इस साल अपने एशिया लॉन्ग ओनली पोर्टफोलियो (जापान को छोड़कर) में भारतीय इक्विटी में हिस्सेदारी बढ़ाने के बाद जेफरीज के वैश्विक प्रमुख (इक्विटी रणनीतिकार) क्रिस वुड ने 16 शेयरों के साथ इंडिया लॉन्ग ओनली पोर्टफोलियो पेश किया है, जिनमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी, बजाज फाइनैंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ओएनजीसी, मारुति सुजूकी इंडिया, टाटा स्टील और जुबिलैंट फूडवक्र्स शामिल हैं।
करीब 19 साल पहले यानी साल 2002 की तीसरी तिमाही के आखिर में पेश ग्रीड ऐंड फियर के लॉन्ग ओनली एशिया पोर्टफोलियो (जापान को छोड़कर) में भारत का खासा प्रतिनिधित्व रहा है।
भारतीय इक्विटी के अब तक के सर्वोच्च स्तर के करीब पहुंचने और उच्च मूल्यांकन के बावजूद यह पोर्टफोलियो पेश किया गया है। अपने साप्ताहिक नोट ग्रीड ऐंड फियर में वुड ने लिखा है, यह निश्चित तौर पर भारतीय पोर्टफोलियो शुरू करने का सही समय नहीं है क्योंकि सेंसेक्स अब तक के सर्वोच्च स्तर के करीब है, पर इस लिहाज से बाजार में काफी अन्य शेयर भी हैं। ग्रिड ऐंड फियर मान रहा है कि भारत सात साल की गिरावट के बाद नए हाउसिंग चक्र की शुरुआत के दौर में है। इस क्षेत्र को पोर्टफोलियो में 17 फीसदी भारांक दिया गया है।
वुड ने कहा, यह पोर्टफलियो देसी मांग पर केंद्रित होगा, पर हेजिंग के लिए इसमें ऊर्जा का ठीक-ठाक भारांक होगा क्योंंकि तेल की ऊंची कीमत का भारत के वित्त व ब्याज के प्रति संवेदनशील अन्य क्षेत्रों पर असर पड़ सकता है।
वुड के अलावा अन्य शोध व ब्रोकिंग हाउस ने भारतीय इक्विटी बाजारों के महंगे मूल्यांकन को लेकर चिंता जतानी शुरू कर दी है। एचएसबीसी ने 2021 की दूसरी छमाही के लिए अपने एशियाई परिदृश्य में कहा है, मार्च 2020 के निचले स्तर से तीव्र बढ़ोतरी के बाद भारतीय शेयर बाजार का मूल्यांकन अब चिंता का विषय बन गया है। भारतीय इक्विटी बाजारों को लेकर उसने हालांकि तटस्थ रेटिंग बरकरार रखी है।