कुमार कहते हैं, ‘पे ऐज यू ड्राइव बीमा में ग्राहक किलोमीटर का पहले से तय आंकड़ा चुन सकते हैं।
मान लीजिए कि किसी को गाड़ी बहुत कम चलानी होती है तो वह 2,500 किलोमीटर की सीमा चुन सकता है। जिसे वाहन से लंबा सफर करना होता है, वह 10,000 किलोमीटर चुन सकता है।’ ग्राहक ने बीमा में जितने किलोमीटर चुने हैं, गाड़ी उतनी चल जाए तो टॉप अप भी कराया जा सकता है।
गो डिजिट जैसी कंपनियां पे ऐज यू ड्राइव को ऐड-ऑन की शक्ल में दे रही हैं। गो डिजिट जनरल इंश्योरेंस के प्रोडक्ट हेड -मोटर मयूर कचोलिया समझाते हैं, ‘ग्राहक को अपने ओडोमीटर (किलोमीटर बताने वाला मीटर) की तस्वीर भेजनी होती है। अगर उसकी कार पहले से तय किलोमीटर (मान लीजिए 12,000 किमी सालाना) से कम चली है तो वह खुद-ब-खुद पे ऐज यू ड्राइव छूट का हकदार हो जाता है।’
सामान्य वाहन बीमा पॉलिसी में हर ग्राहक को एक बराबर प्रीमियम भरना होता है, चाहे वह गाड़ी 5,000 किमी चलाता है या 35,000 किमी। जूनो जनरल इंश्योरेंस की चीफ प्रोडक्ट ऑफिसर पूजा यादव कहती हैं, ‘पे ऐज यू ड्राइव मॉडल में प्रीमियम आपकी ड्राइविंग की आदतों से तय होता है। अगर आप गाड़ी कम चलाते हैं तो प्रीमियम भी कम रहता है।’
कोचलिया का कहना है कि गाड़ी रखने वाले ज्यादातर लोग उन्हें बहुत ज्यादा नहीं चलाते हैं। पे ऐज यू ड्राइव बीमा में बचत किलोमीटर के स्लैब पर होती है। कुमार बताते हैं, ‘यदि सामान्य वाहन बीमा में ओन डैमेज कवर और ऐड-ऑन का कुल प्रीमियम 10,000 रुपये बैठता है तो केवल 2,500 किमी चुनने पर प्रीमियम में करीब 4,500 रुपये की बचत हो जाएगी। 5,000 किमी तक के सफर का विकल्प चुनेंगे तो प्रीमियम 3,500 रुपये तक कम हो जाएगा। इसी तरह 7,500 किमी में आपके 2,500 रुपये और 10,000 किमी स्लैब में 1,500 से 2,000 रुपये बच जाएंगे।’
कचोलिया बताते हैं कि ग्राहक यदि हर साल एक खास दूरी तय करता है यानी किलोमीटर का एक खास आंकड़ा रहता है तो उसे ओन-डैमेज प्रीमियम पर 25 फीसदी तक छूट भी मिल सकती है।
पूजा कहती हैं, ‘इसके लिए कार में टेलीमैटिक्स डिवाइस लगाना होता है मगर उसके लिए ग्राहक से कोई पैसा नहीं लिया जाता। पे ऐज यू ड्राइव में डेटा पर आधारित सुरक्षा के उपाय होते हैं, जिनके कारण बेहतर और सुरक्षित तरीके से गाड़ी चलाना ग्राहक की आदत में शामिल हो जाता है।’
कुमार बताते हैं कि किलोमीटर की सीमा गाड़ी पूरी तरह नष्ट होने, चोरी हो जाने या थर्ड पार्टी बीमा जैसे कवरेज की सूरत में लागू नहीं होती। गो डिजिट जैसी कुछ कंपनियां किलोमीटर की सालाना सीमा से ज्यादा चलने पर भी ग्राहकों से ज्यादा प्रीमियम नहीं मांगतीं।
पे ऐज यू ड्राइव बीमा उन लोगों के लिए फायदेमंद नहीं है, जो साल में बहुत ज्यादा गाड़ी चलाते हैं। पूजा का कहना है कि जोखिम भरे तरीके से गाड़ी चलाने वाले ग्राहकों को भी पे ऐड यू ड्राइव की छूट नहीं मिलती।
ग्राहकों की नजर इस बात पर जरूर रहनी चाहिए कि उन्होंने कितने किलोमीटर तक गाड़ी चला ली है। कुमार बताते हैं, ‘अगर आप अपनी तय सीमा जितने किलोमीटर तक गाड़ी चला लेते हैं तो बीमा कंपनी आपको कुछ किलोमीटर बतौर ग्रेस देती है। उन्हें भी खर्च कर लेने के बाद अगर आप किसी हादसे के शिकार हो जाते हैं तो आपका दावा नहीं माना जाएगा। दावा तभी मान्य होगा, जब आप पहले ही टॉप-अप करा चुके होंगे।’
कुमार की राय में पे ऐज यू ड्राइव बीमा उन लोगों के लिए ठीक है, जो साल में 10,000 किमी से कम गाड़ी चलाते हैं। कॉलेज छात्र, बुजुर्ग दंपती, बढ़िया सार्वजनिक परिवहन वाले शहरों के निवासी या कई गाड़ियां रखने वाले परिवार के सदस्य जैसे जो लोग कभी-कभार गाड़ी निकालते हैं, उनके लिए भी यह बीमा बहुत बढ़िया रहेगा। इनमें हाइब्रिड कर्मचारी और छोटे शहरों में रहने वाले वे लोग भी शामिल हैं, जो दूसरे शहरों में बहुत कम जाते हैं।