एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान के अहमदाबाद में हादसे के बाद एक बार फिर विमान सुरक्षा को लेकर बहस तेज हो गई है। यह घटना एक शेड्यूल्ड फ्लाइट से जुड़ी थी, लेकिन इससे यह बात फिर सामने आई है कि टेकऑफ और लैंडिंग जैसे पल उड़ान के सबसे जोखिम भरे समय होते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि ज्यादातर विमान हादसे लैंडिंग के दौरान होते हैं, इसके बाद टेकऑफ यानी उड़ान भरने का समय आता है।
हाल की अहमदाबाद की घटना को छोड़ दें, तो 2023 में जितने भी एयरक्राफ्ट हादसे हुए, वे सभी चार्टर्ड फ्लाइट्स या फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स से जुड़े थे। इसका मतलब है कि पिछले साल कोई बड़ा हादसा नियमित पैसेंजर फ्लाइट्स में नहीं हुआ। विमान हादसों की सबसे आम वजहों में इंजीनियरिंग या तकनीकी खराबी सबसे ऊपर रही है। इंजन, लैंडिंग गियर या कंट्रोल सिस्टम में आई गड़बड़ी की वजह से कई घटनाएं हुई हैं। 2023 में दर्ज फ्लाइट घटनाओं में बोइंग कंपनी के विमानों में सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज की गईं।
इस हादसे के बाद कुछ देर के लिए अहमदाबाद एयरपोर्ट पर उड़ान सेवाएं रोकी गई थीं, लेकिन कुछ ही घंटों बाद वहां से फ्लाइट ऑपरेशन फिर से शुरू कर दिए गए।
चलिए चार्ट के जरिए समझते हैं कि किस वजह से ये हादसे ज्यादा होते हैं। हमने नीचे दिए गए चार्ट में चार पहलुओं में चार्टर्ड फ्लाइट्स या फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स से जुड़े मामले, तकनीकी खराबी घटनाओं वाले मामले, लैंडिंग और टेकऑफ के दौरान होने वाले हादसे, बोइंग 787 विमानों में होने हादसे को शामिल किया है।
(CHART 1)
(CHART 2)
(CHART 3)
(CHART 4)