निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड के सीआईओ (इक्विटी निवेश) मनीष गुनवानी का कहना है कि मार्च के निचले स्तरों से दर्ज की गई भारी तेजी के बाद शेयर कुछ महंगे दिख सकते हैं, लेकिन बाजार फिलहाल उचित स्तर पर है। समी मोडक के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि वैल्यू थीम अगले साल सफल साबित हो सकता है। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश
प्रमुख सूचकांक मार्च के निचले स्तरों से 70 प्रतिशत से ज्यादा चढ़े हैं। क्या आप मानते हैं कि बाजारों में बुनियादी आधार के मुकाबले ज्यादा तेजी आई है?
जहां बाजार और अर्थव्यवस्था के बीच दृष्टिïगत अंतर दिखा है, लेकिन कुछ बिंदुओं को ध्यान में रखे जाने की जरूरत होगी। पहला, वैश्विक और घरेलू आर्थिक सुधार, दोनों की गति कुछ महीने पहले के मुकाबले अब ज्यादा बेहतर है। दूसरा, भारत के कॉरपोरेट आय चक्र में नरमी मार्च से नहीं बल्कि 5-6 वर्ष पहले से बनी हुई है। इस तरह से, आधार कई वर्षीय परिदृश्य से नीचे है। तीसरा, वैश्विक बाजार भारत के लिए बेहद सकारात्मक बने हुए हैं। आखिरी, जहां बाजार ऊंचे मल्टीपल पर समेकित स्तर पर कारोबार कर रहे हैं, वहीं ऐसे कई शेयर हैं जो अपने दो-तीन साल पहले के स्तरों से नीचे कारोबार कर रहे हैं। कुल मिलाकर, हमें विश्वास है कि मध्यावधि-दीर्घावधि परिदृश्य से बाजार अब उचित स्तर पर हैं।
अगले वर्ष के लिए क्या नजरिया है?
वैश्विक रूप से, अगले वर्ष की वृद्घि वापस आने, डॉलर में कमजोरी और उभरते बाजारों तथा जिंसों का प्रदर्शन अच्छा रहने की संभावना है। इसे देखते हुए हम बड़े दबाव की स्थिति से उबर रहे हैं, टीके के मोर्चे पर अच्छी प्रगति के साथ बड़ी मदद मिलने की संभावना है। घरेलू मोर्चे पर, हमने पिछले कुछ वर्षों की मंदी की वजह से कई उद्योगों में अप्रत्क्ष मांग देखी है। इसलिए अगला वर्ष आय सुधार वाला हो सकता है और काफी हद तक मूल्यांकन प्रभावित हो सकता है। हम लंबी अवधि के बाद आय अनुमानों में सुधार किए गए हैं और यह अच्छा संकेत है कि अनुमानों में सुधार ज्यादातर क्षेत्रों से जुड़े हुए हैं।
क्या आप मानते हैं कि वैल्यू शेयरों में तेजी आएगी?
अक्सर जब अर्थव्यवस्था किसी दिशा में तेजी से बदलती है, चाहे वह नकारात्मक हो या सकारात्मक, वैल्यू या कॉन्ट्रा शेयर अच्छा प्रदर्शन करते हैं। वैश्विक और घरेलू वृद्घि इस साल के निम्न आधार से काफी अलग रहने की संभावना है। यह संभावना है कि वैल्यू शेयर अच्छा प्रदर्शन करेंगे। सामान्य तौर पर, होटल, विमानन और रिटेलिंग जैसे कोविड प्रभावित क्षेत्रों के अलावा वैल्यू-केंद्रित क्षेत्र ऊर्जा, धातु और कॉरपोरेट उधारी वाले बैंक रहे हैं।
आपके पसंदीदा क्षेत्र कौन से हैं?
हम बड़े निजी बैंकों, दूरसंचार, वाणिज्यिक वाहन संबंधित दांव और आईटी तथा फार्मा में कुछ खास कंपनियों को पसंद करते हैं। इसके अलावा, मिड-कैप क्षेत्र में, कई शेयर आकर्षक कीमतों पर हैं जिनमें सीमेंट, रियल एस्टेट, यूटीलिटीज, इंडस्ट्रियल और ऑटो एंसिलियरी जैसे सेगमेंट मुख्य रूप से शामिल हैं।
क्या आप मानते हैं कि पूंजी आईटी और फार्मा से बाहर आएगी और उन क्षेत्रों में जाएगी जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है?
चक्रीय सुधार में, यह संभव है कि अल्पवधि में मजबूत बैलेंस शीट वाले क्षेत्र (जैसे आईटी और फार्मा) अन्य शेयरों के मुकाबले कम पसंदीदा रहें, लेकिन हमें विश्वास है कि इन दोनों क्षेत्रों में भारत को अच्छी प्रतिस्पर्धी बढ़त हासिल है, खासकर उभरते भू-राजनीतिक परिवेश में, और हम इन क्षेत्रों में खास कंपनियों को लगातार पसंद कर रहे हैं।
म्युचुअल फंड इस साल और ताजा महीनों में भी बड़े शुद्घ बिकवाल रहे हैं। क्या कारण है?
इसकी मुख्य वजह उद्योग में प्रवाह की अस्थिरता है और पिछले तीन-चार महीने में इस उद्योग से निवेश की निकासी हुई है जिससे बिकवाली को बढ़ावा मिला।
अल्पावधि जोखिम क्या हैं?
पहला जोखिम स्वास्थ्य के मोर्चे से संबंधित है- यदि कोविड की दूसरी लहर तेजी होती है या टीके की पेशकश में किसी तरह की समस्या होती है। दूसरा यह है कि वैश्विक ब्याज दरें चढऩे की संभावना है, क्योंकि वृद्घि में सुधार आ रहा है और यदि नकदी को लेकर स्थिति सख्त हुई तो इससे वृद्घि प्रभावित हो सकती है। कच्चे तेल की कीमतों में बड़ी तेजी भारत के लिए हमेशा जोखिम बनी रहेगी। ऐसी कई संरचनात्मक समस्याएं हैं।