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क्या आप सच में 100% PF निकाल सकते हैं? जानिए नई लिमिट और नियम

EPFO ने पुराने नियम आसान किए, अब मेंबर अपने PF बैलेंस का 75% तक निकाल सकते हैं, वो भी बिना रिटायरमेंट बचत और पेंशन पर असर डाले।

Last Updated- October 14, 2025 | 1:01 PM IST
EPFO PF withdrawal rules

PF withdrawal rules: EPFO ने नए नियम लागू किए हैं, जिससे अब मेंबर अपने PF बैलेंस का 75% तक निकाल सकते हैं। इसमें कर्मचारी और नियोक्ता का योगदान दोनों शामिल है। केंद्रीय बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) ने 13 अक्टूबर को यह बदलाव मंजूर किया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय श्रम मंत्री मांसुख मांडविया ने की। EPFO के अनुसार, इन बदलावों का मकसद है कि मेंबर अपनी तत्काल जरूरतों के लिए पैसे निकाल सकें, वो भी रिटायरमेंट बचत और पेंशन को प्रभावित किए बिना।

पार्टियल विदड्रॉल हुआ अब आसान और लचीला

EPFO ने पुराने 13 जटिल प्रावधानों को अब तीन मुख्य कैटेगरी में बदल दिया है। पहली कैटेगरी है आवश्यक जरूरतें, जिसमें बीमारी, शिक्षा और शादी शामिल हैं। दूसरी कैटेगरी है हाउसिंग जरूरतें, और तीसरी है विशेष परिस्थितियां, जिसमें अब मेंबर बिना कारण बताए भी फंड निकाल सकते हैं। एजुकेशन और मैरिज के लिए निकासी की लिमिट भी बढ़ा दी गई है। पहले मेंबर कुल तीन बार ही पैसे निकाल सकते थे, लेकिन अब शिक्षा के लिए 10 बार और शादी के लिए 5 बार निकासी की अनुमति है। इसके अलावा, अब सभी निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि सिर्फ 12 महीने रखी गई है। फाइनल सेटलमेंट की अवधि बढ़ाकर 12 महीने और फाइनल पेंशन निकासी 36 महीने कर दी गई है। इसके साथ ही क्लेम प्रक्रिया अब ऑटोमैटिक और आसान होगी और इसके लिए दस्तावेजों की जरूरत भी कम रहेगी।

योग्य PF बैलेंस और मिनिमम बैलेंस कितना रहेगा?

नई व्यवस्था में मेंबर अपने EPF खाते से कुल बैलेंस का 75% तक निकाल सकते हैं, जबकि 25% हमेशा खाते में रहेगा। इससे रिटायरमेंट की बचत सुरक्षित रहती है और मेंबर EPFO के 8.25% सालाना ब्याज और कम्पाउंडिंग का फायदा उठा सकते हैं। यानी जरूरत पड़ने पर पैसा निकाल सकते हैं, लेकिन भविष्य के लिए बचत भी बनी रहती है।

विशेष परिस्थितियों में क्या बदलाव हुआ है?

पहले, मेंबर को हर बार निकासी के लिए कारण बताना पड़ता था, जैसे नौकरी से ले ऑफ हो जाना, बेरोजगारी, प्राकृतिक आपदा या महामारी। इससे कई क्लेम अस्वीकार हो जाते थे और सब्सक्राइबर्स को परेशानी होती थी। नए नियमों के तहत अब मेंबर बिना कारण बताए फंड निकाल सकते हैं, जिससे प्रक्रिया और ज्यादा आसान हो गई है।

EPFO का निवेश मैनेजमेंट और डिजिटल पहल कैसे बदल रही है?

CBT ने EPFO के डेट पोर्टफोलियो का मैनेजमेंट करने के लिए चार फंड मैनेजर नियुक्त किए हैं – SBI Funds Management, HDFC AMC, Aditya Birla Sun Life AMC और UTI AMC। इसका मकसद EPFO के निवेश को बेहतर तरीके से संभालना और अलग-अलग क्षेत्रों में फैलाना है, ताकि मेंबर की Provident Fund की बचत सुरक्षित रहे और लंबी अवधि में बढ़ती रहे।

First Published - October 14, 2025 | 1:01 PM IST

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