शेयर बाजार में इस साल भी आईपीओ सेक्टर गुलजार रहने वाला है। जल्द ही एक और टायर बनाने वाली कंपनी का आईपीओ बाजार में आने वाला है। ये कंपनी है केरल की Tollins Tyres, कंपनी ने अपना 230 करोड़ रुपये का IPO लाने के लिए SEBI के पास आवेदन जमा कर दिया है।
16 फरवरी को फाइल किया ड्राफ्ट पेपर
कंपनी ने IPO ड्राफ्ट पेपर को 16 फरवरी को फाइल किया है। डिटेल्स पर नजर डालें तो इसमें ₹200 करोड़ का फ्रेश इक्विटी शेयर और ₹30 करोड़ का हिस्सा प्रोमोटर की ओर से बिक्री के लिए है। OFS के जरिए कंपनी के प्रोमोटर कलामप्रमाबिल वार्की टोलिन और उनकी पत्नी जेरिन टोलिन अपना हिस्सा घटाएंगे। दोनों मिलकर कुल ₹15 करोड़ शेयर बेचेंगे।
कंपनी रजिस्ट्रार के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस दाखिल करने से पहले, कंपनी प्री-आईपीओ प्लेसमेंट के जरिए ₹25 करोड़ जुटाने पर विचार कर रही है। टॉलिन परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी का इरादा ऋण चुकौती के लिए शुद्ध ताजा निर्गम आय से ₹62.55 करोड़ और दीर्घकालिक कार्यशील पूंजी जरूरतों के लिए ₹75 करोड़ आवंटित करने का है, जनवरी 2024 तक कुल ऋण ₹95.09 करोड़ है।
इसके अतिरिक्त, ₹24.37 करोड़ का निवेश पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी टॉलिन रबर्स में किया जाएगा। इसमें से ₹16.37 करोड़ सहायक कंपनी के ऋण को चुकाने में खर्च किए जाएंगे, और ₹8 करोड़ उसकी कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं के लिए खर्च किए जाएंगे। नए इश्यू से शेष आय सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए आवंटित की जाएगी।
क्या करती है कंपनी
टायर बनाने वाली कंपनी Tollins Tyers, इस ब्रांड के लाइट कमर्शियल वाहनों, कृषि से जुड़े वाहनों और 2/3 पहिया वाहनों के लिए टायर बनाती है। देश में कंपनी अपने टायर की बिक्री करती ही है इसी के साथ ये कंपनी मीडिल ईस्ट, ASEAN क्षेत्र और अफ्रीकी देशों में एक्सपोर्ट भी करती है।
वर्तमान में कंपनी के पास 19 देशों से एक्सपोर्ट का बिजनेस है। इन देशों में एक्सपोर्ट से उसकी आय का करीब 9.01% हिस्सा आता है। ये आंकड़ा मार्च 2023 को खत्म हुए कारोबारी साल तक का है।
टॉलिन्स टायर्स को इंडैग रबर, वामशी रबर, टीवीएस श्रीचक्र, जीआरपी और एल्गी रबर जैसे सूचीबद्ध प्रतिस्पर्धियों से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से, इसने मार्च वित्त वर्ष 2023 को समाप्त वित्तीय वर्ष में ₹4.99 करोड़ का स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ हासिल किया, जबकि पिछले वर्ष यह ₹0.63 करोड़ था, साथ ही इसी अवधि के दौरान परिचालन से राजस्व में ₹113.4 करोड़ से बढ़कर ₹118.3 करोड़ हो गया।