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Air India crash: पीड़ित परिवारों को कितना मिलेगा मुआवजा? मॉन्ट्रियल संधि, बीमा, नागरिकता और जांच से तय होगी फाइनल रकम

Air India crash: एयर इंडिया की ओर से जल्दी ही अंतरिम मुआवजे की घोषणा की जा सकती है। वहीं, अंतिम भुगतान की राशि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के नियमों के आधार पर तय होगी।

Last Updated- June 13, 2025 | 4:43 PM IST
Air India Plane Crash

Air India crash: अहमदाबाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद लंदन जा रहा एयर इंडिया का ड्रीमलाइनर विमान हादसे का शिकार हो गया। इस दुखद दुर्घटना के बाद अब ध्यान विमान में सवार 242 लोगों (यात्रियों और क्रू मेंबर्स) के परिजनों को मिलने वाले वित्तीय और कानूनी मुआवजे पर केंद्रित हो गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मुआवजे का निर्धारण 1999 की मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत किया जाएगा, जो एक अंतरराष्ट्रीय संधि है और भारत भी इसका हिस्सा है।

प्रूडेंट इंश्योरेंस ब्रोकर्स के वाइस प्रेसिडेंट (एविएशन एंड स्पेशल्टी लाइंस) हितेश गिरोत्रा के अनुसार, इस हादसे में मुआवजा मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत तय किया जाएगा, जो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के पार एयरलाइंस की जिम्मेदारी को मानकीकृत (standardizes) करता है। भारत ने इस संधि पर 2009 में हस्ताक्षर किए थे, इसलिए यह नियम इस घटना पर भी लागू होता है, जिसमें भारतीय और विदेशी नागरिक दोनों शामिल हैं।

यात्री मुआवजा: मॉन्ट्रियल कन्वेंशन (1999) के तहत नियम लागू

भारत ने मॉन्ट्रियल कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए हैं। यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जो विमान हादसे में यात्री की मौत या चोट पर मुआवजे के नियम तय करती है।
यह संधि तब लागू होती है जब:

  • एयरलाइन जिस देश की हो (जैसे इस मामले में भारत) और यात्री जिस देश का नागरिक हो, दोनों देश इस संधि के सदस्य हों।
  • उड़ान अंतरराष्ट्रीय हो, जैसे अहमदाबाद से लंदन की उड़ान।

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मुआवजा कितना मिलता है?

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत, एयरलाइन हर यात्री के लिए अधिकतम 1,28,821 स्पेशल ड्रॉइंग राइट्स (SDRs) तक के नुकसान की जिम्मेदार होती है, चाहे हादसे में उसकी गलती हो या नहीं।

अक्टूबर 2024 तक, 1 SDR की कीमत लगभग 1.33 डॉलर थी। इस हिसाब से 1,28,821 SDR का मतलब होता है लगभग 1,71,341 डॉलर प्रति यात्री (कम से कम मुआवजा)।

यह मुआवजा तय सीमा तक एयरलाइन की गलती साबित हुए बिना भी लागू होता है। अगर एयरलाइन की लापरवाही साबित होती है, तो इससे ज्यादा मुआवजे की जिम्मेदारी भी बन सकती है।

अग्रवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “मुआवजे की गणना स्पेशल ड्राइंग राइट्स (SDRs) के आधार पर होती है, जो अक्टूबर 2024 में 1,28,821 SDR (लगभग 1.33 डॉलर प्रति SDR) थे। असली भुगतान इस पर निर्भर करेगा कि एयर इंडिया ने कितनी बीमा सुरक्षा ली थी।”

नागरिकता का असर-

यात्रियों की नागरिकता के अनुसार मुआवजे की राशि थोड़ा अलग हो सकती है, क्योंकि यह संधि अलग-अलग देशों के बीच अलग तरह से लागू होती है। इस हादसे में 169 भारतीय, 53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक सवार थे। उनकी नागरिकता तय करेगी कि उन्हें मुआवजे में कितनी राशि मिलेगी।

संभावना है कि हर परिवार को कम से कम ₹1.5 करोड़ तक का मुआवजा मिल सकता है। अस्थायी मुआवजे की योजना भी तैयार की जा रही है। इस बीच, टाटा ग्रुप ने हर मृतक के परिवार को तुरंत राहत के तौर पर ₹1 करोड़ देने की घोषणा की है।

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SDR (स्पेशल ड्राइंग राइट्स) क्या है?

