facebookmetapixel
Upcoming IPO: इस हफ्ते रहेगा आईपीओ का जलवा! 19 SME और 12 मेनबोर्ड इश्यू खुलेंगेStocks To Watch Today: PNC Infratech, RailTel, Lupin समेत कई कंपनियों के स्टॉक्स पर रहेगी नजरH1-B वीजा के नए नियमों से आईटी सेक्टर में घबराहट, भारतीय पेशेवरों और छात्रों में हड़कंपडीलरों के पास 5 लाख कारों का बिना बिका स्टॉक, जीएसटी नई दरों से कारें हुईं सस्तीतिरुपुर निटवियर उद्योग को अमेरिकी ऑर्डर घटने से ₹2,000 करोड़ का नुकसान, सरकार से सहायता बढ़ाने की मांगबिज़नेस स्टैंडर्ड ‘ब्लूप्रिंट’ कार्यक्रम- दुर्लभ खनिजों का बने राष्ट्रीय भंडार: रक्षा सचिववेयरहाउसिंग कंपनियां बढ़ती लागत और स्थिर किराये के बीच बाहरी पूंजी पर हो रही हैं निर्भररक्षा क्षेत्र में निवेश और ऑर्डर की निश्चितता जरूरी, DPM नई प्रक्रिया से होगी सरलता: राजिंदर सिंह भाटियाचंद्रयान-3 की सफलता ने हमें अधिक चुनौतीपूर्ण अभियान शुरू करने का साहस दिया: इसरो प्रमुख वी नारायणनप्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा- 22 सितंबर से जीएसटी ‘बचत उत्सव’ शुरू

2025-26 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक आया, अब कैपिटल गेन पर टैक्स होगा और सटीक

CBDT ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक को बढ़ाकर 376 पर अधिसूचित कर दिया जबकि यह वित्त वर्ष 2024-25 में 363 था।

Last Updated- July 02, 2025 | 10:58 PM IST
Cost Inflation Index

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (सीआईआई) को बढ़ाकर 376 पर अधिसूचित कर दिया जबकि यह वित्त वर्ष 2024-25 में 363 था। नए सूचकांक का उपयोग आकलन वर्ष 2026-27 और उसके बाद के वर्षों में दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के लिए होगा। यह अधिसूचना 1 अप्रैल 2026 से लागू होगी।

सीआईआई करदाताओं को महंगाई पर संपत्ति के खरीद मूल्य को समायोजित करने में मदद करती है। इससे करदाताओं के संपत्ति बेचने पर कर योग्य पूंजीगत लाभ हो जाता है। कर व परामर्श कंपनी एकेएम ग्लोबल के कर साझेदार अमित माहेश्वरी के मुताबिक वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सीआईआई का सालाना संशोधन सीआईआई 376 है। यह करदाताओं को हर साल में पूंजीगत लाभ अधिक सटीक ढंग से समायोजित में सक्षम बनाता है।

महेश्वरी ने बताया, ‘यह दीर्घावधि पूंजी संपत्तियों पर कर देयता को समुचित रूप से कम करता है। यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तियों और व्यवसायों के वास्तविक लाभ पर कर लगाया जाए और यह महंगाई के कारण होने वाली काल्पनिक वृद्धि पर नहीं हो। यह भारत में दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर के दायरे की निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए प्रमुख तंत्र है। ऐतिहासिक रूप से सीआईआई का इस्तेमाल भूमि, भवन, आदि संपत्तियों के दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के लिए किया जाता था।’

वित्त विधेयक 2024 ने 23 जुलाई, 2024 के बाद बेची गई सभी संपत्तियों के लिए सीआईआई का उपयोग कर इंडेक्सेशन के लाभ को वापस ले लिया था।

First Published - July 2, 2025 | 10:41 PM IST

संबंधित पोस्ट