वित्तीय संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी Vodafone Idea का FPO आज यानी 18 अप्रैल गुरुवार से खुल गया है। कंपनी का फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) 22 तारीख तक बोली लगाने के लिए खुला रहेगा। इसके लिए 10-11 रुपए प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है।
कंपनी का प्लान इस FPO के जरिए 18,000 करोड़ रुपए जुटाने का है। लॉट साइज 1298 शेयर है। रिटेल निवेशकों के लिए FPO में बोली लगाने के लिए 18 से 22 अप्रैल तक का समय है।
शेयरों में दिखी तेजी
गुरुवार को शुरुआती कारोबार में ही कंपनी के शेयर में तेजी देखने को मिली। गुरुवार को यह स्टॉक 13.10 रुपये प्रति शेयर के भाव पर खुला। एक दिन पहले यानी मंगलवार को कंपनी का शेयर 12.95 रुपए प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ। वहीं शुरुआती कारोबार में यह 13.50 रुपये प्रति शेयर के इंट्राडे का ऊपरी स्तर बनाने में कामयाब रहा।
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
Vodafone Idea के CEO अक्षय मुंद्रा ने बताया कि कंपनी का ये सबसे बड़ा FPO है। पहले ये कयास लगाए जा रहे थे कि कंपनी इस फंड का इस्तेमाल 5G सर्विस को मजबूत बनाने के लिए एक बेहतर इंफ्रास्ट्रक्टर बनाने में और बकाया चुकाने में करेगी। लेकिन हाल ही में मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में CEO अक्षय मुंद्रा ने बताया कि इस फंडिंग का इस्तेमाल मूल रुप से ग्रोथ के लिए किया जाएगा।
वेंडर्स का बकाया चुकाने के लिए इंटरनल अकाउंट्स का इस्तेमाल किया जाएगा।
ये भी पढ़ें- EPF ने बदल दिया पैसे निकालने को लेकर नियम, अब इतने रुपये निकाल पाएंगे आप
एंकर निवेशकों से जुटाए 5000 करोड़ से अधिक
वोडाफोन आइडिया ने 5,400 करोड़ रुपये जुटाने के लिए एंकर निवेशकों को 11 रुपये प्रति शेयर (प्राइस बैंड के टॉप-एंड) पर 4.9 बिलियन शेयर अलॉट किए हैं। एंकर कैटेगरी में कुल 74 अलग-अलग स्कीम्स में शेयर अलॉट किए गए। अमेरिका की GQG पार्टनर्स ने 1,347 करोड़ रुपये मूल्य का सब्सक्रिप्शन लिया जो कि एंकर कैटेगरी का करीब एक चौथाई हिस्सा है। इसके अलावा अन्य बड़े ग्राहक Fidelity, Stichting, Redwheel, Motilal Oswal Mutual Fund और Troo Capital रहे।
वोडाफोन आइडिया की ‘पूंजी जुटाने वाली समिति (capital raising committee)’ की मंगलवार रात 11:45 बजे खत्म हुई बैठक के बाद अलॉटमेंट का फैसला किया गया।
ये भी पढ़ें- Patanjali Foods पर बड़ी खबर, GQG पार्टनर्स ने बढ़ाई हिस्सेदारी, शेयर में उछाल
बता दें, मोबाइल ऑपरेटर पिछले आठ वर्षों से लगातार घाटे में चल रहा है और वित्त वर्ष 2022-23 में 29,371 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 6,251 करोड़ रुपये का नकद घाटा दर्ज किया गया है। इसकी तुलना में, अप्रैल से दिसंबर 2023 की अवधि (9MFY24) के दौरान इसने 23,563 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 6,681 करोड़ रुपये का नकद घाटा दर्ज किया।