SDR एक मुद्रा जैसी रिज़र्व संपत्ति है, जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा परिभाषित किया गया है। यह डॉलर, यूरो, येन, पाउंड और युआन जैसी प्रमुख मुद्राओं की एक टोकरी पर आधारित होता है।

इसका उपयोग अंतरराष्ट्रीय भुगतान को मानकीकृत (standardize) करने के लिए किया जाता है।

एयरक्राफ्ट इंश्योरेंस: हल और लाइबिलिटी

एविएशन इंश्योरेंस दो हिस्सों में होता है:

1. हल ऑल-रिस्क इंश्योरेंस: यह बीमा विमान को हुए नुकसान (आंशिक या पूर्ण) को कवर करता है।

जो ड्रीमलाइनर विमान (VT-ABN) दुर्घटनाग्रस्त हुआ, वह 2013 मॉडल था और 2021 में इसका बीमा लगभग 11.5 करोड़ डॉलर में किया गया था। इस बीमे में विमान के साथ-साथ उसके स्पेयर पार्ट्स और ऑनबोर्ड उपकरण भी शामिल होते हैं।

अग्रवाल के अनुसार, जहां तक विमान को हुए नुकसान की बात है, यह एविएशन हल ऑल-रिस्क बीमा के तहत आएगा, जो विमान के मौजूदा मूल्य को कवर करता है, जिसमें स्पेयर पार्ट्स और उपकरण भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि ड्रीमलाइनर की वैल्यू उसकी कॉन्फ़िगरेशन, उम्र और अन्य कारकों पर निर्भर करती है, और यह आम तौर पर 21.1 करोड़ से 28 करोड़ डॉलर के बीच हो सकती है।

उन्होंने कहा, “यह विमान (VT-ABN) 2013 मॉडल का था और उपलब्ध जानकारी के अनुसार, 2021 में इसका बीमा करीब 11.5 करोड़ डॉलर में किया गया था। नुकसान आंशिक हो या पूर्ण, भुगतान उसी राशि के अनुसार होगा जो एयरलाइन ने घोषित की थी।”

2. लाइबिलिटी इंश्योरेंस (यात्री + थर्ड पार्टी)

यह बीमा यात्रियों को दिए जाने वाले मुआवजे, जमीन पर मौजूद तीसरे पक्ष (थर्ड पार्टी) और संपत्ति को हुए नुकसान को कवर करता है। यह बीमा एयरलाइन द्वारा सभी विमानों के लिए एक साथ फ्लीट पॉलिसी के रूप में खरीदी जाती है, जो उसके पूरे बेड़े को कवर करती है।

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भुगतान कौन करता है? (री-इंश्‍योरेंस मॉडल)

सारा वित्तीय बोझ एक अकेली इंश्योरेंस कंपनी नहीं उठाती। इसके बजाय, यह पॉलिसी दुनियाभर के री-इंश्‍योरेंस बाजारों (जैसे लंदन, न्यूयॉर्क) में बांटी जाती है। एक बड़ा री-इंश्‍योरर (जिसे “लीड” कहा जाता है) कुल जोखिम का करीब 10–15% हिस्सा लेता है। बाकी कंपनियां 1.5–2% तक का हिस्सा साझा करती हैं। इस मॉडल से वित्तीय बोझ वैश्विक स्तर पर बंट जाता है, जिससे किसी एक बीमा कंपनी पर ज्यादा दबाव नहीं आता।

इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IBAI) के अध्यक्ष नरेंद्र भारिंदवाल के अनुसार, एयर इंडिया जैसी बड़ी एयरलाइनों के लिए एविएशन इंश्योरेंस प्रोग्राम फ्लीट बेसिस पर तैयार किए जाते हैं और इन्हें लंदन और न्यूयॉर्क जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में री-इंश्‍योर किया जाता है।

उन्होंने कहा, “सारा जोखिम एक अकेली इंश्योरेंस कंपनी नहीं उठाती— बीमा कवरेज दुनियाभर के री-इंश्‍योरर्स के बीच बांटा जाता है, जिसमें किसी का हिस्सा सिर्फ 1.5% से 2% तक होता है, जबकि एक लीड री-इंश्‍योर आमतौर पर 10–15% तक का जोखिम लेता है। इस तरह की घटनाओं का वित्तीय असर वैश्विक स्तर पर इस नेटवर्क के बीच साझा किया जाता है।”

हालांकि भारिंदवाल ने यह भी कहा कि इस हादसे में एयरलाइन पर यात्रियों और थर्ड पार्टी से जुड़ी कुल जिम्मेदारी कितनी बनेगी, यह कहना अभी जल्दबाजी होगी।

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अंतरिम और फाइनल भुगतान

जहां एयर इंडिया की ओर से जल्दी ही अंतरिम मुआवजे की घोषणा की जा सकती है। वहीं, अंतिम भुगतान की राशि मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के नियमों के आधार पर तय होगी। ब्रोकरेज फर्म हाउडेन इंडिया के एमडी और सीईओ अमित अग्रवाल ने कहा, “इससे वैश्विक मानकों के अनुरूप जवाबदेही और निष्पक्षता सुनिश्चित होती है।”

उन्होंने यह भी बताया कि एयर इंडिया की बीमा कवरेज अंतिम भुगतान राशि को काफी हद तक प्रभावित करेगी। मिली जानकारी के अनुसार, एयर इंडिया ने दुर्घटनाग्रस्त बोइंग 787 (रजिस्ट्रेशन VT-ABN), जो 2013 मॉडल था, का 2021 में एविएशन हल इंश्योरेंस के तहत लगभग 11.5 करोड़ डॉलर का बीमा करवाया था।

उद्योग से जुड़े अनुमान बताते हैं कि विमान को हुए नुकसान, यात्रियों के मुआवजे और थर्ड पार्टी क्लेम्स को मिलाकर कुल बीमा दावों की राशि आसानी से ₹1,000 करोड़ से ज्यादा हो सकती है। यह आंकड़ा देश की सभी एयरलाइनों से सालभर में जुटाए जाने वाले एविएशन इंश्योरेंस प्रीमियम से भी अधिक है, जो इस हादसे की गंभीरता को दर्शाता है।

बीमा भुगतान की प्रक्रिया अंतरिम भुगतान से शुरू होगी और उसके बाद पूरी जांच और दावों की पुष्टि के बाद अंतिम भुगतान किए जाएंगे। कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि भुगतान पूरा होने में महीनों या सालों का समय लग सकता है, यह इस बात पर निर्भर करता है कि दावेदार अतिरिक्त हर्जाने की मांग करते हैं या नहीं।

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आपको क्या जानना चाहिए?

शुरुआती सहायता: टाटा ग्रुप की ओर से ₹1 करोड़ की तत्काल राहत देने की घोषणा की गई है। साथ ही मेडिकल खर्चों की व्यवस्था भी ग्रुप करेगा।

मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत मुआवजा: जांच के बाद प्रत्येक मृतकों के परिजनों को ₹1.5 करोड़ तक का मुआवजा संभव।

जरूरी दस्तावेज: बोर्डिंग पास, पहचान पत्र, नागरिकता का प्रमाण और बैंक खाता संबंधी जानकारी।

संभावित समयसीमा: अंतरिम भुगतान जल्द शुरू हो सकते हैं, लेकिन सभी दावों की जांच के बाद अंतिम भुगतान में कई महीने लग सकते हैं।

मुख्य बातें:

  • मृत यात्रियों के परिवारों को अंतरराष्ट्रीय विमानन कानून के तहत लगभग 1.71 लाख डॉलर (करीब ₹1.5 करोड़) का मुआवजा अपने आप मिलने का प्रावधान है।
  • अगर एयर इंडिया की लापरवाही साबित होती है, तो मुआवजे की राशि और अधिक हो सकती है। विमान को हुआ नुकसान बीमा में शामिल है और उसकी भरपाई बीमा के जरिए की जाएगी।
  • जिम्मेदारी का जोखिम वैश्विक इंश्योरेंस कंपनियों के बीच बांटा गया है, जिससे किसी एक कंपनी पर अधिक भार नहीं पड़ेगा।

First Published - June 13, 2025 | 4:27 PM IST

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